मैं निश्चय ही तुझे आशिष दूंगा, और तेरे वंश को आकाश के तारों एवं समुद्र तट के रेत-कणों के सदृश असंख्य बनाऊंगा। तेरे वंशज अपने शत्रुओं के नगर-द्वारों पर अधिकार करेंगे।
उत्पत्ति 32:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तूने कहा था, “मैं तेरे साथ भलाई करूँगा, और तेरे वंश को समुद्र के रेतकणों के सदृश असंख्य बनाऊंगा, जिनका अधिकता के कारण गिनना असम्भव होता है।” ’ पवित्र बाइबल हे यहोवा, तूने मुझसे कहा, ‘मैं तुम्हारी भलाई करूँगा। मैं तुम्हारे परिवार को बढ़ाऊँगा और तुम्हारे वंशजों को समुद्र के बालू के कणों के समान बढ़ा दूँगा। वे इतने अधिक होंगे कि गिने नहीं जा सकेंगे।’” Hindi Holy Bible तू ने तो कहा है, कि मैं निश्चय तेरी भलाई करूंगा, और तेरे वंश को समुद्र की बालू के किनकों के समान बहुत करूंगा, जो बहुतायत के मारे गिने नहीं जो सकते। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तू ने तो कहा है कि मैं निश्चय तेरी भलाई करूँगा, और तेरे वंश को समुद्र की बालू के किनकों के समान बहुत करूँगा, जो बहुतायत के मारे गिने नहीं जा सकते।” नवीन हिंदी बाइबल तूने तो कहा है, ‘मैं निश्चय तेरी भलाई करूँगा, और तेरे वंश को समुद्र की बालू के कणों के समान बहुत करूँगा, जो बहुतायत के कारण गिने नहीं जा सकते।’ ” सरल हिन्दी बाइबल आपने कहा था कि निश्चय मैं तुम्हें बढ़ाऊंगा तथा तुम्हारे वंश की संख्या सागर तट के बालू समान कर दूंगा.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तूने तो कहा है, कि मैं निश्चय तेरी भलाई करूँगा, और तेरे वंश को समुद्र के रेतकणों के समान बहुत करूँगा, जो बहुतायत के मारे गिने नहीं जा सकते।” |
मैं निश्चय ही तुझे आशिष दूंगा, और तेरे वंश को आकाश के तारों एवं समुद्र तट के रेत-कणों के सदृश असंख्य बनाऊंगा। तेरे वंशज अपने शत्रुओं के नगर-द्वारों पर अधिकार करेंगे।
दूत याकूब के पास लौट आए। अन्होंने कहा, ‘हम आपके भाई एसाव के पास गए थे। वह आपसे भेंट करने आ रहे हैं। उनके साथ चार सौ पुरुष हैं।
यहूदा और इस्राएल प्रदेशों की जनसंख्या समुद्र के तट के रेत-कणों के समान असंख्य थी। वे खाते-पीते और आनन्द मनाते थे।
अपने सेवक अब्राहम, इसहाक और इस्राएल को स्मरण कर, जिनसे तूने स्वयं अपनी शपथ खाई थी, और उनसे कहा था, “मैं तुम्हारे वंश को आकाश के तारों के सदृश असंख्य करूँगा। मैं यह समस्त देश, जिसकी प्रतिज्ञा मैंने की थी, तेरे वंश को प्रदान करूँगा। वे उस पर सदा अधिकार रखेंगे।” ’
इस्राएली राष्ट्र की जनसंख्या सागर-तट के रेत कणों के सदृश असंख्य हो जाएगी, जिनको न मापा जा सकता है और न जिनकी गणना ही की जा सकती है। जिस स्थान में उनको ‘लो-अम्मी’ अर्थात् ‘मेरे लोग नहीं’ कहा गया था, वही उन्हें कहा जाएगा, ‘जीवित परमेश्वर की संतान’।
परमेश्वर मनुष्य नहीं है कि वह झूठ बोले, और न वह मनुष्य का पुत्र है कि पश्चात्ताप करे! जो उसने कहा, क्या वह उसको न करे? जो वह बोले, क्या वह उसको पूर्ण न करे?
यदि हम विश्वास न करें, तो भी वह विश्वसनीय बने रहते हैं; क्योंकि वह अपने स्वभाव के विरुद्ध नहीं जा सकते।”
और शाश्वत जीवन की आशा का आधार है। सत्यवादी परमेश्वर ने अनादि काल से इस जीवन की प्रतिज्ञा की थी।
और इसलिए एक मरणासन्न व्यक्ति, अर्थात् अब्राहम से वह सन्तति उत्पन्न हुई, जो आकाश के तारों की तरह असंख्य है और सागर-तट के बालू के कणों की तरह अगणित।
परमेश्वर प्रतिज्ञा के उत्तराधिकारियों को सुस्पष्ट रूप से अपने संकल्प की अपरिवर्तनीयता दिखलाना चाहता था, इसलिए उसने शपथ खा कर प्रतिज्ञा की।
इसके अतिरिक्त इस्राएल का महिमामय परमेश्वर झूठ नहीं बोलता, और न अपने वचन से मुँह मोड़ता है। वह मनुष्य नहीं है कि अपने वचन से मुँह मोड़े।’