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गिनती 23:19 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

19 परमेश्‍वर मनुष्‍य नहीं है कि वह झूठ बोले, और न वह मनुष्‍य का पुत्र है कि पश्‍चात्ताप करे! जो उसने कहा, क्‍या वह उसको न करे? जो वह बोले, क्‍या वह उसको पूर्ण न करे?

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पवित्र बाइबल

19 परमेश्वर मनुष्य नहीं है, वह झूठ नहीं बोलेगा; परमेश्वर मनुष्य पुत्र नहीं, उसके निर्णय बदलेंगे नहीं। यदि यहोवा कहता है कि वह कुछ करेगा तो वह अवश्य उसे करेगा। यदि यहोवा वचन देता है तो अपने वचन को अवश्य पूरा करेगा।

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Hindi Holy Bible

19 ईश्वर मनुष्य नहीं, कि झूठ बोले, और न वह आदमी है, कि अपनी इच्छा बदले। क्या जो कुछ उसने कहा उसे न करे? क्या वह वचन देकर उस पूरा न करे?

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

19 ईश्‍वर मनुष्य नहीं कि झूठ बोले, और न वह आदमी है कि अपनी इच्छा बदले। क्या जो कुछ उसने कहा उसे न करे? क्या वह वचन देकर उसे पूरा न करे?

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सरल हिन्दी बाइबल

19 परमेश्वर मनुष्य तो हैं नहीं, कि झूठी बात करें, न ही वह मानव की संतान हैं, कि उन्हें अपना मन बदलना पड़े. क्या, यह संभव है कि उन्होंने कुछ कहा है? और उन्हें वह पूरा करना असंभव हो गया?

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

19 परमेश्वर मनुष्य नहीं कि झूठ बोले, और न वह आदमी है कि अपनी इच्छा बदले। क्या जो कुछ उसने कहा उसे न करे? क्या वह वचन देकर उसे पूरा न करे? (रोम. 9:6, 2 तीमु. 2:13)

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गिनती 23:19
36 क्रॉस रेफरेंस  

इसी देश में प्रवास कर। मैं तेरे साथ रहूँगा, और तुझे आशिष दूँगा। मैं तुझे और तेरे वंशजों को ये सब देश प्रदान करूँगा। जो शपथ मैंने तेरे पिता अब्राहम से खायी थी, उसे पूर्ण करूँगा।


देख, मैं तेरे साथ हूँ। जहाँ कहीं तू जाएगा, मैं तेरी रक्षा करूँगा। मैं तुझे इस देश में वापस लाऊंगा। जो बातें मैंने तुझसे कही हैं, जब तक उनको पूर्ण नहीं कर लूँगा तब तक तुझे नहीं छोड़ूँगा।’


यारोबआम के पक्ष का व्यक्‍ति, जो नगर में मारा जाएगा, उसका शव कुत्ते खाएंगे। और जो खुले मैदान में मारा जाएगा, उसक शव आकाश के पक्षी खाएँगे।” यह प्रभु की वाणी है।


यों प्रभु का यह वचन, जो उसने येहू से कहा था, पूरा हुआ : ‘केवल चौथी पीढ़ी तक तेरे वंशज इस्राएल के सिंहासन पर बैठेंगे’।


सेना-नायक ने जिसके हाथ के सहारे राजा खड़ा था, परमेश्‍वर के जन से यह कहा, ‘यदि स्‍वयं प्रभु आकाश में झरोखे बनाए तो भी क्‍या यह सम्‍भव है?’ एलीशा ने सेना-नायक को उत्तर दिया, ‘तुम स्‍वयं अपनी आंखों से यह देखोगे; परन्‍तु तुम उस अन्न को खा नहीं सकोगे।’


फिर भी यह तेरी दृष्‍टि में कितनी छोटी बात है। हे परमेश्‍वर, तूने अपने सेवक के वंश को सुदूर भविष्‍य के लिए भी वचन दिया। इस प्रकार तूने मुझे महान् मनुष्‍य माना!


प्रभु ने शपथ खाई है, और वह अपना यह निश्‍चय नहीं बदलेगा: ‘तू मलकीसेदेक के समान सदा के लिए पुरोहित है।’


प्रभु ने दाऊद से सत्‍य शपथ खाई है, वह उससे विमुख न होगा; ‘तेरे निज पुत्रों में से एक पुत्र को मैं तेरे सिंहासन पर बैठाऊंगा।


क्‍या परमेश्‍वर अनुग्रह करना भूल गया? क्‍या उसने अपने क्रोध में दया-द्वार बन्‍द कर लिया है?” सेलाह


न मैं अपना विधान भंग करूंगा, और न अपने मुंह से निकले हुए शब्‍दों को बदलूंगा।


मैंने सदा-सर्वदा के लिए अपनी पवित्रता की शपथ खाई है; मैं दाऊद के प्रति झूठा नहीं बनूंगा।


धनुर्धारी सशक्‍त केदारी सैनिकों के कुछ ही वंशज शेष रहेंगे।” इस्राएल के प्रभु परमेश्‍वर ने यह कहा है।


परन्‍तु प्रभु भी बुद्धिमान है; वह दुर्जनों को दु:ख देता है। वह अपने वचन से नहीं मुकरता है। वह दुर्जनों के गृह-कुल के विरुद्ध उठता है। वह उनको भी दण्‍डित करता है जो दुष्‍कर्मियों की सहायता करते हैं।


घास सूख जाती है, फूल मुरझाते हैं, पर हमारे परमेश्‍वर का वचन नित्‍य है, वह कभी टलता नहीं।


मैंने पूर्व देश के एक शिकारी पक्षी को बुलाया है; दूर देश से मैंने अपने संकल्‍प को पूरा करनेवाले को बुलाया है। यह मैं कह चुका हूं; निस्‍सन्‍देह मैं यह कार्य सम्‍पन्न करूंगा; जैसा मेरा अभिप्राय है, वैसा ही मैं करूंगा।


ऐसे ही जो शब्‍द मेरे मुंह से निकलता है, वह मेरे पास खाली नहीं लौटेगा; वरन् जिस उद्देश्‍य से मैंने उसको उच्‍चारा था, वह उसको पूरा करेगा; जिसके लिए मैंने उसको भेजा था, वह उसको सफल करेगा।’


पृथ्‍वी इस देश के लिए विलाप करेगी; आकाश शोक से अंधकारमय हो जाएगा। जो मैंने कहा है, जो मैंने निश्‍चित किया है उसको पूरा करूंगा मैं इस कार्य के लिए नहीं पछताऊंगा, और न ही अपने वचन से मुंह मोड़ूंगा।’


“स्‍वप्‍न का यह अर्थ राजा पर, अर्थात् मुझ-नबूकदनेस्‍सर पर घटा।


मैं अपनी क्रोधाग्‍नि को आदेश नहीं दूंगा; मैं एफ्रइम को पुन: नष्‍ट नहीं करूंगा। मैं मनुष्‍य नहीं, ईश्‍वर हूं, तेरे मध्‍य पवित्र परमेश्‍वर हूं। मैं नष्‍ट करने के लिए तेरे नगर में नहीं आऊंगा।


तू याकूब-वंशियों पर अपनी सच्‍चाई प्रकट करेगा, और अब्राहम के कुल पर करुणा, जैसी तूने प्राचीन काल में हमारे पूर्वजों से शपथ खाई थी।


दर्शन के पूर्ण होने में कुछ देर है, पर वह अवश्‍य पूरा होगा, वह झूठा नहीं होगा। यदि उसके पूर्ण होने में देर हो, तो प्रतीक्षा कर। यह दर्शन अवश्‍य सिद्ध होगा, उसमें अधिक विलम्‍ब न होगा।’


‘मैं अपरिवर्तनीय प्रभु हूं: इसलिए ओ याकूब के वंशजो, तुम अब तक जीवित हो।


मैं-प्रभु ने यह कहा है! मैं इस दुष्‍ट मंडली के साथ, जो मेरे विरोध में एकत्र हुई है, निश्‍चय ऐसा ही करूंगा। इस निर्जन प्रदेश में उनका सम्‍पूर्ण विनाश होगा। यहीं वे मर-मिटेंगे।” ’


बिल्‍आम ने अपनी गाथा गाना आरम्‍भ किया। उसने गाया, ‘ओ बालाक उठ, और मेरी बात सुन! ओ सिप्‍पोर के पुत्र, मेरी बात पर कान दे;


आकाश और पृथ्‍वी टल जाएँ, तो टल जाएँ, परन्‍तु मेरे शब्‍द कदापि नहीं टल सकते।


क्‍योंकि परमेश्‍वर न तो अपने वरदान वापस लेता और न अपना आह्‍वान टाल देता है।


फिर भी यह नहीं समझना चाहिए कि परमेश्‍वर का वचन रद्द हो गया है; क्‍योंकि इस्राएल के वंश में उत्‍पन्न सभी लोग सच्‍चे इस्राएली नहीं हैं


यदि हम विश्‍वास न करें, तो भी वह विश्‍वसनीय बने रहते हैं; क्‍योंकि वह अपने स्‍वभाव के विरुद्ध नहीं जा सकते।”


और शाश्‍वत जीवन की आशा का आधार है। सत्‍यवादी परमेश्‍वर ने अनादि काल से इस जीवन की प्रतिज्ञा की थी।


वह इन दो अपरिवर्तनीय कार्यों, अर्थात् प्रतिज्ञा और शपथ में, झूठा प्रमाणित नहीं हो सकता। इस से हमें, जिन्‍होंने परमेश्‍वर की शरण ली है, यह प्रबल प्रेरणा मिलती है कि हमें जो आशा दिलायी गयी है, हम उसे धारण किये रहें।


क्‍योंकि मसीह की नियुिक्‍त के समय प्रभु परमेश्‍वर ने शपथ खायी थी। जैसा कि धर्मग्रन्‍थ कहता है, “मैंने शपथ ली है और मेरी यह शपथ अपरिवर्तनीय है: तू सदा पुरोहित बना रहेगा।”


सभी उत्तम दान और सभी पूर्ण वरदान ऊपर के हैं और नक्षत्रों के उस सृष्‍टिकर्ता पिता के यहाँ से उतरते हैं, जिस में न तो कोई परिवर्तन है और न परिक्रमा के कारण कोई अन्‍धकार।


क्‍या तुम समझते हो कि धर्मग्रन्‍थ अकारण कहता है कि परमेश्‍वर ने जिस आत्‍मा को हम में समाविष्‍ट किया, उस को वह बड़ी ममता से चाहता है?


प्रभु ने इस्राएली वंशजों की भलाई करने की प्रतिज्ञा की थी। इस प्रकार उसने समस्‍त अच्‍छे कामों को पूर्णत: पूरा किया। एक भी कार्य शेष नहीं रहा।


इसके अतिरिक्‍त इस्राएल का महिमामय परमेश्‍वर झूठ नहीं बोलता, और न अपने वचन से मुँह मोड़ता है। वह मनुष्‍य नहीं है कि अपने वचन से मुँह मोड़े।’


उस दिन मैं उन सब बातों को आरम्‍भ से अन्‍त तक पूर्ण करूँगा, जो मैंने एली के परिवार के विषय में कही हैं।


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