अत: परमेश्वर ने अपने स्वरूप में मनुष्य को रचा। परमेश्वर के स्वरूप में उसने मनुष्य की सृष्टि की। परमेश्वर ने उन्हें नर और नारी बनाया।
उत्पत्ति 2:7 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तब प्रभु परमेश्वर ने मनुष्य को भूमि की मिट्टी से गढ़ा तथा उसके नथुनों में जीवन का श्वास फूँका और मनुष्य एक जीवित प्राणी बन गया। पवित्र बाइबल तब यहोवा परमेश्वर ने पृथ्वी से धूल उठाई और मनुष्य को बनाया। यहोवा ने मनुष्य की नाक में जीवन की साँस फूँकी और मनुष्य एक जीवित प्राणी बन गया। Hindi Holy Bible और यहोवा परमेश्वर ने आदम को भूमि की मिट्टी से रचा और उसके नथनों में जीवन का श्वास फूंक दिया; और आदम जीवता प्राणी बन गया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब यहोवा परमेश्वर ने आदम* को भूमि की मिट्टी से रचा, और उसके नथनों में जीवन का श्वास फूँक दिया; और आदम जीवित प्राणी बन गया। नवीन हिंदी बाइबल तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को भूमि की मिट्टी से रचा, और उसके नथनों में जीवन का श्वास फूँक दिया; और आदम जीवित प्राणी बन गया। सरल हिन्दी बाइबल फिर याहवेह परमेश्वर ने मिट्टी से मनुष्य को बनाया तथा उसके नाक में जीवन की सांस फूंक दिया. इस प्रकार मनुष्य जीवित प्राणी हो गया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को भूमि की मिट्टी से रचा, और उसके नथनों में जीवन का श्वास फूँक दिया; और आदम जीवित प्राणी बन गया। (1 कुरि. 15:45) |
अत: परमेश्वर ने अपने स्वरूप में मनुष्य को रचा। परमेश्वर के स्वरूप में उसने मनुष्य की सृष्टि की। परमेश्वर ने उन्हें नर और नारी बनाया।
तू तब तक अपने पसीने की रोटी खाएगा, जब तक उस भूमि में न लौटे जिससे तू बनाया गया था। तू तो मिट्टी है, और मिट्टी में ही मिल जाएगा।’
अत: प्रभु परमेश्वर ने मनुष्य को अदन के उद्यान से भेज दिया कि वह उस भूमि पर खेती करे, जिसमें से उसे बनाया गया था।
मुझे परमेश्वर के आत्मा ने रचा है, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की सांस मुझे जीवन प्रदान करती है।
तब आदमी की क्या बात, जो मिट्टी के मकान में रहता है, जिसकी नींव ही मिट्टी है, जो पतंगे के समान नष्ट हो जाता है!
जान लो कि प्रभु ही परमेश्वर है; प्रभु ने ही हमें बनाया है, और हम उसी के हैं; हम उसके निज लोग, उसके चरागाह की भेड़ें हैं।
तब मिट्टी मिट्टी में मिल जाएगी, और आत्मा परमेश्वर के पास लौट जाएगी, जिसने उसको प्रदान किया था।
तो भी, प्रभु, तू हमारा पिता है, हम मिट्टी मात्र हैं, और तू हमारा कुम्हार है। हम-सब तेरे हाथ की रचना हैं।
हमारा प्राण, प्रभु का अभिषिक्त राजा बन्दी बना लिया गया; और वह उनके गड्ढों में डाल दिया गया। हम अपने राजा के विषय में यह कहते थे: ‘हम महाराज की छत्रछाया में पृथ्वी के राष्ट्रों के मध्य जीवित रहेंगे।’
स्वामी-प्रभु सूखी हड्डियों से यह कहता है : “मैं तुममें प्राण फूंकूंगा, और तुम जीवित हो जाओगी।
मैं तुममें नसें भरूंगा और तुम्हारे कंकाल पर मांस चढ़ाऊंगा। मैं उसको त्वचा से ढकूंगा, और तुम्हें प्राण से परिपूर्ण कर दूंगा। तब तुम जीवित हो जाओगी और तुम्हें अनुभव होगा कि मैं ही प्रभु हूं।” ’
प्रभु की ओर से यह एक गंभीर चेतावनी है। जिस प्रभु ने आकाश को ताना है, जिसने पृथ्वी की नींव डाली है और जिसने मानव के भीतर की आत्मा को निर्मित किया है, उस प्रभु की इस्राएल के सम्बन्ध में यह वाणी है। प्रभु यों कहता है:
किन्तु मूसा और हारून अपने मुंह के बल गिरकर प्रभु से कहने लगे, ‘हे परमेश्वर, समस्त प्राणियों की आत्माओं के ईश्वर! एक मनुष्य के पाप करने पर क्या तू समस्त मंडली पर क्रोध करेगा?’
‘प्रभु, समस्त प्राणियों की आत्माओं के परमेश्वर, तू इस्राएली मंडली के ऊपर किसी व्यक्ति को नियुक्त कर
और न उसे किसी वस्तु का अभाव है कि वह मनुष्यों के हाथों से सेवा ग्रहण करे; क्योंकि वह तो स्वयं सब को जीवन, प्राण और सब वस्तुएं प्रदान करता है।
अरे भई! तुम कौन हो, जो परमेश्वर से विवाद करते हो? क्या गढ़ी हुई प्रतिमा अपने गढ़ने वाले से कहती है, “तुमने मुझे ऐसा क्यों बनाया?”
धर्मग्रन्थ में लिखा है कि “प्रथम मनुष्य आदम एक जीवन्त प्राणी बन गया।” अन्तिम आदम तो एक जीवनदायक आत्मा बन गया।
यह अमूल्य निधि हममें-मिट्टी के पात्रों में रखी रहती है, जिससे यह स्पष्ट हो जाये कि यह अलौकिक सामर्थ्य हमारा अपना नहीं, बल्कि परमेश्वर का है।
हम जानते हैं कि जब यह तम्बू, पृथ्वी पर हमारा यह घर, गिरा दिया जायेगा तो हमें परमेश्वर द्वारा निर्मित एक निवास मिलेगा। वह एक ऐसा घर है, जो हाथ का बना हुआ नहीं है और अनन्तकाल तक स्वर्ग में बना रहेगा।
हमारे माता-पिता हमें ताड़ना देते थे और हम उनका सम्मान करते थे, तो हमें कहीं अधिक तत्परता से अपने आत्मिक पिता की अधीनता स्वीकार करनी चाहिए, जिससे हमें जीवन प्राप्त हो।