अब्राहम ने उत्तर दिया, ‘मैं तो मिट्टी और राख मात्र हूँ, फिर भी अपने स्वामी से बातें करने का साहस कर रहा हूँ।
अय्यूब 4:19 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तब आदमी की क्या बात, जो मिट्टी के मकान में रहता है, जिसकी नींव ही मिट्टी है, जो पतंगे के समान नष्ट हो जाता है! पवित्र बाइबल सो मनुष्य तो और भी अधिक गया गुजरा है। मनुष्य तो कच्चे मिट्टी के घरौंदों में रहते हैं। इन मिट्टी के घरौंदों की नींव धूल में रखी गई हैं। इन लोगों को उससे भी अधिक आसानी से मसल कर मार दिया जाता है, जिस तरह भुनगों को मसल कर मारा जाता है। Hindi Holy Bible फिर जो मिट्टी के घरों में रहते हैं, और जिनकी नेव मिट्टी में डाली गई है, और जो पतंगे की नाईं पिस जाते हैं, उनकी क्या गणना। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर जो मिट्टी के घरों में रहते हैं; और जिनकी नींव मिट्टी में डाली गई है, और जो पतंगे के समान पिस जाते हैं, उनकी क्या गणना। सरल हिन्दी बाइबल तब उन पर जो मिट्टी के घरों में निवास करते, जिनकी नींव ही धूल में रखी हुई है, जिन्हें पतंगे-समान कुचलना कितना अधिक संभव है! इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर जो मिट्टी के घरों में रहते हैं, और जिनकी नींव मिट्टी में डाली गई है, और जो पतंगे के समान पिस जाते हैं, उनकी क्या गणना। (2 कुरि. 5:1) |
अब्राहम ने उत्तर दिया, ‘मैं तो मिट्टी और राख मात्र हूँ, फिर भी अपने स्वामी से बातें करने का साहस कर रहा हूँ।
तब प्रभु परमेश्वर ने मनुष्य को भूमि की मिट्टी से गढ़ा तथा उसके नथुनों में जीवन का श्वास फूँका और मनुष्य एक जीवित प्राणी बन गया।
तू तब तक अपने पसीने की रोटी खाएगा, जब तक उस भूमि में न लौटे जिससे तू बनाया गया था। तू तो मिट्टी है, और मिट्टी में ही मिल जाएगा।’
‘प्रभु स्मरण कर कि तूने मुझे मिट्टी से बनाया था; अब क्या तू मुझे मिट्टी में ही मिला देगा?
तुम्हारी सूिक्तयाँ राख के समान व्यर्थ हैं, तुम्हारे बचाव के तर्क मिट्टी के हैं, जो ढह जाती है।
मैं जर्जर हूँ, और सड़ी गली वस्तु के समान नष्ट हो रहा हूँ! मैं कीड़ा खाया हुआ वस्त्र हूँ!
वह फूल के समान खिलता है, और फिर मुरझा जाता है; वह छाया के समान ढलता है, और स्थिर नहीं रहता है।
प्राण के निकलते ही वे मिट्टी में मिल जाते हैं; उसी दिन उनकी योजनाएँ भी नष्ट हो जाती हैं।
“तू डांट-डपट से व्यक्ति को कुकर्म के लिए दंडित करता है- जैसा कीड़ा वस्तुओं को खा जाता है, तू उसकी इच्छित वस्तुओं को नष्ट कर देता है। निस्सन्देह प्रत्येक मनुष्य श्वास मात्र है। सेलाह
तब मिट्टी मिट्टी में मिल जाएगी, और आत्मा परमेश्वर के पास लौट जाएगी, जिसने उसको प्रदान किया था।
यह अमूल्य निधि हममें-मिट्टी के पात्रों में रखी रहती है, जिससे यह स्पष्ट हो जाये कि यह अलौकिक सामर्थ्य हमारा अपना नहीं, बल्कि परमेश्वर का है।
हम जानते हैं कि जब यह तम्बू, पृथ्वी पर हमारा यह घर, गिरा दिया जायेगा तो हमें परमेश्वर द्वारा निर्मित एक निवास मिलेगा। वह एक ऐसा घर है, जो हाथ का बना हुआ नहीं है और अनन्तकाल तक स्वर्ग में बना रहेगा।
क्योंकि धर्मग्रन्थ में लिखा है- “समस्त शरीरधारी घास के सदृश हैं और उनका सौन्दर्य घास के फूल की तरह। घास मुरझाती है और फूल झड़ता है,