अय्यूब 32:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उनके साथ एलीहू नामक एक युवक था। उसके पिता का नाम बारकेल था, जो बूजी वंश और राम के कुल का था। एलीहू का क्रोध अय्यूब के प्रति भड़क उठा; क्योंकि उसने अपने दु:ख के लिए परमेश्वर को दोषी और स्वयं को निर्दोष प्रमाणित किया था। पवित्र बाइबल वहाँ एलीहू नाम का एक व्यक्ति भी था। एलीहू बारकेल का पुत्र था। बारकेल बुज़ नाम के एक व्यक्ति के वंशज था। एलीहू राम के परिवार से था। एलीहू को अय्यूब पर बहुत क्रोध आया क्योंकि अय्यूब कह रहा था कि वह स्वयं नेक है और वह परमेश्वर पर दोष लगा रहा था। Hindi Holy Bible और बूजी बारकेल का पुत्र एलीहू जो राम के कुल का था, उसका क्रोध भड़क उठा। अय्यूब पर उसका क्रोध इसलिये भड़क उठा, कि उसने परमेश्वर को नहीं, अपने ही को निर्दोष ठहराया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब बूजी बारकेल का पुत्र एलीहू जो राम के कुल का था, उसका क्रोध भड़क उठा। अय्यूब पर उसका क्रोध इसलिये भड़क उठा कि उसने परमेश्वर को नहीं, अपने ही को निर्दोष ठहराया। सरल हिन्दी बाइबल किंतु राम के परिवार के बुज़वासी बारकएल के पुत्र एलिहू का क्रोध भड़क उठा-उसका यह क्रोध अय्योब पर ही था, क्योंकि अय्योब स्वयं को परमेश्वर के सामने नेक प्रमाणित करने में अटल थे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और बूजी बारकेल का पुत्र एलीहू जो राम के कुल का था, उसका क्रोध भड़क उठा। अय्यूब पर उसका क्रोध इसलिए भड़क उठा, कि उसने परमेश्वर को नहीं, अपने ही को निर्दोष ठहराया। |
क्या तुझे निर्दोष पर अत्याचार करना अच्छा लगता है? तू अपनी ही सृष्टि से घृणा क्यों करता है? तू दुर्जन की योजनाओं को सफल क्यों करता है?
तुम्हारी अधार्मिकता ही तुम्हें विवश करती है। और तुम इस प्रकार की बातें करते हो; तुमने धूर्त की जबान चुनी है!
नहीं, अय्यूब, तुमने महादुष्कर्म किए हैं; तुम्हारे अधर्म के कामों का कोई अन्त नहीं है।
‘जीवित परमेश्वर की सौगन्ध! मैं न्याय की दृष्टि से निर्दोष था, फिर भी उसने मुझे दण्ड दिया! सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने मेरे प्राण को पीड़ित किया है!
परमेश्वर न करे कि मैं यह कहूँ कि तुम सच कहते हो। मैं जीवन के अन्तिम क्षण तक अपने आदर्श को अपने से अलग नहीं करूँगा।
मैं अपने धर्म को कसकर पकड़े हुए हूँ, मैं उसको हाथ से न जाने दूंगा; मेरा हृदय मुझे अपने पिछले जीवन के लिए दोषी नहीं ठहराता।
वह अय्यूब के तीनों मित्रों से भी नाराज हुआ; क्योंकि उन्होंने अय्यूब को दोषी तो घोषित किया, पर अपने पक्ष में अय्यूब को उत्तर न दे सके।
‘निस्सन्देह, तुमने मेरी उपस्थिति में अपने मित्रों के सम्मुख अपना पक्ष प्रस्तुत किया है; मैंने तुम्हारी बातें सुनी हैं।
‘क्या तुम इस बात को न्यायसंगत समझते हो? क्या तुम यह दावा करते हो कि तुम परमेश्वर से अधिक धार्मिक हो?
क्या तू मेरे न्याय को व्यर्थ सिद्ध करेगा? तू स्वयं को निर्दोष ठहराकर मुझे दोषी प्रमाणित करेगा?
उनके हृदय की कठोरता देख कर येशु को दु:ख हुआ और वह उन पर क्रोध भरी दृष्टि दौड़ा कर उस मनुष्य से बोले, “अपना हाथ बढ़ाओ।” उसने अपना हाथ बढ़ाया और उसका हाथ अच्छा हो गया।
इस पर व्यवस्था के आचार्य ने अपने प्रश्न की सार्थकता दिखलाने के लिए येशु से पूछा, “लेकिन मेरा पड़ोसी कौन है?”
यदि आप क्रुद्ध हो जायें, तो इस कारण पाप न करें-सूरज के डूबने तक अपना क्रोध कायम नहीं रहने दें।