अय्यूब 27:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)2 ‘जीवित परमेश्वर की सौगन्ध! मैं न्याय की दृष्टि से निर्दोष था, फिर भी उसने मुझे दण्ड दिया! सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने मेरे प्राण को पीड़ित किया है! अध्याय देखेंपवित्र बाइबल2 “सचमुच परमेश्वर जीता है और यह जितना सत्य है कि परमेश्वर जीता है सचमुच वह वैसे ही मेरे प्रति अन्यायपूर्ण रहा है। हाँ! सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने मेरे जीवन में कड़वाहट भरी है। अध्याय देखेंHindi Holy Bible2 मैं ईश्वर के जीवन की शपथ खाता हूँ जिसने मेरा न्याय बिगाड़ दिया, अर्थात उस सर्वशक्तिमान के जीवन की जिसने मेरा प्राण कड़ुआ कर दिया। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)2 “मैं परमेश्वर के जीवन की शपथ खाता हूँ जिसने मेरा न्याय बिगाड़ दिया, अर्थात् उस सर्वशक्तिमान के जीवन की जिसने मेरा प्राण कड़ुआ कर दिया। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल2 “जीवित परमेश्वर की शपथ, जिन्होंने मुझे मेरे अधिकारों से वंचित कर दिया है, सर्वशक्तिमान ने मेरे प्राण को कड़वाहट से भर दिया है, अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 20192 “मैं परमेश्वर के जीवन की शपथ खाता हूँ जिसने मेरा न्याय बिगाड़ दिया, अर्थात् उस सर्वशक्तिमान के जीवन की जिसने मेरा प्राण कड़वा कर दिया। अध्याय देखें |
ओ मानव, तू उनसे यह कह : “मैं स्वयं स्वामी-प्रभु बोल रहा हूँ : मुझे अपने जीवन की सौगन्ध है! मैं किसी भी दुर्जन की मृत्यु से प्रसन्न नहीं होता हूँ। किन्तु मुझे तब प्रसन्नता होती है, जब दुर्जन अपना बुरा आचरण छोड़ देता है और मरने से बच जाता है। इसी प्रकार ओ इस्राएल के वंशजो, अपने बुरे आचरण को छोड़ दो, अपने बुरे मार्ग से पीठ फेर लो। तुम क्यों मरना चाहते हो?”
इसलिए आज रात ठहर जाओ। यदि वह सबेरे तुम्हारा निकटतम कुटुम्बी होने का दायित्व पूरा करता है तो ठीक है। वह तुमसे विवाह करे। परन्तु यदि वह तुम्हारा निकटतम कुटुम्बी होने के दायित्व को पूरा करने के लिए तत्पर नहीं होगा तो मैं जीवन्त प्रभु की शपथ खाता हूँ कि मैं तुम्हारा निकट कुटुम्बी होने का दायित्व पूरा करूँगा। अब तुम यहाँ सबेरे तक सोती रहो।’
परन्तु इस्राएली सैनिकों ने शाऊल से कहा, ‘क्या योनातन को मृत्यु-दण्ड दिया जाएगा, जिसने इस्राएली राष्ट्र के लिए यह महा विजय प्राप्त की है? यह कदापि नहीं होगा। जीवन्त प्रभु की सौगन्ध! उसके सिर का एक बाल भी भूमि पर नहीं गिरेगा। उसने परमेश्वर की सहायता से आज यह कार्य सम्पन्न किया है।’ अत: सैनिकों ने योनातन को छुड़ा लिया और उसको मृत्यु-दण्ड नहीं दिया गया।