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2 राजाओं 11:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

तत्‍पश्‍चात् यहोयादा ने राजकुमार योआश को बाहर निकाला। उसने राजकुमार के सिर पर मुकुट रखा, उसको साक्षी-पत्र सौंपा और उसका अभिषेक किया। जनता ने ताली बजाकर जय-जयकार किया। उन्‍होंने कहा, ‘राजा चिरायु हो!’

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पवित्र बाइबल

ये व्यक्ति योआश को बाहर ले आए। उन्होंने योआश के सिर पर मुकुट पहनाया और परमेश्वर तथा राजा के बीच की वाचा को उसे दिया। तब उन्होंने उसका अभिषेक किया और उसे नया राजा बनाया। उन्होंने तालियाँ बजाईं और उद्घोष किया, “राजा दीर्घायु हो!”

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Hindi Holy Bible

तब उसने राजकुमार को बाहर ला कर उसके सिर पर मुकुट, और साक्षीपत्र धर दिया; तब लोगों ने उसका अभिषेक कर के उसको राजा बनाया; फिर ताली बजा बजा कर बोल उठे, राजा जीवित रहे।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

तब उसने राजकुमार को बाहर लाकर उसके सिर पर मुकुट, और साक्षीपत्र रख दिया; तब लोगों ने उसका अभिषेक करके उसको राजा बनाया; फिर ताली बजा बजाकर बोल उठे, “राजा जीवित रहे!”

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सरल हिन्दी बाइबल

फिर पुरोहित यहोयादा राजकुमार को लेकर बाहर आए, उसके सिर पर मुकुट रखा और उसे साक्षी पत्र दे दिया. तब उन्होंने उसे राजा घोषित कर उसका राजाभिषेक किया, और ताली बजाकर सबने जयघोष करते हुए कहा, “महाराज जीवित रहें!”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

तब उसने राजकुमार को बाहर लाकर उसके सिर पर मुकुट, और साक्षीपत्र रख दिया; तब लोगों ने उसका अभिषेक करके उसको राजा बनाया; फिर ताली बजा-बजाकर बोल उठे, “राजा जीवित रहे!”

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2 राजाओं 11:12
45 क्रॉस रेफरेंस  

अत: मैं उनके पास खड़ा हुआ और मैंने उनका वध कर दिया। मैं निश्‍चित रूप से जानता था कि वह भूमि पर गिर जाने के पश्‍चात् नहीं बचेंगे। मैंने उनका मुकुट, और बाजूबन्‍द उतार लिया; और स्‍वामी, मैं उनको आपके पास ले आया हूँ।’


उसने अम्‍मोनी देवता मिल्‍कोम के सिर के सोने का मुकुट उतार लिया। उसको दाऊद के सिर पर रखा गया। उसका वजन लगभग पैंतीस किलो था। उसमें एक मणि जड़ा हुआ था। दाऊद नगर से लूट का बहुत माल ले गया।


अर्की जाति का हूशय, जो दाऊद का मित्र था, अबशालोम के पास आया। उसने अबशालोम से यह कहा, ‘महाराज चिरायु हों! महाराज चिरायु हों!’


तब यहूदा प्रदेश के निवासी वहाँ आए। उन्‍होंने दाऊद को यहूदा-पितृकुल का राजा अभिषिक्‍त किया। उन्‍होंने दाऊद को यह बताया, ‘याबेश-गिलआद नगर के नागरिकों ने शाऊल को दफना दिया है।’


तुम्‍हारे हाथ मजबूत हों! तुम शूरवीर बनो! तुम्‍हारे स्‍वामी शाऊल मर गए हैं, और अब यहूदा के वंशजों ने मुझे अपना राजा अभिषिक्‍त किया है।’


अत: इस्राएली कुलों के सब धर्मवृद्ध हेब्रोन नगर में राजा दाऊद के पास आए। राजा दाऊद ने उनके साथ हेब्रोन नगर में प्रभु के सम्‍मुख सन्‍धि की। उन्‍होंने दाऊद को इस्राएली प्रदेश का भी राजा बनाने के लिए उसका अभिषेक किया।


वह आज नीचे घाटी में गया है। उसने अनेक बैलों, हृष्‍ट-पुष्‍ट पशुओं और भेड़ों की बलि की है, और राजकुमारों, सेनापति योआब और पुरोहित एबयातर को निमन्‍त्रित किया है। देखिए, वे उसके साथ खा-पी रहे हैं। वे यह भी कह रहे हैं’ “महाराज अदोनियाह अमर हों!”


वहां पुरोहित सादोक और नबी नातान सुलेमान को इस्राएली राष्‍ट्र का राजा अभिषिक्‍त करेंगे। तत्‍पश्‍चात् तुम लोग नरसिंगा फूंकना, और कहना, “महाराज सुलेमान अमर हों!”


पुरोहित सादोक ने शिविर में से तेल से भरा सींग निकाला, और तेल से सुलेमान का अभिषेक किया। उसके बाद उन्‍होंने नरसिंगा फूंका। सब जनता ने कहा, ‘राजा सुलेमान अमर हों!’


राजा ने शिमई से यह भी कहा, ‘जो दुष्‍कर्म तुमने मेरे पिता दाऊद के साथ किए थे, उन सबको तुम अपने हृदय में जानते हो। अत: प्रभु तुम्‍हारे दुष्‍कर्मों का फल तुम्‍हारे ही सिर पर डालेगा।


पहरेदार अपने हाथ में शस्‍त्र थामकर मन्‍दिर के दक्षिणी कोने से उत्तरी कोने तक, मन्‍दिर तथा वेदी को घेर कर खड़े हो गए।


किन्‍तु राजा योराम की पुत्री यहोशाबा ने, जो अहज्‍याह की बहिन थी, अपने भतीजे योआश का अन्‍य राजकुमारों के मध्‍य से, जिनकी हत्‍या की जानेवाली थी, अपहरण कर लिया। उसने योआश और उसकी धाय को शयनागार में छिपा दिया। यों उसने अतल्‍याह की दृष्‍टि से उसको छिपा दिया। अत: योआश का वध नहीं हुआ।


सातवें वर्ष में पुरोहित यहोयादा ने दूत भेजकर कारी जाति के सैनिकों और अंगरक्षकों के शतपतियों को बुलाया। पुरोहित यहोयादा ने उन्‍हें प्रभु के भवन में आने दिया। उसने उनसे सन्‍धि की। उसने प्रभु के भवन में उनको शपथ दिलाई। तत्‍पश्‍चात् उसने उनको राजपुत्र दिखाया।


तत्‍काल हरएक व्यक्‍ति ने अपना अंगरखा उतार कर येहू को बैठाने के लिए उसे सीढ़ियों पर ही बिछा दिया। उन्‍होंने नरसिंगा फूंका, और यह जयघोष किया, ‘येहू राजा है!’


तत्‍पश्‍चात् तेल की कुप्‍पी लेना, और उसके सिर पर तेल को उण्‍डेल देना। तुम यह कहना, “प्रभु यों कहता है : मैं तुझे इस्राएल का राजा अभिषिक्‍त करता हूँ।” इसके बाद तुम द्वार खोलना, और भाग आना। वहां मत रुकना।’


उसके बाद पुरोहित यहोयादा राजकुमार को बाहर लाया। उसने राजकुमार के सिर पर मुकुट रखा और उसको साक्षी-पत्र सौंपा। पुरोहित यहोयादा और उसके पुत्रों ने राजकुमार का अभिषेक किया, और उसको राजा घोषित कर दिया। समस्‍त जन-समूह ने जय-जयकार किया, और कहा, ‘राजा चिरायु हो!’


सम्राट ने अन्‍य स्‍त्रियों से अधिक एस्‍तर को प्‍यार किया; और एस्‍तर ने सब कन्‍याओं से अधिक सम्राट की कृपा-दृष्‍टि प्राप्‍त की। सम्राट उससे यहाँ तक प्रसन्न हो गया कि उसने उसके सिर पर राजमुकुट पहिना दिया, और उसको वशती के स्‍थान पर रानी बना दिया।


वह राजसी पोशाक लाई जाए, जिसको महाराज स्‍वयं पहनते हैं। उसकी सवारी के लिए वह राजमुकुट धारण करनेवाला घोड़ा लाया जाए, जिस पर महाराज स्‍वयं बैठते हैं; तथा


मैं दाऊद के शत्रुओं को लज्‍जित करूंगा; पर दाऊद का मुकुट उस पर सदा सुशोभित होगा।’


तू शुभ आशिषों के साथ उसके पास आता है; तू उसके सिर पर सोने का मुकुट रखता है।


वह तुझ से जीवन माँगता है, और तू उसे देता है, युग-युगांत तक दीर्घ जीवन।


हे सब जातियों, आनन्‍द से ताली बजाओ! ऊंचे स्‍वर में परमेश्‍वर का जयजयकार करो!


प्रभु ने याकूब में साक्षी स्‍थापित की है, और इस्राएल में व्‍यवस्‍था नियुक्‍त की है। उसने हमारे पूर्वजों को आज्ञा दी थी कि वे अपनी सन्‍तान को ये बातें सिखाएं,


तूने अपने सेवक के साथ अपने विधान को त्‍याग दिया; तूने उसके मुकुट को भूमि पर गिराकर अशुद्ध कर दिया।


सरिताएं करतल ध्‍वनि करें। पर्वत मिलकर


जो साक्षी-पत्र मैं तुझे दूँगा, उसे मंजूषा में रखना।


जब प्रभु ने सीनय पर्वत पर मूसा से वार्तालाप समाप्‍त किया तब उन्‍हें साक्षी की दो पट्टियाँ, अपने हाथ से लिखी पत्‍थर की दो पट्टियाँ दीं।


तुम इस देश से आनन्‍दपूर्वक निकलोगे, और कुशलतापूर्वक तुम्‍हारा नेतृत्‍व किया जाएगा। मार्ग में आनेवाली पहाड़ियां और पहाड़ तुम्‍हारे सम्‍मुख आनन्‍द के गीत गाएंगे; मैदान के पेड़ हर्ष से तालियाँ बजाएंगे।


साक्षी-पत्र बन्‍द करो; प्रभु की इस शिक्षा पर मेरे शिष्‍यों के मध्‍य मुहर लगाओ।


प्रभु की शिक्षा और उसकी साक्षी की ओर लौटो! यदि तुम उन लोगों के कथन के अनुसार आचरण करोगे, तो तुम्‍हारे लिए ज्ञान की पौ न फटेगी।


हमारा प्राण, प्रभु का अभिषिक्‍त राजा बन्‍दी बना लिया गया; और वह उनके गड्ढों में डाल दिया गया। हम अपने राजा के विषय में यह कहते थे: ‘हम महाराज की छत्रछाया में पृथ्‍वी के राष्‍ट्रों के मध्‍य जीवित रहेंगे।’


उन्‍होंने उससे कहा, ‘महाराज लाखों वर्ष जीएं!


दानिएल ने सम्राट से कहा, ‘महाराज, आप लाखों वर्ष जीएं!


येशु के आगे-आगे और उनके पीछे आनेवाले लोग यह नारा लगा रहे थे, “दाऊद के वंशज की जय हो! जय हो! धन्‍य है वह, जो प्रभु के नाम पर आता है! सर्वोच्‍च स्‍वर्ग में जय हो! जय हो!”


काँटों का मुकुट गूँथ कर उनके सिर पर रखा और उनके दाहिने हाथ में सरकण्‍डा थमा दिया। तब उनके सामने घुटने टेक कर उन्‍होंने यह कहते हुए उनका उपहास किया, “यहूदियों के राजा, प्रणाम!”


“वास्‍तव में शासक हेरोदेस और राज्‍यपाल पोंतियुस पिलातुस ने, अन्‍य-जातियों तथा इस्राएल की जनता के साथ, इस नगर में तेरे परमपावन सेवक येशु के विरुद्ध, जिनका तूने अभिषेक किया, षड्‍यन्‍त्र रचा था


परमेश्‍वर, आप के साथ-साथ, हमें भी मसीह में सुदृढ़ बनाये रखता है और उन्‍हीं अभिषिक्‍त मसीह में हमारा अभिषेक करता है।


तूने धर्म का पक्ष ले कर अधर्म से बैर किया है, इसलिए हे परमेश्‍वर! तेरे परमेश्‍वर ने तुझे तेरे साथियों के ऊपर उठा कर आनन्‍द के तेल से तेरा अभिषेक किया है।”


परन्‍तु हम यह देखते हैं कि येशु कुछ काल के लिए स्‍वर्गदूतों से छोटे बनाए गए थे, किन्‍तु मृत्‍यु की यन्‍त्रणा सहने के कारण येशु को महिमा और सम्‍मान का मुकुट पहनाया गया है। इस प्रकार वह परमेश्‍वर की कृपा से प्रत्‍येक मनुष्‍य के लिए मृत्‍यु का स्‍वाद चख सके।


उसकी आँखें अग्‍नि की तरह धधकती हैं और उसके सिर पर अनेक मुकुट हैं। उसके शरीर पर एक नाम अंकित है, जिसे उसके अतिरिक्‍त और कोई नहीं जानता।


शमूएल ने तेल की एक कुप्‍पी ली। उसने तेल को शाऊल के सिर पर उण्‍डेला। तत्‍पश्‍चात् उसने उसका चुम्‍बन लिया और कहा, ‘प्रभु ने अपने निज लोग इस्राएलियों के अगुए के रूप में तुम्‍हारा अभिषेक किया है। तुम प्रभु के निज लोगों पर शासन करोगे। तुम उन्‍हें उनके चारों ओर के शत्रुओं के हाथ से बचाओगे। प्रभु ने अपनी निज सम्‍पत्ति पर शासन करने के लिए अगुए के रूप में तुम्‍हारा अभिषेक किया है, इस बात का तुम्‍हारे लिए ये चिह्‍न होंगे :


शमूएल ने लोगों से कहा, ‘जिस व्यक्‍ति को प्रभु ने चुना, उसे तुमने देख लिया कि सब लोगों में उसके समान दूसरा कोई भी नहीं है।’ लोगों ने जय-जयकार किया, ‘राजा चिरायु हो!’


तब शमूएल ने कुप्‍पी का तेल लिया, और उससे भाइयों के मध्‍य में दाऊद का अभिषेक किया। प्रभु का आत्‍मा अतिवेग से दाऊद पर उतरा, और उस दिन से वह उसमें निवास करने लगा। शमूएल उठा। वह रामाह नगर को चला गया।