‘हे मेरे परमेश्वर, मैं तेरी ओर अपनी आंखें नहीं उठा सकता, मैं लज्जित हूं; हमारे अपराधों का ढेर लग गया है, हमारे दुष्कर्म आकाश को छूने लगे हैं।
2 थिस्सलुनीकियों 3:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यदि कोई इस पत्र में बताई गई हमारी बातों को न माने, तो उस पर नजर रखें और उससे सम्बन्ध तोड़ लें, जिससे वह अपने आचरण पर लज्जित हो। पवित्र बाइबल इस पत्र के माध्यम से दिए गए हमारे आदेशों पर यदि कोई न चले तो उस व्यक्ति पर नजर रखो और उसकी संगत से दूर रहो ताकि उसे लज्जा आए। Hindi Holy Bible यदि कोई हमारी इस पत्री की बात को न माने, तो उस पर दृष्टि रखो; और उस की संगति न करो, जिस से वह लज्ज़ित हो; पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यदि कोई हमारी इस पत्री की बात को न माने तो उस पर दृष्टि रखो, और उसकी संगति न करो, जिससे वह लज्जित हो। नवीन हिंदी बाइबल यदि कोई इस पत्र में लिखी हमारी बातों को न माने तो उससे सतर्क रहना और उसके साथ संगति न रखना, ताकि वह लज्जित हो। सरल हिन्दी बाइबल यदि कोई व्यक्ति हमारे इस पत्र के आदेशों को नहीं मानता है, उस पर विशेष ध्यान दो. उसका साथ न दो कि वह लज्जित हो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यदि कोई हमारी इस पत्री की बात को न माने, तो उस पर दृष्टि रखो; और उसकी संगति न करो, जिससे वह लज्जित हो; |
‘हे मेरे परमेश्वर, मैं तेरी ओर अपनी आंखें नहीं उठा सकता, मैं लज्जित हूं; हमारे अपराधों का ढेर लग गया है, हमारे दुष्कर्म आकाश को छूने लगे हैं।
मैंने अपने गुरुओं की शिक्षाओं को नहीं सुना, मैंने अपने शिक्षकों के उपदेशों पर ध्यान नहीं दिया।
अत: मैंने वर्षा रोक दी, वसंत ऋतु में होनेवाली वर्षा इस वर्ष नहीं हुई। फिर भी तुझे पाप की ग्लानि नहीं हुई। तेरी आंखों में व्यभिचार झलकता रहा!
जब वे घृणित कार्य करते हैं, तब क्या वे लज्जित होते हैं? नहीं, उनकी आंखों में शर्म-लज्जा का पानी मर गया है। दुष्कर्म करते समय पश्चात्ताप की भावना उनमें उभरती ही नहीं। इसलिए विनाश होनेवालों के साथ वे भी नष्ट होंगे। जब मैं यरूशलेम के निवासियों को दण्ड दूंगा, तब नबी और पुरोहित भी ठोकर खाकर गिर जाएंगे।’ प्रभु की यह वाणी है।
वह किसी की बात पर ध्यान नहीं देती, वह ताड़ना पाने पर भी नहीं सुधरी। वह प्रभु पर भरोसा नहीं करती। वह परमेश्वर की आराधना के लिए उसके मन्दिर में नहीं आती।
प्रभु ने मूसा से कहा, ‘यदि उसके पिता ने उसके मुख पर थूक दिया हो, तो क्या उसको सात दिन तक अपना मुंह नहीं छिपाना चाहिए? वह सात दिन तक पड़ाव के बाहर बन्द रहेगी। उसके बाद वह पड़ाव के भीतर आ सकेगी।’
यदि वह उनकी भी नहीं सुनता, तो कलीसिया को बता दो और यदि वह कलीसिया की भी नहीं सुनता है, तो उसे विधर्मी और चुंगी-अधिकारी जैसा समझो।
भाइयो और बहिनो! मैं आप लोगों से अनुरोध करता हूँ कि आप उन लोगों से सावधान रहें, जो फूट डालते और दूसरों के लिए पाप का कारण बनते हैं। इस प्रकार का व्यवहार उस शिक्षा से मेल नहीं खाता, जो आप को मिली है। आप ऐसे लोगों से दूर रहें।
मैं आप लोगों को, लज्जित करने के लिए यह नहीं लिख रहा हूँ, बल्कि आप को अपने प्यारे बच्चे मान कर समझा रहा हूँ;
बल्कि मैंने लिखा कि यदि ‘भाई’ कहलाने वाला कोई व्यक्ति व्यभिचारी, लोभी, मूर्तिपूजक, निन्दक, शराबी या धोखेबाज है, तो उसके साथ भोजन तक नहीं करें।
और जब आप लोगों ने उस अधीनता को पूर्ण रूप से स्वीकार किया, तो हम किसी भी अवज्ञाकारी को दण्ड देने के लिए तैयार हैं।
मैंने आपकी परीक्षा लेने के उद्देश्य से भी लिखा था। मैं यह जानना चाहता था कि आप सभी बातों में आज्ञाकारी हैं या नहीं।
जब उन्हें याद आता है कि आप सब ने उनकी बात मानी और डरते-कांपते हुए उनका स्वागत किया, तो आप के प्रति उनका प्रेम और भी बढ़ जाता है।
स्मरण रखना कि तू भी मिस्र देश में गुलाम था। तू इन संविधियों का पालन करना, और इनके अनुसार कार्य करना।
मेरे प्रिय भाइयो और बहिनो! जिस प्रकार आप लोग सदा मेरी बात मानते रहे हैं, उसी प्रकार अब भी-मेरी उपस्थिति से अधिक मेरी अनुपस्थिति में और भी अधिक उत्साह से आप लोग डरते-काँपते हुए अपनी मुक्ति के कार्य में लगे रहें।
जब यह पत्र आप लोगों के यहाँ पढ़ कर सुनाया जा चुकेगा, तब आप ऐसा प्रबन्ध करें कि यह लौदीकिया नगर की कलीसिया में भी पढ़कर सुनाया जाये और लौदीकिया की कलीसिया के नाम लिखा हुआ पत्र आप लोग भी पढ़ें।
इसलिए जो इस आदेश का तिरस्कार करता है, वह मनुष्य का नहीं, बल्कि परमेश्वर का तिरस्कार करता है जो आप को अपना पवित्र आत्मा प्रदान करता है।
प्यारो! हम आप को अपने प्रभु येशु मसीह के नाम पर आदेश देते हैं कि आप उन भाई-बहिनों से अलग रहें, जो काम नहीं करते और उस परम्परा के अनुसार नहीं चलते, जो आप लोगों को हम से प्राप्त हुई है।
तुम्हारे उपदेश हितकर और अनिन्दनीय हों। इस प्रकार विरोधी किसी भी बात के विषय में हमारी निन्दा न कर सकने के कारण लज्जित होगा।
जो व्यक्ति अपने भ्रांत विश्वास के कारण फूट डालता है, उसे एक-दो बार चेतावनी दो और इसके बाद यह जान कर उस से दूर रहो
मैं यह जान कर तुम्हारी आज्ञाकारिता पर पूरे भरोसे के साथ लिख रहा हूँ कि मैं जो अनुरोध कर रहा हूँ, तुम उस से भी अधिक करोगे।
आपके धर्मनेताओं को रात-दिन आपकी आध्यात्मिक भलाई की चिन्ता रहती है, क्योंकि वे इसके लिए उत्तरदायी हैं। इसलिए आप लोग उनका आज्ञापालन करें और उनके अधीन रहें, जिससे वे अपना कर्त्तव्य आनन्द के साथ, न कि आहें भरते हुए, पूरा कर सकें; क्योंकि इस से आप को कोई लाभ नहीं होगा।
यदि कोई आप लोगों के पास आता है और यह शिक्षा साथ नहीं लाता, तो आप उसको अपने घर में न ठहराएं, और न ही उसका स्वागत करें;