2 थिस्सलुनीकियों 2:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) भाइयो और बहिनो! प्रभु आपको प्यार करता है। हमें प्रभु परमेश्वर को आप लोगों के विषय में निरन्तर धन्यवाद देना चाहिए। परमेश्वर ने प्रथम फल के रूप में आपको चुना, जिससे आप पवित्र करनेवाले आत्मा द्वारा और सत्य में अपने विश्वास द्वारा मुक्ति प्राप्त करें। पवित्र बाइबल प्रभु में प्रिय भाईयों, तुम्हारे लिए हमें सदा परमेश्वर का धन्यवाद करना चाहिए क्योंकि परमेश्वर ने आत्मा के द्वारा तुम्हें पवित्र करके और सत्य में तुम्हारे विश्वास के कारण उद्धार पाने के लिए तुम्हें चुना है। जिन व्यक्तियों का उद्धार होना है, तुम उस पहली फसल के एक हिस्से हो। Hindi Holy Bible पर हे भाइयो, और प्रभु के प्रिय लोगो चाहिये कि हम तुम्हारे विषय में सदा परमेश्वर का धन्यवाद करते रहें, कि परमेश्वर ने आदि से तुम्हें चुन लिया; कि आत्मा के द्वारा पवित्र बन कर, और सत्य की प्रतीति करके उद्धार पाओ। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हे भाइयो, और प्रभु के प्रिय लोगो, चाहिये कि हम तुम्हारे विषय में सदा परमेश्वर का धन्यवाद करते रहें, क्योंकि परमेश्वर ने आदि से तुम्हें चुन लिया कि आत्मा के द्वारा पवित्र बनकर, और सत्य की प्रतीति करके उद्धार पाओ, नवीन हिंदी बाइबल हे भाइयो, प्रभु के प्रियो, हमें तुम्हारे विषय में परमेश्वर का सदैव धन्यवाद करना चाहिए, क्योंकि परमेश्वर ने आरंभ से ही तुम्हें चुन लिया है कि तुम आत्मा के द्वारा पवित्र बनकर और सत्य पर विश्वास करके उद्धार पाओ। सरल हिन्दी बाइबल किंतु, प्रिय भाई बहनो, यहां तुम्हारे लिए परमेश्वर के सामने हमारा सदैव धन्यवाद देना सही ही है. तुम प्रभु के प्रिय हो क्योंकि परमेश्वर ने प्रारंभ ही से पवित्र आत्मा द्वारा पाप से अलग करके तथा सच में तुम्हारे विश्वास के कारण उद्धार के लिए तुम्हें चुन लिया है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 पर हे भाइयों, और प्रभु के प्रिय लोगों, चाहिये कि हम तुम्हारे विषय में सदा परमेश्वर का धन्यवाद करते रहें, कि परमेश्वर ने आदि से तुम्हें चुन लिया; कि आत्मा के द्वारा पवित्र बनकर, और सत्य पर विश्वास करके उद्धार पाओ। (इफि. 1:4,5, 1 पत. 1:1-5, व्यव. 33:12) |
और उसने अपना यह प्रेमभाव नबी नातान के द्वारा प्रकट किया। नातान ने प्रभु के वचन के अनुसार उसका नाम यदीद्याह रखा।
मैं आदिकाल से ही अन्त की बातें बताता आया हूं, मैंने प्राचीनकाल में ही भविष्य की घटनाएं घोषित कर दी हैं। मैंने यह कहा है: ‘मेरे संकल्प अटल हैं, मैं अपने समस्त अभिप्रायों को निस्सन्देह पूर्ण करूंगा।’
तब मैंने दूर से उसको दर्शन दिया। ओ इस्राएल! ओ कुंआरी कन्या! मैंने तुझ से प्रेम किया है, सदा प्रेम किया है; इसलिए स्नेह से मैं तुझको अपने पास लाया हूं।
‘मैं फिर तेरे पास से गुजरा, और तुझ पर दृष्टि की, तो देखा कि तेरी उम्र प्रेम करने के लायक हो गई है। मैंने तेरे शरीर पर अपनी चादर डाल दी, और यों तेरी नग्नता ढांप दी। मैंने सौगन्ध खाकर तुझे वचन दिया, और तेरे साथ विधान स्थापित किया, और इस प्रकार तू मेरी पत्नी बन गई।’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।
“उसने मुझसे कहा, “ओ दानिएल, परमेश्वर के परमप्रिय पुरुष! जो शब्द मैं तुझसे कहने जा रहा हूं, उनको ध्यान से सुन, और सीधा खड़ा हो; क्योंकि मैं तुझको सन्देश सुनाने के लिए तेरे पास भेजा गया हूं।” वह मुझसे ये शब्द कह ही रहा था कि मैं कांपता हुआ खड़ा हो गया।
उसने मुझसे कहा, “ओ परमेश्वर के परमप्रिय पुरुष! मत डर, तुझे शान्ति मिले, तू शक्तिशाली और साहसी बन।” जब उसने मुझसे ये बातें कहीं तब मुझे शक्ति प्राप्त हुई। मैंने कहा, “स्वामी, अब आप बोलिए, क्योंकि आपने मुझे शक्ति प्रदान की है।”
तूने याचना करना आरम्भ किया था कि मुझे आदेश प्राप्त हुआ। मैं तुझको वही बताने आया हूं, क्योंकि तू परमेश्वर को परमप्रिय है। अब तू मेरे शब्दों को ध्यान से सुन और अपने दर्शन को समझ।
येशु ने कहा, “मार्ग, सत्य और जीवन मैं हूँ। मुझ से हो कर गये बिना कोई पिता के पास नहीं आ सकता।
ग़ैर-यहूदी यह सुन कर आनन्दित हो गये और प्रभु के वचन की स्तुति करने लगे। जितने लोग शाश्वत जीवन के लिए ठहराए गये थे, उन्होंने विश्वास किया
परमेश्वर को धन्यवाद कि आप लोग, जो पहले पाप के दास थे, अब सम्पूर्ण हृदय से उस मानक शिक्षा के मार्ग पर चलने लगे, जो अनुगमन के लिए आपको दी गयी है।
जिन्हें परमेश्वर ने चुना है, उन पर कौन अभियोग लगा सकेगा? जिन्हें परमेश्वर ने दोष-मुक्त कर दिया है,
उसके दोनों बच्चों का जन्म भी नहीं हुआ था और उन्होंने उस समय तक कोई पाप या पुण्य का काम नहीं किया था, जब रिबका से यह कहा गया, “अग्रज अपने अनुज के अधीन रहेगा।” यह इसलिए हुआ कि परमेश्वर के निर्वाचन का उद्देश्य बना रहे, जो मनुष्य के कर्मों पर नहीं, बल्कि बुलाने वाले के निर्णय पर निर्भर है।
परमेश्वर की प्रज्ञ का विधान ऐसा था कि संसार अपने ज्ञान द्वारा परमेश्वर को नहीं पहचान सका। इसलिए परमेश्वर ने शुभ समाचार के प्रचार की ‘मूर्खता’ द्वारा विश्वासियों को बचाना चाहा।
नासमझ गलातियो! किसने आप लोगों पर जादू डाला है? आप की आँखों के सम्मुख तो स्पष्ट रूप से यह दिखलाया गया कि येशु मसीह क्रूस पर चढ़ाये गये थे!
परमेश्वर की कृपा ने विश्वास द्वारा आप लोगों का उद्धार किया है। यह आपके किसी पुण्य का फल नहीं है। यह तो परमेश्वर का वरदान है।
मूसा ने बिन्यामिन कुल के विषय में यह कहा, ‘यह प्रभु का प्रियजन है। यह प्रभु के पास निरापद निवास करता है। प्रभु इसको दिन भर घेरे रहता है। वह इसकी दोनों पहाड़ियों के मध्य निवास करता है।’
आप का विश्वास और प्रेम उस आशा पर आधारित है, जो स्वर्ग में आपके लिए सुरक्षित है और जिसके विषय में आपने तब सुना, जब शुभसमाचार का सत्य संदेश
आप लोग परमेश्वर की पवित्र एवं परमप्रिय चुनी हुई प्रजा हैं। इसलिए आप लोगों को सहानुभूति, अनुकम्पा, विनम्रता, कोमलता और सहनशीलता धारण करनी चाहिए।
भाइयो और बहिनो! परमेश्वर आप को प्यार करता है। हम जानते हैं कि परमेश्वर ने आप को चुना है,
उपदेश और सान्त्वना देते और अनुरोध करते थे कि आप उस परमेश्वर के योग्य जीवन बितायें, जो आप को अपने राज्य की महिमा के लिए बुलाता है।
परमेश्वर यह नहीं चाहता कि हम उसके कोपभाजन बनें, बल्कि अपने प्रभु येशु मसीह के द्वारा मुक्ति प्राप्त करें।
भाइयो और बहिनो! आप लोगों के विषय में परमेश्वर को निरन्तर धन्यवाद देना हमारा उचित कर्त्तव्य है; क्योंकि आपका विश्वास बहुत अच्छी तरह फल-फूल रहा है और आप-सब का एक दूसरे के प्रति प्रेम बढ़ रहा है।
नाश होने वाले व्यक्तियों को हर प्रकार के अधर्ममय भ्रम में डालता है; क्योंकि उन्होंने उस सत्य से प्रेम करना स्वीकार नहीं किया, जो उन्हें बचाने में समर्थ था।
वे सब दण्डित किये जायें, जिन्होंने सत्य पर विश्वास नहीं किया और अधर्म का पक्ष लिया है।
स्वयं हमारे प्रभु येशु मसीह तथा हमारा पिता परमेश्वर, जिसने हमसे इतना प्रेम किया और हमें चिरस्थायी सान्त्वना तथा उज्ज्वल आशा का वरदान दिया है,
परमेश्वर ने हमारा उद्धार किया और हमें पवित्र जीवन बिताने के लिए बुलाया है। उसने हमारे किसी पुण्य के कारण नहीं, बल्कि अपने उद्देश्य तथा अपनी कृपा के कारण ऐसा किया है। वह कृपा अनादि काल से येशु मसीह द्वारा हमें प्राप्त थी,
अपने को परमेश्वर के सामने सुग्राह्य और एक ऐसे कार्यकर्ता के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयत्न करते रहो, जिसे लज्जित होने का कोई कारण न हो और जो निष्कपट रूप से सत्य का प्रचार करे।
और यह कि तुम बचपन से पवित्र आलेखों से परिचित हो। ये पवित्र आलेख तुम्हें उस मुक्ति का ज्ञान दे सकते हैं, जो येशु मसीह में विश्वास करने से प्राप्त होती है।
उसने अपनी ही इच्छा से सत्य के वचन द्वारा हम को जीवन प्रदान किया है, जिससे हम एक प्रकार से उसकी सृष्टि के प्रथम फल बनें।
प्रेम इसमें नहीं है कि हमने परमेश्वर से प्रेम किया, बल्कि परमेश्वर ने हम से प्रेम किया और हमारे पापों के प्रायश्चित के लिए अपने पुत्र को भेजा।