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1 यूहन्ना 4:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

10 प्रेम इसमें नहीं है कि हमने परमेश्‍वर से प्रेम किया, बल्‍कि परमेश्‍वर ने हम से प्रेम किया और हमारे पापों के प्रायश्‍चित के लिए अपने पुत्र को भेजा।

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पवित्र बाइबल

10 सच्चा प्रेम इसमें नहीं है कि हमने परमेश्वर से प्रेम किया है, बल्कि इसमें है कि एक ऐसे बलिदान के रूप में जो हमारे पापों को धारण कर लेता है, उसने अपने पुत्र को भेज कर हमारे प्रति अपना प्रेम दर्शाया है।

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Hindi Holy Bible

10 प्रेम इस में नहीं कि हम ने परमेश्वर ने प्रेम किया; पर इस में है, कि उस ने हम से प्रेम किया; और हमारे पापों के प्रायश्चित्त के लिये अपने पुत्र को भेजा।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

10 प्रेम इस में नहीं कि हम ने परमेश्‍वर से प्रेम किया, पर इस में है कि उसने हम से प्रेम किया और हमारे पापों के प्रायश्‍चित के लिये अपने पुत्र को भेजा।

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नवीन हिंदी बाइबल

10 प्रेम इसमें नहीं कि हमने परमेश्‍वर से प्रेम रखा, बल्कि इसमें है कि परमेश्‍वर ने हमसे प्रेम रखा और अपने पुत्र को हमारे पापों के प्रायश्‍चित्त के लिए भेजा।

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सरल हिन्दी बाइबल

10 प्रेम वस्तुतः यह है: परमेश्वर ने हमारे प्रति अपने प्रेम के कारण अपने पुत्र को हमारे पापों के लिए प्रायश्चित बलि होने के लिए भेज दिया—यह नहीं कि हमने परमेश्वर से प्रेम किया है.

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1 यूहन्ना 4:10
20 क्रॉस रेफरेंस  

“तेरी कौम और तेरे पवित्र नगर के लिए वर्षों के सत्तर सप्‍ताह निश्‍चित किए गए हैं। इन वर्षों के व्‍यतीत होने में सब प्रकार के अपराध समाप्‍त हो जाएँगे, पाप का अन्‍त हो जाएगा, अधर्म का प्रायश्‍चित कराया जाएगा, धार्मिकता शाश्‍वत बना दी जाएगी, दर्शन और नबूवत सत्‍य प्रमाणित होगी और “परम पवित्र’ को अभ्‍यंजित किया जाएगा।


“मैं तुम्‍हें एक नयी आज्ञा देता हूँ : तुम एक-दूसरे से प्रेम करो। जिस प्रकार मैंने तुम से प्रेम किया, उसी प्रकार तुम भी एक-दूसरे से प्रेम करो।


तुम ने मुझे नहीं चुना, बल्‍कि मैंने तुम्‍हें इसलिए चुना और नियुक्‍त किया कि तुम संसार में जाओ और फलवंत हो तथा तुम्‍हारा फल बना रहे, जिससे तुम मेरे नाम में पिता से जो कुछ माँगो, वह तुम्‍हें प्रदान करे।


“परमेश्‍वर ने संसार से इतना प्रेम किया कि उसने उसके लिए अपने एकलौते पुत्र को अर्पित कर दिया, जिससे जो कोई उस में विश्‍वास करता है, वह नष्‍ट न हो, बल्‍कि शाश्‍वत जीवन प्राप्‍त करे।


स्‍वर्ग से उतरी हुई वह जीवन्‍त रोटी मैं हूँ। यदि कोई इस रोटी में से खायेगा, तो वह सदा जीवित रहेगा। और जो रोटी मैं दूँगा, वह मेरी देह है जो मैं संसार के जीवन के लिए अर्पित करूँगा।”


इसलिए यह आवश्‍यक था कि वह सभी बातों में अपने भाई-बहिनों† के सदृश बन जायें, जिससे वह परमेश्‍वर-सम्‍बन्‍धी बातों में मनुष्‍यों के दयालु और विश्‍वस्‍त महापुरोहित के रूप में प्रजा के पापों का प्रायश्‍चित कर सकें।


वह अपने शरीर में हमारे पापों को क्रूस के काठ पर ले गये, जिससे हम पाप के लिए मृत हो कर धार्मिकता के लिए जीने लगें। आप उनके घावों द्वारा स्‍वस्‍थ हो गये हैं।


मसीह ने भी एक बार ही पापों के प्रायश्‍चित के लिए दु:ख भोगा; धर्मी अधर्मियों के लिए मर गये, जिससे वह आप लोगों को परमेश्‍वर के पास ले जायें। वह शरीर की दृष्‍टि से तो मारे गये, किन्‍तु आत्‍मा द्वारा जिलाये गये।


उन्‍होंने हमारे पापों के लिए प्रायश्‍चित किया है और न केवल हमारे पापों के लिए, बल्‍कि समस्‍त संसार के पापों के लिए भी।


पिता ने हमसे कितना महान प्रेम किया है। हम परमेश्‍वर की सन्‍तान कहलाते हैं और हम वास्‍तव में वही हैं। संसार हमें नहीं जानता, क्‍योंकि उसने परमेश्‍वर को नहीं जाना है।


हम प्रेम करते हैं, क्‍योंकि परमेश्‍वर ने पहले हमसे प्रेम किया।


और वह साक्षी यह है-परमेश्‍वर ने हमें शाश्‍वत जीवन प्रदान किया है और यह जीवन उसके पुत्र में है।


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