ऑनलाइन बाइबिल

विज्ञापनों


संपूर्ण बाइबिल पुराना वसीयतनामा नया करार




2 तीमुथियुस 2:24 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

और प्रभु के सेवक को झगड़ालू नहीं, बल्‍कि सबके प्रति मिलनसार तथा सहनशील होना चाहिए। वह शिक्षा देने के लिए तैयार रहे

अध्याय देखें

पवित्र बाइबल

और प्रभु के सेवक को तो झगड़ना ही नहीं चाहिए। उसे तो सब पर दया करनी चाहिए। उसे शिक्षा देने में योग्य होना चाहिए। उसे सहनशील होना चाहिए।

अध्याय देखें

Hindi Holy Bible

और प्रभु के दास को झगड़ालू होना न चाहिए, पर सब के साथ कोमल और शिक्षा में निपुण, और सहनशील हो।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

प्रभु के दास को झगड़ालू नहीं होना चाहिए, पर वह सब के साथ कोमल और शिक्षा में निपुण और सहनशील हो।

अध्याय देखें

नवीन हिंदी बाइबल

परमेश्‍वर के दास को झगड़ालू नहीं होना चाहिए, बल्कि वह सब के साथ भला, शिक्षा देने में निपुण, सहनशील,

अध्याय देखें

सरल हिन्दी बाइबल

प्रभु के दास का झगड़ालू होना सही नहीं है. वह सबके साथ कृपालु, निपुण शिक्षक, अन्याय की स्थिति में धीरजवंत हो,

अध्याय देखें

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

और प्रभु के दास को झगड़ालू नहीं होना चाहिए, पर सब के साथ कोमल और शिक्षा में निपुण, और सहनशील हो।

अध्याय देखें



2 तीमुथियुस 2:24
31 क्रॉस रेफरेंस  

अत: राजा योआश ने महापुरोहित यहोयादा को बुलाया, और उससे कहा, ‘आप जानते हैं, कि प्रभु के सेवक मूसा ने साक्षी-पत्र के शिविरके लिए इस्राएली धर्म-मण्‍डली पर कर लगाया था। तब आपने उप-पुरोहितों को यह कर इकट्ठा करने के लिए यहूदा प्रदेश के नगरों और यरूशलेम में क्‍यों नहीं भेजा, और उन पर दबाव क्‍यों नहीं डाला कि वे यह चन्‍दा वसूल करें?’


वह मेषपाल के सदृश अपने रेवड़ को चराएगा; वह अपनी बाहों में मेमनों को उठाएगा; वह उन्‍हें अपनी गोद में उठाकर ले जाएगा, वह दूध पिलानेवाली भेड़ों को धीरे-धीरे ले जाएगा।


वह मांद के पास पहुँचा, जहां दानिएल बन्‍द थे। उसने दु:ख भरी आवाज में दानिएल को पुकारा, ‘ओ दानिएल, जीवित परमेश्‍वर के सेवक! क्‍या तुम्‍हारे परमेश्‍वर ने जिसकी तुम निरन्‍तर सेवा करते हो, तुम्‍हें सिंहों के मुंह से बचा लिया?’


यह न तो विवाद करेगा और न चिल्‍लाएगा और न चौराहों में कोई इसकी आवाज सुनेगा।


इस पर वे यहूदी लोग आपस में वाद-विवाद करने लगे, “यह हमें खाने के लिए अपनी देह कैसे दे सकता है?”


इस विषय पर पौलुस और बरनबास तथा उन लोगों के बीच तीव्र मतभेद और वाद-विवाद छिड़ गया, और यह निश्‍चय किया गया कि पौलुस तथा बरनबास, अन्‍ताकिया के कुछ लोगों के साथ, यरूशलेम जायेंगे और इस प्रश्‍न पर प्रेरितों तथा धर्मवृद्धों से परामर्श करेंगे।


इस प्रकार बड़ा कोलाहल मच गया। फ़रीसी दल के कुछ शास्‍त्री उठकर झगड़ने और यह कहने लगे, “हम इस मनुष्‍य में कोई दोष नहीं पाते। यदि कोई आत्‍मा अथवा स्‍वर्गदूत इससे कुछ बोला हो, तो....।”


दूसरे दिन मूसा ने दो इस्राएलियों को लड़ते देखा। उन्‍होंने यह कह कर उन में मेल कराने का प्रयास किया, ‘मित्रो! आप लोग भाई-भाई हैं। आप क्‍यों एक दूसरे का अनिष्‍ट करना चाहते हैं?’


मैं-पौलुस-मसीह की नम्रता और दयालुता के नाम पर आप लोगों से यह निवेदन कर रहा हूँ। कुछ लोग कहते हैं कि मैं आप लोगों के सामने दीन-हीन हूँ, किन्‍तु दूर रहने पर निर्भीक।


हमारे संघर्ष के अस्‍त्र-शस्‍त्र सांसारिक नहीं हैं, बल्‍कि उन में परमेश्‍वर का सामर्थ्य विद्यमान है, जिससे वे हर प्रकार के किले नष्‍ट कर सकते हैं। हम कुतर्कों और घमण्‍ड से उत्‍पन्न उन सब बातों का खण्‍डन करते हैं, जो परमेश्‍वर को जानने में बाधक हैं। हम प्रत्‍येक विवेकशील मनुष्‍य को मसीह की अधीनता स्‍वीकार करने को बाध्‍य करते हैं।


किन्‍तु हम हर परिस्‍थिति में स्‍वयं को परमेश्‍वर के योग्‍य सेवक प्रमाणित करते हैं : हम कष्‍ट, अभाव और संकट को बड़े धीरज से सहन करते हैं।


परन्‍तु पवित्र आत्‍मा का फल है : प्रेम, आनन्‍द, शान्‍ति, सहनशीलता, दयालुता, हितकामना, ईमानदारी,


आप पूर्ण रूप से विनम्र, सौम्‍य तथा सहनशील बनें, प्रेम से एक दूसरे को सहन करें


यों प्रभु के वचन के अनुसार प्रभु के सेवक मूसा की मृत्‍यु वहां मोआब देश में हुई।


आप लोग बिना भुनभुनाए और बिना बहस किये अपने सब कर्त्तव्‍य पूरा करें,


आप दलबन्‍दी तथा मिथ्‍याभिमान से दूर रहें। हर व्यक्‍ति नम्रतापूर्वक दूसरों को अपने से श्रेष्‍ठ समझे।


आप एक दूसरे को सहन करें और यदि किसी को किसी से कोई शिकायत हो, तो एक दूसरे को क्षमा करें। प्रभु ने आप लोगों को क्षमा कर दिया। आप लोग भी ऐसा ही करें।


यद्यपि हम मसीह के प्रेरित होने के नाते अपना अधिकार जता सकते थे। किन्‍तु हम आपके मध्‍य बालकों के समान विनम्र बन कर रहे। अपने बच्‍चों का लालन-पालन करनेवाली माता की तरह हमने आप लोगों के साथ ममतापूर्ण व्‍यवहार किया।


परमेश्‍वर का सेवक होने के नाते तुम इन सब बातों से अलग रह कर धार्मिकता, भक्‍ति, विश्‍वास, प्रेम, धैर्य तथा विनम्रता की साधना करो।


यह पत्र, एक ही विश्‍वास में सहभागिता के नाते सच्‍चे पुत्र तीतुस के नाम, पौलुस की ओर से है, जो परमेश्‍वर का सेवक तथा येशु मसीह का प्रेरित है, ताकि वह परमेश्‍वर के कृपापात्रों का विश्‍वास दृढ़ करे और उस सत्‍य का ज्ञान सिखाए, जो धर्म के अनुकूल है


परमेश्‍वर का भंडारी होने के नाते धर्माध्‍यक्ष को चाहिए कि वह अनिन्‍दनीय हो। वह स्‍वेच्‍छाचारी, क्रोधी, मद्यसेवी, झगड़ालू या लोभी न हो।


वह धर्मसमत्त विश्‍वसनीय वचन पर दृढ़ रहे, जिससे वह हितकारी शिक्षा द्वारा उपदेश दे सके और आपत्ति करनेवालों को निरुत्तर कर सके।


किसी की निन्‍दा न करें, झगड़ालू नहीं, बल्‍कि सहनशील हों और सब लोगों के साथ नम्र व्‍यवहार करें।


यह पत्र परमेश्‍वर और प्रभु येशु मसीह के सेवक याकूब की ओर से है। संसार भर में बिखरे हुए बारह कुलों को नमस्‍कार!


किन्‍तु ऊपर से आयी हुई प्रज्ञ सब से पहले निर्दोष है, और वह शान्‍तिप्रिय, सहनशील, विनम्र, करुणामय, परोपकारी, पक्षपातहीन और निष्‍कपट भी है।


आप अपनी लालसा पूरी नहीं कर पाते और इसी लिए हत्‍या करते हैं। आप जिस चीज के लिए ईष्‍र्या करते हैं, उसे नहीं पाते और इसलिए लड़ते-झगड़ते हैं। आप प्रार्थना नहीं करते, इसलिए आप लोगों के पास कुछ नहीं होता।


प्रभु के सेवक मूसा की मृत्‍यु के पश्‍चात् प्रभु ने नून के पुत्र और मूसा के धर्म-सेवक यहोशुअ से कहा,


अन्‍त में यह : आप सब-के-सब एकमत, सहानुभूतिशील, भ्रातृप्रेमी, दयालु तथा विनम्र बनें।


प्रिय भाइयो एवं बहिनो! हम जिस मुक्‍ति के सहभागी हैं, मैं उसके विषय में बड़ी उत्‍सुकता से आप लोगों को लिखना चाहता था, किन्‍तु अब मुझे आवश्‍यक प्रतीत हुआ कि इस पत्र द्वारा आप लोगों से यह अनुरोध करूँ कि आप उस विश्‍वास की रक्षा के लिए संघर्ष करें, जो सदा के लिए सन्‍तों को सौंपा गया है;