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दानिय्येल 6:20 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

20 वह मांद के पास पहुँचा, जहां दानिएल बन्‍द थे। उसने दु:ख भरी आवाज में दानिएल को पुकारा, ‘ओ दानिएल, जीवित परमेश्‍वर के सेवक! क्‍या तुम्‍हारे परमेश्‍वर ने जिसकी तुम निरन्‍तर सेवा करते हो, तुम्‍हें सिंहों के मुंह से बचा लिया?’

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पवित्र बाइबल

20 राजा बहुत चिंतित था। राजा जब शेरों की मांद के पास गया तो वहाँ उसने दानिय्येवल को ज़ोर से आवाज़ लगाई। राजा ने कहा, “हे दानिय्येल, हे जीवित परमेश्वर के सेवक, क्या तेरा परमेश्वर तुझे शेरों से बचा पाने में समर्थ हो सका है तू तो सदा ही अपने परमेश्वर की सेवा करता रहा है।”

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Hindi Holy Bible

20 जब राजा गड़हे के निकट आया, तब शोक भरी वाणी से चिल्लाने लगा और दानिय्येल से कहा, हे दानिय्येल, हे जीवते परमेश्वर के दास, क्या तेरा परमेश्वर जिसकी तू नित्य उपासना करता है, तुझे सिंहों से बचा सका है?

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

20 जब राजा गड़हे के निकट आया, तब शोकभरी वाणी से चिल्‍लाने लगा और दानिय्येल से कहा, “हे दानिय्येल, हे जीवते परमेश्‍वर के दास, क्या तेरा परमेश्‍वर जिसकी तू नित्य उपासना करता है, तुझे सिंहों से बचा सका है?”

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सरल हिन्दी बाइबल

20 जब वह मांद के पास पहुंचा, तो उसने एक पीड़ा भरी आवाज में दानिएल को पुकारा, “हे दानिएल, जीवित परमेश्वर के सेवक, क्या तुम्हारे उस परमेश्वर ने तुम्हें सिंहों से बचाकर रखा है, जिसकी तुम निष्ठापूर्वक सेवा करते हो?”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

20 जब राजा माँद के निकट आया, तब शोकभरी वाणी से चिल्लाने लगा और दानिय्येल से कहा, “हे दानिय्येल, हे जीविते परमेश्वर के दास, क्या तेरा परमेश्वर जिसकी तू नित्य उपासना करता है, तुझे सिंहों से बचा सका है?”

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दानिय्येल 6:20
30 क्रॉस रेफरेंस  

क्‍या प्रभु के लिए कोई कार्य असम्‍भव है? मैं निर्धारित समय पर वसन्‍त ऋतु में तेरे पास वापस आऊंगा, और सारा को पुत्र उत्‍पन्न होगा।’


प्रभु को, उसके सामर्थ्य को खोजो, उसके मुख को निरन्‍तर खोजते रहो!


तेरी संविधियां पूर्ण करने को सदैव के लिए, अन्‍त तक मैं अपना हृदय अर्पित करता हूं।


जब तक मैं जीवित हूं, प्रभु की स्‍तुति करूँगा, मैं अपने जीवन-भर अपने परमेश्‍वर का स्‍तुतिगान करूंगा।


फिर भी मैं निरन्‍तर तेरे साथ रहा हूँ; तू मेरे दाहिने हाथ को थामे हुए है।


आह! मेरे स्‍वामी, मेरे प्रभु! तूने ही अपने महान सामर्थ्य से, अपने भुजबल से आकाश और पृथ्‍वी की रचना की है। तेरे लिए कुछ भी असंभव नहीं है।


अब यदि तुम नरसिंगे, बांसुरी, वीणा, सारंगी, सितार, शहनाई और अन्‍य सब प्रकार के वाद्यों का स्‍वर सुनकर मेरे द्वारा स्‍थापित मूर्ति के सम्‍मुख गिरकर उसका सम्‍मान करने को तैयार हो, तो ठीक है; तुम्‍हारा अनिष्‍ट न होगा। पर यदि तुम मूर्ति के प्रति सम्‍मान प्रकट नहीं करोगे, तो तुम अविलम्‍ब धधकती हुई अग्‍नि की भट्ठी में फेंक दिए जाओगे। तब मैं देखूंगा कि कौन-सा ईश्‍वर तुम्‍हें मेरे हाथ से बचाएगा?’


यदि हमारे साथ ऐसा व्‍यवहार किया जाएगा, तो हम जिस परमेश्‍वर की सेवा-आराधना करते हैं, वह हमें धधकती हुइ अग्‍नि की भट्ठी में से भी छुड़ा लेगा। महाराज, वह हमें आपके हाथ से भी छुड़ा सकता है।


अत: सम्राट दारा ने दानिएल को बन्‍दी बनाने का आदेश दे दिया। दानिएल को पकड़कर लाया गया, और उनको सिंहों की मांद में डाल दिया गया। सम्राट ने दानिएल से कहा, ‘ओ दानिएल, जिस परमेश्‍वर की तुम निरन्‍तर सेवा करते हो, वह तुम्‍हारी रक्षा करे!’


सबेरे, सूरज निकलते ही सम्राट दारा पलंग से उठा और अविलम्‍ब सिंहों की मांद की ओर गया।


मैं यह राजाज्ञा प्रसारित कर रहा हूं कि मेरे साम्राज्‍य के समस्‍त स्‍त्री-पुरुष दानिएल के परमेश्‍वर के सम्‍मुख कांपते और डरते रहेंगे, क्‍योंकि केवल वही जीवित परमेश्‍वर है; वह युगानुयुग विद्यमान है। उसका राज्‍य कभी नष्‍ट न होगा, उसके शासन का कभी अन्‍त न होगा।


वह संकट से मुक्‍त करता, और प्राणों की रक्षा करता है; वह आकाश में अद्भुत चिह्‍न दिखाता, और पृथ्‍वी पर आश्‍चर्य कर्म करता है। उसी ने सिंहों के मुंह से दानिएल को बचाया।’


ओ याकूब की सन्‍तान, तू अपने परमेश्‍वर की सहायता से लौट आ; करुणा और न्‍याय का पालन कर; अपने परमेश्‍वर की निरन्‍तर प्रतीक्षा कर।


प्रभु ने मूसा से कहा, ‘क्‍या मेरा भुजबल घट गया है? अब तू देखेगा कि मेरा वचन तेरे लिए सिद्ध होता है अथवा नहीं।’


क्‍योंकि परमेश्‍वर के लिए कुछ भी असम्‍भव नहीं है।”


येशु ने शिष्‍यों को यह बतलाने के लिए कि उन्‍हें सदा प्रार्थना करना चाहिए, और निराश नहीं होना चाहिए, एक दृष्‍टान्‍त सुनाया।


और हम लोग प्रार्थना में और वचन की सेवा में लगे रहेंगे।”


जो लोग धैर्यपूर्वक भलाई करते हुए महिमा, सम्‍मान और अमरत्‍व की खोज में लगे रहते हैं, परमेश्‍वर उन्‍हें शाश्‍वत जीवन प्रदान करेगा;


उसने हमें उस महान् मरण-संकट से बचाया और वह ऐसा ही करता रहेगा। उसी पर हमारी यह आशा आधारित है कि वह भविष्‍य में भी हमें बचायेगा।


आप लोग सजग हो कर प्रार्थना और धन्‍यवाद में लगे रहें।


इस कारण मैं यहाँ यह कष्‍ट सह रहा हूँ, किन्‍तु मैं इस से लज्‍जित नहीं हूँ; क्‍योंकि मैं जानता हूँ कि मैंने किस पर भरोसा रखा है। मुझे निश्‍चय है कि वह मुझे सौंपी हुई निधि को उस दिन तक सुरक्षित रखने में समर्थ है।


यही कारण है कि जो लोग उनके द्वारा परमेश्‍वर की शरण लेते हैं, वह उन्‍हें पूर्णत: बचाने में समर्थ हैं; क्‍योंकि वह उनकी ओर से निवेदन करने के लिए सदा जीवित हैं।


किन्‍तु जो व्यक्‍ति उस व्‍यवस्‍था को, जो पूर्ण है और हमें स्‍वतन्‍त्रता प्रदान करती है, ध्‍यान से देखता और उसका पालन करता रहता है, वह उस श्रोता के सदृश नहीं, जो तुरन्‍त भूल जाता है, बल्‍कि वह कर्ता बन जाता और उस व्‍यवस्‍था को अपने जीवन में चरितार्थ करता है। वह अपने आचरण के कारण धन्‍य होगा।


जो आप को पतन से सुरक्षित रखने में और आप को दोषरहित और आनन्‍दित बना कर अपनी महिमा में प्रस्‍तुत करने में समर्थ है,


हमारे पर का पालन करें:

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