अत: दाऊद ने दूत भेजे, और उसे बुलाया। वह मासिक धर्म के पश्चात् नहाने से शुद्ध हुई थी। वह दाऊद के पास आई। दाऊद ने उसके साथ सहवास किया। तब वह अपने घर लौट गई।
2 इतिहास 16:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यह सुनकर राजा आसा द्रष्टा से बहुत नाराज हुआ। उसने द्रष्टा को काठ की बेड़ी से जकड़ दिया और कारागार में डाल दिया। वह द्रष्टा की बात सुनकर उसके प्रति क्रोधाग्नि से धधक उठा था। उन्हीं दिनों में राजा आसा ने जनता के कुछ लोगों से निर्दय व्यवहार भी किया। पवित्र बाइबल आसा हनानी पर उस बात से क्रोधित हुआ जो उसने कहा। आसा इतना क्रोध से पागल हो उठा कि उसने हनानी को बन्दीगृह में डाल दिया। आसा उस समय कुछ लोगों के साथ नीचता और कठोरता का व्यवहार करता था। Hindi Holy Bible तब आसा दशीं पर क्रोधित हुआ और उसे काठ में ठोंकवा दिया, क्योंकि वह उसकी ऐसी बात के कारण उस पर क्रोधित था। और उसी समय से आसा प्रजा के कुछ लोगों को पीसने भी लगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब आसा दर्शी पर क्रोधित हुआ और उसे काठ में ठोंकवा दिया, क्योंकि वह उसकी ऐसी बात के कारण उस पर क्रोधित था। उसी समय से आसा प्रजा के कुछ लोगों पर अत्याचार भी करने लगा। सरल हिन्दी बाइबल यह सुनना था कि आसा दर्शी पर इतना गुस्सा हो गया कि उसने दर्शी को जेल में डाल दिया; क्योंकि वह दर्शी की इस बात से बहुत ही गुस्सा हो गया था. इसी समय आसा ने कुछ लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब आसा दर्शी पर क्रोधित हुआ और उसे काठ में ठोंकवा दिया, क्योंकि वह उसकी ऐसी बात के कारण उस पर क्रोधित था। और उसी समय से आसा प्रजा के कुछ लोगों पर अत्याचार भी करने लगा। |
अत: दाऊद ने दूत भेजे, और उसे बुलाया। वह मासिक धर्म के पश्चात् नहाने से शुद्ध हुई थी। वह दाऊद के पास आई। दाऊद ने उसके साथ सहवास किया। तब वह अपने घर लौट गई।
दाऊद ने नातान से कहा, ‘मैंने प्रभु के विरुद्ध पाप किया।’ नातान ने दाऊद को उत्तर दिया, ‘प्रभु ने भी आपके पाप को क्षमा किया। अब आप पाप के कारण नहीं मरेंगे।
वह नगर के रहने वालों को भी ले गया, और उन्हें आरों, लोहे की गैतियों और कुल्हाड़ियों तथा ईंट के भट्ठों के काम पर नियुक्त किया। उसने ऐसा ही व्यवहार अम्मोनी जाति के अन्य नगरों के साथ भी किया। तत्पश्चात् दाऊद तथा समस्त सेना यरूशलेम लौट गई।
जब राजा यारोबआम ने परमेश्वर के जन की पुकार सुनी, जो उसने बेत-एल की वेदी के विरोध में कही थी, तब उसने वेदी के ऊपर से अपना हाथ बढ़ाकर उसकी ओर संकेत किया और कहा, ‘उसे पकड़ो।’ जिस हाथ से उसने परमेश्वर के जन की ओर संकेत किया था, उसको लकवा मार गया। वह उसको अपनी ओर मोड़ नहीं सका।
तुम उनसे कहना, “महाराज ने यों कहा है : तुम इस आदमी को कारागार में बन्द रखो। जब तक मैं युद्ध से सकुशल लौट न आऊं तब तक तुम इसे बस इतना भोजन देना कि यह जीवित रह सके।”
राजा आसा के शेष कार्यों का विवरण उसके सब कार्यों का विवरण ‘यहूदा प्रदेश तथा इस्राएल प्रदेश के राजाओं का इतिहास-ग्रन्थ’ में लिखा हुआ है।
सम्पूर्ण पृथ्वी पर प्रभु की दृष्टि यहां से वहां दौड़ती रहती है, ताकि वह अपने उन भक्तों को अपना सामर्थ्य दिखा सके जो निष्कलंक हृदय से प्रभु पर विश्वास करते हैं। किन्तु महाराज, आपने यह बहुत मूर्खतापूर्ण कार्य किया। इसलिए अब से आप निरन्तर युद्ध में जूझते रहेंगे।’
तुम उनसे कहना, “महाराज ने यों कहा है : तुम इस आदमी को कारागार में बन्द रखो। जब तक मैं युद्ध से सकुशल न लौट आऊं तब तक तुम इसे बस इतना भोजन देना कि यह जीवित रह सके।”
नबी यह बोल ही रहा था कि राजा अमस्याह ने उससे कहा, ‘तुझको किसने मेरा सलाहकार नियुक्त किया है? चुप रह! तू क्यों मरना चाहता है?’ नबी चुप हो गया; किन्तु उसने कहा, ‘मैं जानता हूं, परमेश्वर ने आपको नष्ट करने का निश्चय कर लिया है; क्योंकि आपने मेरी सलाह नहीं सुनी और मुझे चुप करा दिया।’
राजा उज्जियाह यह सुनकर अत्यन्त क्रुद्ध हुआ। उसके हाथ में धूप जलाने का धूपदान था। वह उससे धूप जलानेवाला था। जब वह पुरोहितों पर नाराज हुआ, उसी समय उसके माथे पर कोढ़ के दाग फूट पड़े। प्रभु के भवन में धूप-वेदी के समीप पुरोहितों के सम्मुख यह घटना घटी।
क्योंकि उसने गरीबों को पीसा था, उसने उनको मर जाने के लिए यों ही छोड़ दिया था। उसने उस मकान को हड़प लिया था, जो उसने नहीं बनाया था।
यदि धार्मिक व्यक्ति करुणा से मुझे मारे, तो यह उसकी करुणा है; यदि वह मुझे ताड़ित करें, तो यह मेरे सिर का अभ्यंजन है; और मैं अपने सिर को नहीं हटाऊंगा। पर दुर्जनों के दुष्कर्मों के विरुद्ध मैं निरन्तर प्रार्थना करता रहूंगा।
पर मैं यह प्याला उन लोगों के हाथ में दूंगा जिन्होंने तुझे दु:ख दिया है, जिन्होंने तुझसे कहा था, “भूमि पर लेट, हम तेरे ऊपर से जाएंगे।” तूने अपनी पीठ को मैदान बना दिया था, कि वे तुझ पर से गुजर सकें! तू उनके लिए मार्ग बन गई थी।’
तब उसने नबी यिर्मयाह को मारा और उनको काठ की बेड़ियों में जकड़ कर प्रभु-भवन के उपरले बिन्यामिन दरवाजे में डाल दिया।
जब राजा यहोयाकीम, उसके महायोद्धाओं तथा उच्चाधिकारियों ने ऊरीयाह की नबूवत सुनी, तब राजा ने उसको मार डालने का प्रयत्न किया। ऊरीयाह ने यह सुना, तो वह डर गया, और प्राण बचा कर मिस्र देश भाग गया।
कि “प्रभु ने पुरोहित यहोयादा के स्थान पर तुझे पुरोहित अभिषिक्त किया है ताकि तू प्रभु के भवन का दायित्व संभाले, और उन सब पागलों के हाथ में जंजीरें और पैरों में बेड़ियां पहिनाए जो प्रभु के भवन में नबूवत करते हैं।
उच्चाधिकारी यिर्मयाह से बहुत नाराज हुए। उन्होंने यिर्मयाह को मारा और सचिव योनातान के घर में बन्द कर दिया; योनातान के घर को बन्दीगृह बना दिया गया था।
‘बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर ने मुझे खा लिया; मुझे रौंद डाला! उसने मेरी समस्त धन-सम्पत्ति लूट ली, और मुझे खाली बरतन बना दिया! उसने मुझे मगरमच्छ के समान पूरा निगल लिया! उसने मुझसे अपना पेट भर लिया, मानो मैं स्वादिष्ट भोजन हूं। उसने मुझे अपनी धन-सम्पत्ति से वंचित कर दिया।’
स्वामी इन तीन कार्यों को पसन्द नहीं करता : पृथ्वी के समस्त बन्दियों को पैरों तले रौंदना;