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2 इतिहास 25:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

16 नबी यह बोल ही रहा था कि राजा अमस्‍याह ने उससे कहा, ‘तुझको किसने मेरा सलाहकार नियुक्‍त किया है? चुप रह! तू क्‍यों मरना चाहता है?’ नबी चुप हो गया; किन्‍तु उसने कहा, ‘मैं जानता हूं, परमेश्‍वर ने आपको नष्‍ट करने का निश्‍चय कर लिया है; क्‍योंकि आपने मेरी सलाह नहीं सुनी और मुझे चुप करा दिया।’

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पवित्र बाइबल

16 जब नबी ने यह बोला, अमस्याह ने नबी से कहा, “हम लोगों ने तुम्हें कभी राजा का सलाहकार नहीं बनाया! चुप रहो! यदि तुम चुप नहीं रहे तो मार डाले जाओगे।” नबी चुप हो गया, किन्तु उसने तब कहा, “परमेश्वर ने सचमुच तुमको नष्ट करने का निश्चय कर लिया है। क्योंकि तुम वे बुरी बातें करते हो और मेरी सलाह नहीं सुनते।”

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Hindi Holy Bible

16 वह उस से कह ही रहा था कि उसने उस से पूछा, क्या हम ने तुझे राजमन्त्री ठहरा दिया है? चुप रह! क्या तू मार खाना चाहता है? तब वह नबी यह कह कर चुप हो गया, कि मुझे मालूम है कि परमेश्वर ने तुझे नाश करने को ठाना है, क्योंकि तू ने ऐसा किया है और मेरी सम्मति नहीं मानी।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

16 वह उससे कह ही रहा था कि उसने उससे पूछा, “क्या हम ने तुझे राजमन्त्री ठहरा दिया है? चुप रह! क्या तू मरना चाहता है?” तब वह नबी यह कहकर चुप हो गया, “मुझे मालूम है कि परमेश्‍वर ने तेरा नाश करना ठान लिया है, क्योंकि तू ने ऐसा किया है और मेरी सम्मति नहीं मानी।”

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सरल हिन्दी बाइबल

16 जब वह यह कह ही रहा था, राजा ने उससे कहा, “बस करो! क्या हमने तुम्हें अपना मंत्री बनाया है? क्यों अपनी मृत्यु को बुला रहे हो?” भविष्यद्वक्ता रुक गया और फिर उसने कहना शुरू किया, “आपने मेरी सलाह को ठुकराया और आपने यह सब किया है. मैं समझ गया हूं कि परमेश्वर आपके विनाश का निश्चय कर चुके है.” इस्राएल द्वारा यहूदिया की पराजय:

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

16 वह उससे कह ही रहा था कि उसने उससे पूछा, “क्या हमने तुझे राजमंत्री ठहरा दिया है? चुप रह! क्या तू मरना चाहता है?” तब वह नबी यह कहकर चुप हो गया, “मुझे मालूम है कि परमेश्वर ने तेरा नाश करना ठान लिया है, क्योंकि तूने ऐसा किया है और मेरी सम्मति नहीं मानी।”

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2 इतिहास 25:16
29 क्रॉस रेफरेंस  

यों राजा ने जनता का निवेदन नहीं सुना। वस्‍तुत: प्रभु परमेश्‍वर ने यह पूर्व-निर्धारित कर दिया था जिससे वह अपने वचन को, जो उसने शिलोह के नबी अहीयाह के माध्‍यम से यारोबआम बेन-नबाट से कहा था, पूर्ण कर सके।


यह सुनकर राजा आसा द्रष्‍टा से बहुत नाराज हुआ। उसने द्रष्‍टा को काठ की बेड़ी से जकड़ दिया और कारागार में डाल दिया। वह द्रष्‍टा की बात सुनकर उसके प्रति क्रोधाग्‍नि से धधक उठा था। उन्‍हीं दिनों में राजा आसा ने जनता के कुछ लोगों से निर्दय व्‍यवहार भी किया।


यह सुनकर इस्राएल प्रदेश के राजा ने आदेश दिया, ‘मीकायाह को पकड़ो और इसे नगर के अध्‍यक्ष आमोन और राजकुमार योआश के पास ले जाओ।


पुरोहित यहोयादा का एक पुत्र था − जकर्याह। परमेश्‍वर का आत्‍मा उस पर उतरा और वह एक ऊंचे स्‍थान पर खड़ा होकर लोगों से कहने लगा, ‘परमेश्‍वर यों कहता है: तुम मेरी आज्ञाओं का उल्‍लंघन क्‍यों करते हो? इस कारण तुम्‍हारा कोई भी काम सफल नहीं होता है। तुमने मुझ-प्रभु को छोड़ दिया, इसलिए मैंने भी तुमको छोड़ दिया।’


किन्‍तु उन लोगों ने जकर्याह के विरुद्ध षड्‍यन्‍त्र रचा, और राजा के आदेश से उसको प्रभु-भवन के आंगन में पत्‍थर मार-मार कर मार डाला।


अत: प्रभु अमस्‍याह से क्रुद्ध हो गया और उसके पास एक नबी भेजा। नबी ने अमस्‍याह से कहा, ‘महाराज, आपने उस जाति के देवताओं की शरण क्‍यों ली, जिन्‍होंने अपनी जाति को आपके हाथ से नहीं बचाया था?’


तब यहूदा प्रदेश के राजा अमस्‍याह ने अपने सलाहकारों से सलाह की और इस्राएल प्रदेश के राजा यहोआश के पास दूत भेजे। यहोआश येहू का पौत्र और यहोआहाज का पुत्र था। अमस्‍याह ने उसको यह सन्‍देश भेजा : ‘आओ, हम युद्ध में अपनी शक्‍ति आजमाएँ।’


फरओ ने मूसा से कहा, ‘मेरे पास से चले जाओ। तुम सावधान रहना। मेरा मुख फिर न देखना; अन्‍यथा जिस दिन तुम मेरा मुख देखोगे, मर जाओगे।’


किन्‍तु मैंने तुझे इस उद्देश्‍य से जीवित रखा कि तुझे अपना सामर्थ्य दिखाऊं, जिससे समस्‍त पृथ्‍वी पर मेरे नाम का गुणगान किया जाए।


क्‍योंकि तुमने ज्ञान से बैर किया है; तुम्‍हें प्रभु की भक्‍ति करना पसन्‍द नहीं है।


तुम्‍हें मेरी सलाह नहीं चाहिए; तुम मेरी चेतावनियों को तुच्‍छ समझते हो।


मैं आदिकाल से ही अन्‍त की बातें बताता आया हूं, मैंने प्राचीनकाल में ही भविष्‍य की घटनाएं घोषित कर दी हैं। मैंने यह कहा है: ‘मेरे संकल्‍प अटल हैं, मैं अपने समस्‍त अभिप्रायों को निस्‍सन्‍देह पूर्ण करूंगा।’


तेरा दुष्‍कर्म ही तुझे ताड़ना देगा और तेरा ईश-त्‍याग ही तुझे दंडित करेगा। ओ इस्राएल, तू यह बात जान, और स्‍वयं अपनी आंखों से देख, कि अपने प्रभु परमेश्‍वर को त्‍यागना तेरे लिए कितना अनिष्‍टकारी और कटु है। तेरे हृदय में मेरे लिए कोई भय नहीं है,’ स्‍वर्गिक सेनाओं के स्‍वामी प्रभु की यह वाणी है।


प्रभु यह कहता है, “मैंने इन को नहीं भेजा है। परन्‍तु ये लोग मेरे नाम से झूठ-मूठ नबूवत कर रहे हैं। इन का परिणाम यह होगा कि मैं तुझ को इस देश से हांक दूंगा, और तू और तेरे ये नबी जो तुझसे नबूवत करते हैं, नष्‍ट हो जाएंगे।” ’


कि “प्रभु ने पुरोहित यहोयादा के स्‍थान पर तुझे पुरोहित अभिषिक्‍त किया है ताकि तू प्रभु के भवन का दायित्‍व संभाले, और उन सब पागलों के हाथ में जंजीरें और पैरों में बेड़ियां पहिनाए जो प्रभु के भवन में नबूवत करते हैं।


अत: योहानान बेन-कारेह, उसके सहयोगी सेनानायक तथा बचे हुए सब लोगों ने प्रभु की वाणी को अनसुना कर दिया, और वे यहूदा प्रदेश में नहीं रहे।


और चेतावनी के नरसिंगे की आवाज सुनने पर भी यदि कोई व्यक्‍ति सावधान नहीं होगा, और शत्रु का आक्रमण होने पर वह उसकी तलवार से मारा जाएगा, तो उसके खून का दोष उसके ही सिर पड़ेगा।


येशु मन्‍दिर में लौटे। जब वह लोगों को शिक्षा दे रहे थे, तब महापुरोहित और समाज के धर्मवृद्ध उनके पास आ कर बोले, “आप किस अधिकार से ये कार्य कर रहे हैं? किसने आप को यह अधिकार दिया है?”


ताकि उसे पूरा करें, जिसे तेरे सामर्थ्य और तेरी योजना ने पहले से निर्धारित किया था।


यदि परमेश्‍वर ने अपना क्रोध प्रदर्शित करने तथा अपना सामर्थ्य प्रकट करने के उद्देश्‍य से बहुत धैर्य से कोप के उन पात्रों को सहन किया, जो विनाश के लिए तैयार थे, तो कौन आपत्ति कर सकता है?


परमेश्‍वर सब बातों में अपने मन की योजना पूरी करता है। अपने उद्देश्‍य के अनुसार उसने निर्धारित किया कि हम मसीह में विरासत प्राप्‍त करें और हम लोगों के कारण उसकी महिमा की स्‍तुति हो। हम लोगों ने तो सब से पहले मसीह पर भरोसा रखा था।


किन्‍तु हेश्‍बोन के राजा सीहोन ने हमें अपने पास से होकर नहीं जाने दिया; क्‍योंकि तुम्‍हारे प्रभु परमेश्‍वर ने उसकी आत्‍मा को कठोर, और हृदय को हठीला बना दिया था, जिससे वह उसे तुम्‍हारे हाथ में सौंप दे, जैसे वह आज भी है।


क्‍योंकि वह समय आ रहा है, जब लोग हितकारी शिक्षा नहीं सुनेंगे, बल्‍कि मनमाना आचरण करेंगे और चाटुकार उपदेशकों की भीड़ अपने पास जमा कर लेंगे।


पृथ्‍वी के निवासी इनके कारण उल्‍लसित हो कर आनन्‍द मनायेंगे और एक दूसरे को उपहार देंगे, क्‍योंकि ये दो नबी पृथ्‍वी के निवासियों को सताया करते थे।


यदि एक व्यक्‍ति दूसरे व्यक्‍ति के प्रति अपराध करता है, तो परमेश्‍वर उसके लिए हस्‍तक्षेप करता है। परन्‍तु यदि व्यक्‍ति स्‍वयं प्रभु के प्रति पाप करेगा तो कौन उसकी क्षमा के लिए प्रार्थना कर सकता है?’ पुत्रों ने अपने पिता की बातों पर कान नहीं दिया; क्‍योंकि यह प्रभु की इच्‍छा थी कि वे मर जाएँ।


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