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यिर्मयाह 37:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

15 उच्‍चाधिकारी यिर्मयाह से बहुत नाराज हुए। उन्‍होंने यिर्मयाह को मारा और सचिव योनातान के घर में बन्‍द कर दिया; योनातान के घर को बन्‍दीगृह बना दिया गया था।

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पवित्र बाइबल

15 वे अधिकारी यिर्मयाह पर बहुत क्रोधित थे। उन्होंने यिर्मयाह को पीटने का आदेश दिया। तब उन्होंने यिर्मयाह को बन्दीगृह में डाल दिया। बन्दीगृह योनातान नामक व्यक्ति के घर में था। योनातान यहूदा के राजा का शास्त्री था। योनातान का घर बन्दीगृह बना दिया गया था।

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Hindi Holy Bible

15 तब हाकिमों ने यिर्मयाह से क्रोधित हो कर उसे पिटवाया, और योनातान प्रधान के घर में बन्दी बना कर डलवा दिया; क्योंकि उन्होंने उसको साधारण बन्दीगृह बना दिया था।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

15 तब हाकिमों ने यिर्मयाह से क्रोधित होकर उसे पिटवाया, और योनातान प्रधान के घर में बन्दी बनाकर डलवा दिया; क्योंकि उन्होंने उसको साधारण बन्दीगृह बना दिया था।

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सरल हिन्दी बाइबल

15 अधिकारी येरेमियाह से रुष्ट हो गए और उन्होंने येरेमियाह को पिटवा कर लिपिक योनातन के निवास में बंदी बनाकर रख दिया, वस्तुतः योनातन का निवास स्थान कारागार में परिवर्तित कर दिया गया था.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

15 तब हाकिमों ने यिर्मयाह से क्रोधित होकर उसे पिटवाया, और योनातान प्रधान के घर में बन्दी बनाकर डलवा दिया; क्योंकि उन्होंने उसको साधारण बन्दीगृह बना दिया था। (इब्रा. 11:36)

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यिर्मयाह 37:15
27 क्रॉस रेफरेंस  

यूसुफ के स्‍वामी ने उसे पकड़कर कारागार में डाल दिया। इस स्‍थान में राजा के बन्‍दी कैद थे। यूसुफ भी कारागार में था।


यह सुनकर राजा आसा द्रष्‍टा से बहुत नाराज हुआ। उसने द्रष्‍टा को काठ की बेड़ी से जकड़ दिया और कारागार में डाल दिया। वह द्रष्‍टा की बात सुनकर उसके प्रति क्रोधाग्‍नि से धधक उठा था। उन्‍हीं दिनों में राजा आसा ने जनता के कुछ लोगों से निर्दय व्‍यवहार भी किया।


तुम उनसे कहना, “महाराज ने यों कहा है : तुम इस आदमी को कारागार में बन्‍द रखो। जब तक मैं युद्ध से सकुशल न लौट आऊं तब तक तुम इसे बस इतना भोजन देना कि यह जीवित रह सके।”


प्रभु, तू जानता है कि उन्‍होंने मेरी हत्‍या का षड्‍यन्‍त्र रचा है। तू उनका यह दुष्‍कर्म क्षमा मत करना। अपनी दृष्‍टि से उनका पाप मत मिटाना। प्रभु वे तेरे सामने ही लड़खड़ा कर गिरें; जब तेरी क्रोधाग्‍नि भड़क उठे, तब तू उनको उनके षड्‍यन्‍त्र का फल देना।


तब उच्‍चाधिकारियों और जनता ने पुरोहितों और नबियों से कहा, ‘इस मनुष्‍य ने ऐसा कोई काम नहीं किया है कि इस को मृत्‍यु-दण्‍ड दिया जाए। इस ने तो हमारे प्रभु परमेश्‍वर के नाम से वचन सुनाया है।’


उस समय बेबीलोन के राजा की सेना यरूशलेम नगर की घेराबन्‍दी कर रही थी, और नबी यिर्मयाह यहूदा के राजा के राजमहल में, अंगरक्षकों के आंगन में बन्‍दी थे;


मेरे स्‍वामी, महाराज, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप मेरी बात सुनिए, और मुझे सचिव योनातान के घर में मत भेजिए। मैं वहां मर जाऊंगा।’


उस समय यिर्मयाह बन्‍दी नहीं बनाए गए थे, और स्‍वतन्‍त्रतापूर्वक जनता में आते-जाते थे।


यिर्मयाह, यदि मेरे उच्‍चाधिकारी तुमसे पूछें तो तुम केवल यही कहना कि तुमने मुझसे विनती की है कि मैं तुम्‍हें योनातान के मकान में न भेजूं अन्‍यथा तुम मर जाओगे।’


अत: उच्‍चाधिकारियों ने यिर्मयाह को पकड़ा, और रस्‍सियों से बांध कर राजकुमार मल्‍कियाह के अंधे-कुंएं में डाल दिया। यह कुआँ राजमहल के पहरे के आंगन में था। उसमें पानी नहीं, बल्‍कि कीचड़ ही कीचड़ था। यिर्मयाह कीचड़ में धंस गए।


जब यिर्मयाह राजमहल के पहरे के आंगन में नजरबन्‍द थे, तब उन्‍हें प्रभु का यह सन्‍देश मिला था। प्रभु ने कहा,


किन्‍तु किसानों ने उसके सेवकों को पकड़ कर उन में से किसी को मारा-पीटा, किसी की हत्‍या कर दी और किसी को पत्‍थरों से मार डाला।


सुनो! मैं तुम्‍हारे पास नबियों, ज्ञानियों और शास्‍त्रियों को भेजता हूँ। तुम उन में से कितनों को मार डालोगे और क्रूस पर चढ़ाओगे, कितनों को अपने सभागृहों में कोड़े लगाओगे और नगर-नगर में उनका पीछा करोगे,


उन्‍होंने उनकी आँखों पर पट्टी बाँधी और उनसे पूछने लगे, “नबूवत कर, तुझे किसने मारा?”


इस पर पास खड़े सिपाहियों में से एक ने येशु को थप्‍पड़ मार कर कहा, “तुम महापुरोहित को इस तरह जवाब देते हो?”


उन्‍होंने प्रेरितों को गिरफ्‍तार कर सार्वजनिक बन्‍दीगृह में डाल दिया।


“क्‍या हमने तुम लोगों को कड़ा आदेश नहीं दिया था कि इस नाम से शिक्षा मत देना; परन्‍तु तुम लोगों ने सारा यरूशलेम अपनी शिक्षा से भर दिया है और उस मनुष्‍य की हत्‍या का दोष हमारे सिर पर मढ़ना चाहते हो?”


वे उसकी बात मान गये। उन्‍होंने प्रेरितों को बुला भेजा, उन्‍हें कोड़े लगवाये और यह कड़ा आदेश दे कर छोड़ दिया कि वे येशु के नाम से कुछ न कहें।


तुम्‍हें जो कष्‍ट भोगना होगा, उस से मत डरो। शैतान तुम्‍हारी परीक्षा लेने के उद्देश्‍य से तुम लोगों में से कुछ को क़ैद में डाल देगा और तुम लोग दस दिनों तक संकट में पड़े रहोगे। तुम मृत्‍यु तक विश्‍वस्‍त बने रहो और मैं तुम्‍हें जीवन का मुकुट प्रदान करूँगा।


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