वह सीदोनी जाति की देवी अशेराह तथा अम्मोनी जाति के घृणित देवता मिल्कोम की पूजा करने लगा।
2 इतिहास 15:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) राजा आसा नबी अजर्याह बेन-ओदेद की ये बातें, उसकी यह नबूवत सुनकर साहस से भर गया। उसने समस्त यहूदा प्रदेश और बिन्यामिन कुल-क्षेत्र से घृणित मूर्तियां हटा दीं। उसने एफ्रइम के पहाड़ी क्षेत्र के नगरों में भी यही किया। ये नगर उसने युद्ध में जीते थे। प्रभु की वेदी मन्दिर की ड्योढ़ी के सामने थी। राजा आसा ने प्रभु की इस वेदी की मरम्मत की। पवित्र बाइबल आसा ने जब इन बातों और ओदेद नबी के सन्देश को सुना तो वह बहुत उत्साहित हुआ। तब उसने सारे यहूदा और बिन्यामीन देश से घृणित मूर्तियों को हटा दिया और उसने एप्रैम के पहाड़ी प्रदेश में अपने अधिकार में लाए गए नगरों में मूर्तियों को हटाया और उसने यहोवा की उस वेदी की मरम्मत की जो यहोवा के मन्दिर के द्वार मण्डप के सामने थी। Hindi Holy Bible जब आसा ने ये वचन और ओदेद नबी की नबूवत सुनी, तब उसने हियाव बान्ध कर यहूदा और बिन्यामीन के सारे देश में से, और उन नगरों में से भी जो उसने एप्रैम के पहाड़ी देश में ले लिये थे, सब घिनौनी वस्तुएं दूर कीं, और यहोवा की जो वेदी यहोवा के ओसारे के साम्हने थी, उसको नये सिरे से बनाया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब आसा ने ये वचन और ओदेद नबी की नबूवत सुनी, तब उसने हियाव बाँधकर यहूदा और बिन्यामीन के सारे देश में से, और उन नगरों में से भी जो उसने एप्रैम के पहाड़ी देश में ले लिये थे, सब घिनौनी वस्तुएँ दूर कीं, और यहोवा की जो वेदी यहोवा के ओसारे के सामने थी, उसको नये सिरे से बनाया। सरल हिन्दी बाइबल जब आसा ने ओदेद के पुत्र अज़रियाह की यह बातें और यह भविष्यवाणी सुनी, उसमें साहस का संचार आया. उसने सारे यहूदिया और बिन्यामिन एफ्राईम के पहाड़ी इलाके के कई नगरों में से घृणित मूर्तियां हटा दी. इसके बाद उसने याहवेह के ओसारे के सामने की याहवेह की वेदी को दोबारा बनाया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब आसा ने ये वचन और ओदेद नबी की नबूवत सुनी, तब उसने हियाव बाँधकर यहूदा और बिन्यामीन के सारे देश में से, और उन नगरों में से भी जो उसने एप्रैम के पहाड़ी देश में ले लिये थे, सब घिनौनी वस्तुएँ दूर कीं, और यहोवा की जो वेदी यहोवा के ओसारे के सामने थी, उसको नये सिरे से बनाया। |
वह सीदोनी जाति की देवी अशेराह तथा अम्मोनी जाति के घृणित देवता मिल्कोम की पूजा करने लगा।
उसने यरूशलेम की पश्चिमी दिशा में एक पहाड़ पर मोआब जाति के घृणित देवता कमोश तथा अम्मोन जाति के घृणित देवता मोलेक के लिए एक वेदी निर्मित की।
इस्राएल प्रदेश के राजा यारोबआम के राज्य-काल के बीसवें वर्ष में आसा ने यहूदा प्रदेश में राज्य करना आरम्भ किया।
उसने प्रभु के सम्मुख की कांस्य वेदी को मन्दिर के सामने से, अर्थात् अपनी नई वेदी और प्रभु-मन्दिर के बीच में से, हटा दिया और उसको अपनी वेदी के उत्तर की ओर रख दिया।
पर यदि तुम मुझसे यह कहोगे, “हमने अपने प्रभु परमेश्वर पर भरोसा किया,” तो मैं तुमसे यह कहता हूँ : क्या यह वही प्रभु परमेश्वर नहीं है, जिसके पहाड़ी शिखर के आराधना-गृह तथा वेदियां हिजकियाह ने हटा दी हैं, और जिसके लिए हिजकियाह ने यहूदा प्रदेश और यरूशलेम के निवासियों को यह आदेश दिया है, “तुम यरूशलेम की वेदी के सम्मुख ही आराधना करना?”
राजा सुलेमान ने यरूशलेम के पूर्व में तथा जैतून पर्वत के दक्षिण में घृणित देवी-देवताओं के लिए, पहाड़ी शिखर की वेदियां बनाई थीं। घृणित देवी-देवता ये थे : सीदोनी जाति की राष्ट्रीय देवी अशेराह, मोआबी जाति का राष्ट्रीय देवता कमोश, और अम्मोनी जाति का राष्ट्रीय देवता मिल्कोम। राजा योशियाह ने इनकी वेदियों को अशुद्ध कर दिया।
तब अबियाह ने यारोबआम का पीछा किया, और उससे ये नगर छीन लिए: बेतएल और उसके आस-पास के गांव, यशनाह और उसके आस-पास के गांव, एप्रोन और उसके आस-पास के गांव।
उसने यहूदा प्रदेश के सब किलाबन्द नगरों में सैन्य-दल नियुक्त किए। उसने समस्त यहूदा प्रदेश में सैन्य-शिविर स्थापित किए। एफ्रइम के जिन नगरों पर उसके पिता आसा ने कब्जा कर लिया था, उनमें भी उसने अपनी सैनिक-चौकियां बैठा दीं।
और सुनो, महापुरोहित अमर्याह प्रभु की आराधना सम्बन्धी सब मुकद्दमों का निर्णय करेंगे। वह तुम्हारे प्रमुख न्यायाधीश होंगे। राजा से सम्बन्धित सब राजकीय मामलों का निपटारा यहूदा कुल के प्रशासक जबद्याह बेन-यिश्माएल करेंगे। वह राजकीय मुकद्दमों में तुम्हारे प्रमुख न्यायाधीश होंगे। लेवी वंश के उप-पुरोहित तुम्हारी सहायता करने वाले मुन्शी होंगे। अत: साहस और धैर्य से न्याय करो। निष्कपट मनुष्य के साथ प्रभु हो।’
यहूदा प्रदेश का राजा यहोशाफट राजधानी यरूशलेम में रहता था। उसने बएरशेबा नगर से एफ्रइम के पहाड़ी क्षेत्र तक समस्त प्रदेश में दौरा किया, और इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को उसके पूर्वजों के प्रभु परमेश्वर की ओर वापस ले आया।
प्रभु के भवन को शुद्ध करने के बाद वे राजा हिजकियाह के पास उसके राजमहल में आए। उन्होंने उससे कहा, ‘महाराज, हमने प्रभु के भवन को पूर्णत: शुद्ध कर दिया: अग्नि-बलि की वेदी और उसके सब पात्र, भेंट की रोटी की मेज, और उसके सब पात्र।
उसने पीतल की एक वेदी बनाई। वह नौ मीटर चौड़ी और नौ मीटर लम्बी थी। वह साढ़े चार मीटर ऊंची थी।
राजा सुलेमान ने मन्दिर की ड्योढ़ी के सामने प्रभु के लिए एक वेदी बनाई थी। उसने उस वेदी पर अग्नि-बलि चढ़ाई।
मनुष्य देवदार के वृक्ष को काटता है। अथवा पहले वह तिर्जा या बांज वृक्ष को चुनता है। तत्पश्चात् वह उसको जंगल के अन्य वृक्षों के मध्य बढ़ने और मजबूत होने देता है। वह देवदार का पौधा भी लगाता है, और वर्षा उसको बढ़ाती है।
ये मृतकों से अपने स्वप्नों का अर्थ पूछने के लिए कबरों के मध्य बैठते हैं, और सुनसान स्थानों में रात बिताते हैं। ये सूअर का मांस खाते हैं। जो घृणित पशु बलि में चढ़ाया जाता है, उसका शोरबा अपने बरतनों में रखते हैं।
अत: उनके अधर्म और पाप का दो गुना दण्ड मैं उनको सौंप दूंगा। उन्होंने अपने देवी-देवताओं की घृणित लोथों से मेरे देश को भ्रष्ट कर दिया है। उन्होंने मेरे निजी भूमि-क्षेत्र को घृण्य मूर्तियों से भर दिया है।’
अत: मैं भीतर गया, और मैंने दीवार पर एक कोने से दूसरे कोने तक अनेक चित्र देखे: सब प्रकार के कीड़ों-मकौड़ों के चित्र, घृणित पशुओं के चित्र, और इस्राएलियों के द्वारा पूजे जानेवाले देवी-देवताओं के चित्र!
इसलिए मेरे आदेश का पालन करो : तुम उन घृणास्पद प्रथाओं को नहीं मानना, जिनको तुमसे पूर्व माना जाता था। उनके द्वारा स्वयं को अशुद्ध मत करना। मैं प्रभु तुम्हारा परमेश्वर हूँ।’
जिसे पाँच सिक्के मिले थे, उसने तुरन्त जा कर उनके साथ लेन-देन किया तथा और पाँच सिक्के कमा लिये।
वहाँ के भाई-बहिन हमारे आगमन का समाचार सुनकर, अप्पियुस के चौक तक और “तीन सराय” नामक स्थान तक हमारा स्वागत करने आये। उन्हें देख कर पौलुस ने परमेश्वर को धन्यवाद दिया और वह प्रोत्साहित हुए।
“जो व्यक्ति खोदकर अथवा गढ़कर मूर्ति बनाता है, और गुप्त स्थान में उसको प्रतिष्ठित करता है, वह शापित है। ऐसे कारीगर का यह हस्तकार्य प्रभु की दृष्टि में घृणित है।” सब लोग प्रत्युत्तर में कहेंगे, “ऐसा ही हो!”
आप लोगों ने पहले सांसारिक लोगों की जीवनचर्या के अनुसार व्यभिचार, भोग-विलास, मदिरापान, रंगरलियों, मादकता और घृणित मूर्तिपूजा में जो समय बिताया, वही बहुत हुआ।
इस्राएलियों ने अपने मध्य में स्थापित अन्य देशों के देवी-देवताओं की मूर्तियाँ हटा दीं, और वे प्रभु की आराधना करने लगे। प्रभु का प्राण इस्राएलियों के कष्ट के कारण अधीर हुआ!