18 प्रभु के भवन को शुद्ध करने के बाद वे राजा हिजकियाह के पास उसके राजमहल में आए। उन्होंने उससे कहा, ‘महाराज, हमने प्रभु के भवन को पूर्णत: शुद्ध कर दिया: अग्नि-बलि की वेदी और उसके सब पात्र, भेंट की रोटी की मेज, और उसके सब पात्र।
18 तब वे राजा हिजकिय्याह के पास गए। उन्होंने उससे कहा, “राजा हिजकिय्याह, हम लोगों ने यहोवा के पूरे मन्दिर और भेंट जलाने के लिये वेदी को स्वच्छ कर दिया। हम लोगों ने रोटी को पक्तियों में रखने की मेज और उस के लिये उपयोग में आने वाली सभी चीज़ों को स्वच्छ कर दिया।
18 तब उन्होंने राजा हिजकिय्याह के पास भीतर जा कर कहा, हम यहोवा के पूरे भवन को और पात्रों समेत होमबलि की वेदी और भेंट की रोटी की मेज को भी शुद्ध कर चुके।
18 तब उन्होंने राजा हिजकिय्याह के पास भीतर जाकर कहा, “हम यहोवा के पूरे भवन को, और पात्रों समेत होमबलि की वेदी, और भेंट की रोटी की मेज को भी शुद्ध कर चुके।
18 तब वे राजा हिज़किय्याह के सामने गए और उन्होंने बताया, हमने याहवेह के पूरे भवन को शुद्ध कर दिया है, होमबलि की वेदी, उससे संबंधित सारे बर्तन, भेंट की रोटी की मेज़ और उससे संबंधित सारे बर्तन.
18 तब उन्होंने राजा हिजकिय्याह के पास भीतर जाकर कहा, “हम यहोवा के पूरे भवन को और पात्रों समेत होमबलि की वेदी, और भेंट की रोटी की मेज को भी शुद्ध कर चुके।
हारून-वंशीय ये पुरोहित प्रतिदिन सबेरे और सन्ध्या समय प्रभु के लिए अग्नि-बलि चढ़ाते हैं, सुगन्धित धूप-द्रव्य जलाते हैं। वे कुन्दन की मेज पर भेंट की रोटी रखते हैं। वे स्वर्ण दीपाधार के दीये नियमित रूप से सन्ध्या समय जलाते हैं। इस प्रकार हम अपने प्रभु परमेश्वर के आदेश का पालन करते हैं; किन्तु तुमने उसको त्याग दिया।
उन्होंने प्रभु के भवन की सफाई के कार्य का आरम्भ हिजकियाह के शासन-काल के प्रथम वर्ष के पहिले महीने से किया था। वे उस महीने की आठवीं तारीख को प्रभु के भवन की ड्योढ़ी में पहुंचे। उसके पश्चात् उन्होंने प्रभु के भवन को आठ दिन में स्वच्छ किया; और यों उस महीने की सोलहवीं तारीख को साफ-सफाई का काम पूरा हुआ।
महाराज, हमने उन पात्रों की भी सफाई कर दी है जो राजा आहाज ने अपने राज्य-काल में प्रभु के प्रति विश्वासघात करके फेंक दिये थे। हमने उन पात्रों को ठीक कर दिया है। अब वे भी शुद्ध हो गए हैं। चलकर देखिए, वे प्रभु की वेदी के सामने रखे हुए हैं।’
उसने परमेश्वर के भवन में प्रवेश किया और अपने साथियों के साथ भेंट की रोटियाँ खायीं, जिनका खाना उसके और उसके साथियों के लिए मना था। भेंट की रोटियाँ केवल पुरोहित खा सकते थे।