उसी दिन राजा ने मध्यवर्ती आंगन को भी प्रभु की महिमा के लिए अर्पित किया। यह प्रभु-भवन के सामने था। प्रभु के सम्मुख की कांस्य वेदी छोटी थी। उस पर अग्नि-बलि, अन्न-बलि और सहभागिता-बलियों की चर्बी चढ़ाना सम्भव न था। इसलिए राजा ने मध्यवर्ती आंगन में अग्नि-बलि, अन्न-बलि और सहभागिता-बलियों की चर्बी चढ़ाई।
गिबओन के पहाड़ी शिखर में प्रभु के शिविर के सम्मुख पीतल की वेदी थी, जो बसलेल ने बनाई थी। बसलेल के पिता का नाम ऊरी और दादा का नाम हूर था। राजा सुलेमान और आराधकों के समूह ने प्रभु की इच्छा जानने के लिए आराधना की।
सुलेमान ने प्रभु के लिए एक वेदी बनाई थी। वह उस वेदी पर वर्ष में तीन बार अग्नि-बलि और सहभागिता-बलि चढ़ाता था। वह प्रभु के सम्मुख सुगन्धित धूप जलाता था। इस प्रकार सुलेमान ने निर्माण-कार्य समाप्त किया।
राजा आसा नबी अजर्याह बेन-ओदेद की ये बातें, उसकी यह नबूवत सुनकर साहस से भर गया। उसने समस्त यहूदा प्रदेश और बिन्यामिन कुल-क्षेत्र से घृणित मूर्तियां हटा दीं। उसने एफ्रइम के पहाड़ी क्षेत्र के नगरों में भी यही किया। ये नगर उसने युद्ध में जीते थे। प्रभु की वेदी मन्दिर की ड्योढ़ी के सामने थी। राजा आसा ने प्रभु की इस वेदी की मरम्मत की।
राजा सुलेमान ने मध्यवर्ती आंगन को भी प्रभु की महिमा के लिए अर्पित किया। यह प्रभु के भवन के सम्मुख था। जो कांस्य वेदी सुलेमान ने बनाई थी, वह छोटी थी। उस पर अग्नि-बलि, अन्न-बलि और सहभागिता-बलि एक साथ चढ़ाना सम्भव न था। इसलिए राजा सुलेमान ने मध्यवर्ती आंगन में अग्नि-बलि और सहभागिता-बलि की चर्बी चढ़ाई।
प्रभु के भवन को शुद्ध करने के बाद वे राजा हिजकियाह के पास उसके राजमहल में आए। उन्होंने उससे कहा, ‘महाराज, हमने प्रभु के भवन को पूर्णत: शुद्ध कर दिया: अग्नि-बलि की वेदी और उसके सब पात्र, भेंट की रोटी की मेज, और उसके सब पात्र।