वे कुटिलता की युक्ति रचते हैं, और कहते हैं, “हमने बहुत सोच समझकर षड्यंत्र रचा है।” मनुष्य का मन और हृदय तो अथाह है।
रोमियों 8:39 - नवीन हिंदी बाइबल न ऊँचाई न गहराई, और न ही सृष्टि की कोई वस्तु हमें परमेश्वर के प्रेम से जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी। पवित्र बाइबल न कोई हमारे ऊपर का और न हमसे नीचे का, न सृष्टि की कोई और वस्तु हमें प्रभु के उस प्रेम से, जो हमारे भीतर प्रभु यीशु मसीह के प्रति है, हमें अलग कर सकेगी। Hindi Holy Bible न गहिराई और न कोई और सृष्टि, हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) न आकाश में या पाताल में कोई शक्ति और न समस्त सृष्टि में कोई वस्तु हमें परमेश्वर के उस प्रेम से अलग कर सकती है, जो हमें हमारे प्रभु येशु मसीह द्वारा मिला है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) न गहराई, और न कोई और सृष्टि हमें परमेश्वर के प्रेम से जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी। सरल हिन्दी बाइबल न ऊंचाई, न गहराई और न कोई और सृष्टि हमारे प्रभु येशु मसीह में परमेश्वर के जो प्रेम है, उससे हमें अलग कर सकती है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 न गहराई और न कोई और सृष्टि, हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी। |
वे कुटिलता की युक्ति रचते हैं, और कहते हैं, “हमने बहुत सोच समझकर षड्यंत्र रचा है।” मनुष्य का मन और हृदय तो अथाह है।
क्योंकि झूठे मसीह और झूठे भविष्यवक्ता उठ खड़े होंगे और बड़े-बड़े चिह्न और अद्भुत कार्य दिखाएँगे कि यदि संभव हो तो चुने हुओं को भी भरमा दें;
इसलिए कि पिता स्वयं तुमसे प्रेम करता है, क्योंकि तुमने मुझसे प्रेम किया है और यह विश्वास किया है कि मैं परमेश्वर की ओर से आया हूँ।
और मैंने उन्हें तेरा नाम बताया और बताता रहूँगा, ताकि जो प्रेम तूने मुझसे रखा वह उनमें रहे और मैं उनमें।”
“क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह नाश न हो, परंतु अनंत जीवन पाए।
उन सब के नाम जो रोम में परमेश्वर के प्रिय हैं और पवित्र होने के लिए बुलाए गए हैं : हमारे परमेश्वर पिता और प्रभु यीशु मसीह की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शांति मिले।
आहा! परमेश्वर का धन, बुद्धि और ज्ञान कितना गहन है! उसके निर्णय कैसे अथाह और उसके मार्ग कैसे अगम्य हैं!
परंतु परमेश्वर हमारे प्रति अपने प्रेम को इस प्रकार प्रकट करता है कि जब हम पापी ही थे, तब मसीह हमारे लिए मरा।
क्योंकि पाप की मज़दूरी तो मृत्यु है, परंतु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनंत जीवन है।
अतः अब जो मसीह यीशु में हैं, उन पर दंड की आज्ञा नहीं; [वे शरीर के अनुसार नहीं बल्कि आत्मा के अनुसार चलते हैं।]
कौन हमें मसीह के प्रेम से अलग करेगा? क्या क्लेश, या विपत्ति, या सताव, या अकाल, या नंगाई, या संकट, या तलवार?
परंतु मुझे डर है, जैसे साँप ने अपनी चतुराई से हव्वा को बहकाया, वैसे ही कहीं तुम्हारे मन उस सीधाई और पवित्रता से भटक न जाएँ, जो मसीह में है।
कि कहीं ऐसा न हो कि शैतान हमसे कुछ लाभ उठाए, क्योंकि हम उसकी युक्तियों से अनजान नहीं हैं।
उसने हमें जगत की उत्पत्ति से पहले उसमें चुन लिया कि हम उसके सामने प्रेम में पवित्र और निर्दोष रहें,
यह नहीं कि मैंने उस लक्ष्य को प्राप्त कर लिया, या सिद्ध हो चुका हूँ, पर मैं उसे प्राप्त करने के लिए दौड़ा जाता हूँ, जिसके लिए मसीह यीशु ने मुझे पकड़ा था।
वास्तविक ख़तनावाले तो हम हैं, जो परमेश्वर के आत्मा में आराधना करते और मसीह यीशु पर गर्व करते हैं, और शरीर पर भरोसा नहीं रखते।
इससे भी बढ़कर मैं अपने प्रभु मसीह यीशु के ज्ञान की श्रेष्ठता के कारण सब बातों को हानि समझता हूँ, जिसके कारण मैंने सब वस्तुओं की हानि उठाई, और उन्हें कूड़ा समझता हूँ जिससे मैं मसीह को प्राप्त करूँ,
जो प्रत्येक तथाकथित ईश्वर या आराध्य वस्तु का विरोध करता है और अपने आपको उनसे ऊँचा ठहराता है, यहाँ तक कि वह परमेश्वर के मंदिर में बैठकर अपने आपको परमेश्वर घोषित करता है।
जो प्रेम परमेश्वर हमसे रखता है उसे हम जान गए हैं, और हमने उस पर विश्वास किया है। परमेश्वर प्रेम है, और जो प्रेम में बना रहता है वह परमेश्वर में बना रहता है और परमेश्वर उसमें बना रहता है।
और उस बड़े अजगर को अर्थात् उस पुराने साँप को, जो इब्लीस और शैतान कहलाता है और समस्त संसार को भरमाता है, पृथ्वी पर फेंक दिया गया, और उसके साथ उसके दूतों को भी फेंक दिया गया।
और वह इन चिह्नों के द्वारा जिन्हें उस पशु की ओर से दिखाने का उसे अधिकार मिला था, पृथ्वी पर रहनेवालों को भरमाता था और उनसे उस पशु की मूर्ति बनाने के लिए कहता था, जो तलवार से घायल था और फिर भी जीवित था।
परंतु पशु और उसके साथ वह झूठा भविष्यवक्ता पकड़ा गया, जिसने उसके सामने चिह्न दिखाए थे। उन चिह्नों से उसने उन लोगों को भरमाया जिन पर पशु की छाप थी और जो उसकी मूर्ति की पूजा करते थे। उन दोनों को गंधक से जलती हुई आग की झील में जीवित ही फेंक दिया गया।
परंतु थुआतीरा के बाकी लोगों से, जो इस शिक्षा को नहीं मानते और उन बातों को जिन्हें वे ‘शैतान की गूढ़ बातें’ कहते हैं नहीं जानते, मैं यह कहता हूँ : मैं तुम पर और कोई बोझ नहीं डालूँगा।
और अथाह कुंड में डाल दिया तथा उसे बंद करके उस पर मुहर लगा दी, कि जब तक हज़ार वर्ष पूरे न हो जाएँ, वह जाति-जाति के लोगों को फिर न भरमाए। इन बातों के बाद उसका थोड़े समय के लिए खोला जाना आवश्यक है।