मूर्ख अपने मन में कहता है, “परमेश्वर है ही नहीं।” वे भ्रष्ट हैं, और अधर्म के घृणित कार्य करते हैं। ऐसा कोई नहीं जो भलाई करता हो।
मत्ती 12:34 - नवीन हिंदी बाइबल हे साँप के बच्चो, तुम बुरे होकर अच्छी बातें कैसे कह सकते हो? क्योंकि जो मन में भरा है वही मुँह पर आता है। पवित्र बाइबल अरे ओ साँप के बच्चो! जब तुम बुरे हो तो अच्छी बातें कैसे कह सकते हो? व्यक्ति के शब्द, जो उसके मन में भरा है, उसी से निकलते हैं। Hindi Holy Bible हे सांप के बच्चों, तुम बुरे होकर क्योंकर अच्छी बातें कह सकते हो? क्योंकि जो मन में भरा है, वही मुंह पर आता है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) साँप के बच्चो! तुम बुरे हो कर अच्छी बातें कैसे कह सकते हो? जो हृदय में भरा है, वही तो मुँह से बाहर आता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हे साँप के बच्चो, तुम बुरे होकर कैसे अच्छी बातें कह सकते हो? क्योंकि जो मन में भरा है, वही मुँह पर आता है। सरल हिन्दी बाइबल अरे तुम! तुम, जो विषैले सांप की संतान हो, भला तुम्हारे बुरे होने पर तुम्हारे मुख से अच्छी बातें कैसे निकल सकती हैं? क्योंकि मुख से वही मुखरित होता है जो हृदय में भरा होता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हे साँप के बच्चों, तुम बुरे होकर कैसे अच्छी बातें कह सकते हो? क्योंकि जो मन में भरा है, वही मुँह पर आता है। |
मूर्ख अपने मन में कहता है, “परमेश्वर है ही नहीं।” वे भ्रष्ट हैं, और अधर्म के घृणित कार्य करते हैं। ऐसा कोई नहीं जो भलाई करता हो।
उन्होंने अपनी जीभ को तलवार के समान तेज़ किया है। उन्होंने अपने कड़वे वचन का तीर चढ़ाया है,
वे बुरी योजना बनाकर स्वयं को प्रोत्साहित करते हैं, वे छिपकर जाल बिछाने की बात करते हैं; वे कहते हैं, “हमें कौन देखेगा?”
भला मनुष्य अपनेभले भंडार से भली बातें निकालता है, और बुरा मनुष्य अपने बुरे भंडार से बुरी बातें निकालता है।
परंतु जब उसने बहुत से फरीसियों और सदूकियों को बपतिस्मा लेने के लिए अपनी ओर आते देखा तो उनसे कहा, “हे साँप के बच्चो, तुम्हें आने वाले प्रकोप से भागने की चेतावनी किसने दी?
वह उस भीड़ से जो उससे बपतिस्मा लेने के लिए निकलकर आई थी, कहने लगा, “हे साँप के बच्चो, तुम्हें आनेवाले प्रकोप से भागने की चेतावनी किसने दी?
भला मनुष्य अपने मन के भले भंडार से भली बात निकालता है, और बुरा मनुष्य अपने मन के बुरे भंडार से बुरी बात निकालता है; क्योंकि जो मन में भरा है वही उसके मुँह पर आता है।
तुम अपने पिता शैतान की ओर से हो और अपने पिता की लालसाओं को पूरा करना चाहते हो। वह आरंभ से ही हत्यारा है और सत्य पर कभी स्थिर नहीं रहा, क्योंकि उसमें सत्य नहीं है। जब वह झूठ बोलता है तो अपने स्वभाव से बोलता है, क्योंकि वह झूठा है और झूठ का पिता है।
कोई अपशब्द तुम्हारे मुँह से न निकले, बल्कि वही निकले जो आवश्यकता के अनुसार दूसरों की उन्नति के लिए उत्तम हो, ताकि सुननेवालों पर अनुग्रह हो।
और न निर्लज्जता और मूर्खता की बातें या भद्दे मज़ाक हों जो शोभा नहीं देते, बल्कि धन्यवाद ही दिया जाए।
क्योंकि हम सब बहुत सी बातों में चूक जाते हैं। यदि कोई अपनी बातों में नहीं चूकता तो वह सिद्ध मनुष्य है, और अपनी सारी देह पर भी नियंत्रण रख सकता है।
इसी से परमेश्वर की संतान और शैतान की संतान की पहचान होती है; प्रत्येक जो धार्मिकता पर नहीं चलता, वह परमेश्वर से नहीं, और न ही वह जो अपने भाई से प्रेम नहीं रखता।