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भजन संहिता 62:10 - नवीन हिंदी बाइबल

अंधेर करने पर भरोसा मत रखो, न लूट-मार करने पर व्यर्थ आशा रखो। चाहे धन-संपत्ति बढ़े, फिर भी उस पर मन न लगाना।

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पवित्र बाइबल

तुम बल पर भरोसा मत रखो की तुम शक्ति के साथ वस्तुओं को छीन लोगे। मत सोचो तुम्हें चोरी करने से कोई लाभ होगा। और यदि धनवान भी हो जाये तो कभी दौलत पर भरोसा मत करो, कि वह तुमको बचा लेगी।

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Hindi Holy Bible

अन्धेर करने पर भरोसा मत रखो, और लूट पाट करने पर मत फूलो; चाहे धन सम्पति बढ़े, तौभी उस पर मन न लगाना॥

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

अत्‍याचार पर भरोसा मत करो, लूट-मार से न फूलो; यदि धन-सम्‍पत्ति की वृद्धि होती है, तो उस पर हृदय मत लगाओ।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

अन्धेर करने पर भरोसा मत रखो, और लूट पाट करने पर मत फूलो; चाहे धन सम्पत्ति बढ़े, तौभी उस पर मन न लगाना।

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सरल हिन्दी बाइबल

न तो हिंसा-अत्याचार से कुछ उपलब्ध होगा, न लूटमार से प्राप्‍त संपत्ति कोई गर्व का विषय है; जब तुम्हारी समृद्धि में बढ़ती होने लगे, तो संपत्ति से मन न जोड़ लेना.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

अत्याचार करने पर भरोसा मत रखो, और लूट पाट करने पर मत फूलो; चाहे धन-सम्पत्ति बढ़े, तो भी उस पर मन न लगाना। (मत्ती 19:21,22, 1 तीमु. 6:17)

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भजन संहिता 62:10
26 क्रॉस रेफरेंस  

निश्‍चय हर मनुष्य छाया के समान चलता-फिरता है; सचमुच लोग व्यर्थ ही घबराते हैं। मनुष्य धन का संचय तो करता है पर नहीं जानता कि उसे कौन लेगा।


यह जान लो कि यहोवा ने भक्‍त को अपने लिए अलग कर रखा है; जब मैं यहोवा को पुकारूँगा तब वह सुन लेगा।


वे तो अपनी संपत्ति पर भरोसा रखते, और अपने धन की बहुतायत पर घमंड करते हैं।


“देखो, यह वही पुरुष है जिसने परमेश्‍वर को अपना शरणस्थान नहीं माना, बल्कि अपने धन की बहुतायत पर भरोसा रखा, और अपनी दुष्‍टता में बढ़ता चला गया।”


क्योंकि उसने मुझसे प्रेम किया है, इसलिए मैं उसे छुड़ाऊँगा; मैं उसकी रक्षा करूँगा, क्योंकि उसने मेरे नाम को जान लिया है।


क्या तू अपनी दृष्‍टि ऐसी वस्तु पर लगाएगा जो लुप्‍त हो जाती है? क्योंकि धन तो निश्‍चय ही पंख लगाकर उकाब के समान आकाश में उड़ जाता है।


यीशु ने चारों ओर देखकर अपने शिष्यों से कहा,“धनवानों का परमेश्‍वर के राज्य में प्रवेश करना कितना कठिन है!”


क्योंकि धन का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है, जिसकी लालसा में कितने ही लोगों ने विश्‍वास से भटककर अपने आपको अनेक दुःखों से छलनी कर लिया है।


इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे कि वे अहंकारी न बनें और अनिश्‍चित धन पर नहीं बल्कि परमेश्‍वर पर आशा रखें जो हमारे आनंद के लिए सब कुछ बहुतायत से देता है।