भजन संहिता 91 - नवीन हिंदी बाइबलपरमेश्वर हमारा रक्षक 1 जो परमप्रधान की शरण में वास करता है, वह सर्वशक्तिमान की छाया में ठिकाना पाएगा। 2 मैं यहोवा के विषय में कहूँगा, “वह मेरा शरणस्थान और दृढ़ गढ़ है; वह मेरा परमेश्वर है, मैं उस पर भरोसा रखता हूँ।” 3 वह तुझे बहेलिए के जाल से और महामारी से बचाएगा। 4 वह तुझे अपने परों से ढाँप लेगा, और तू उसके पंखों तले शरण पाएगा; उसकी सच्चाई ढाल और झिलम ठहरेगी। 5 तू न तो रात के आतंक से, और न दिन के उड़ते तीर से डरेगा; 6 तू उस महामारी से भी न डरेगा जो अंधकार में फैलती है, और न उस विनाश से जो दोपहर में उजाड़ता है। 7 तेरे निकट हज़ार, और तेरे दाहिनी ओर दस हज़ार गिरेंगे; परंतु वह तेरे निकट न आएगा। 8 परंतु तू अपनी आँखों से देखेगा और दुष्टों का अंत तुझे दिखाई पड़ेगा। 9 क्योंकि तूने यहोवा को जो मेरा शरणस्थान है, अर्थात् परमप्रधान को अपना निवासस्थान बनाया है, 10 इसलिए न तो कोई विपत्ति तुझ पर आएगी, और न कोई दुःख तेरे डेरे के निकट आएगा। 11 वह अपने दूतों को तेरे विषय में आज्ञा देगा, कि वे तेरे सब मार्गों में तेरी रक्षा करें। 12 वे तुझे हाथों पर उठा लेंगे, ताकि तेरे पैरों में पत्थर से चोट न लगे। 13 तू सिंह और नाग को कुचलेगा; तू जवान सिंह और अजगर को रौंदेगा। 14 क्योंकि उसने मुझसे प्रेम किया है, इसलिए मैं उसे छुड़ाऊँगा; मैं उसकी रक्षा करूँगा, क्योंकि उसने मेरे नाम को जान लिया है। 15 जब वह मुझे पुकारेगा, तब मैं उसकी सुनूँगा; संकट में मैं उसके साथ रहूँगा; मैं उसे बचाकर उसका सम्मान बढ़ाऊँगा। 16 मैं उसे दीर्घायु से तृप्त करूँगा, और अपने किए हुए उद्धार का दर्शन कराऊँगा। |