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इब्रानियों 3:10 - नवीन हिंदी बाइबल

इसलिए मैं उस पीढ़ी से क्रोधित हुआ और मैंने कहा : “इनके मन हर समय भटकते रहते हैं, और इन्होंने मेरे मार्गों को नहीं जाना।”

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पवित्र बाइबल

वह यही कारण था जिससे मैं उन जनों से क्रोधित था, और फिर मैंने कहा था, ‘इनके हृदय सदा भटकते रहते हैं ये मेरे मार्ग जानते नहीं हैं।’

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Hindi Holy Bible

इस कारण मैं उस समय के लोगों से रूठा रहा, और कहा, कि इन के मन सदा भटकते रहते हैं, और इन्होंने मेरे मार्गों को नहीं पहिचाना।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

इसलिए मैं उस पीढ़ी पर अप्रसन्न हो गया और मैंने कहा, “इनका हृदय सदा भटकता रहता है; और ये मेरे मार्ग नहीं जानते हैं।”

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

इस कारण मैं उस समय के लोगों से क्रोधित रहा, और कहा, ‘इनके मन सदा भटकते रहते हैं, और इन्होंने मेरे मार्गों को नहीं पहिचाना।’

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सरल हिन्दी बाइबल

इसलिये मैं उस पीढ़ी से क्रोधित रहा; मैंने उनसे कहा, ‘हमेशा ही उनका हृदय मुझसे दूर हो जाता है, उन्हें मेरे आदेशों का कोई अहसास नहीं है.’

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

इस कारण मैं उस समय के लोगों से क्रोधित रहा, और कहा, ‘इनके मन सदा भटकते रहते हैं, और इन्होंने मेरे मार्गों को नहीं पहचाना।’

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इब्रानियों 3:10
20 क्रॉस रेफरेंस  

तब यहोवा पृथ्वी पर मनुष्य को बनाकर खेदित हुआ—वह मन में बहुत दुःखी था।


उसने किसी और जाति के साथ ऐसा विशेष व्यवहार नहीं किया; और अन्य जातियों ने उसके नियमों को नहीं जाना। याह की स्तुति करो!


जिससे तेरा मार्ग पृथ्वी पर, और तेरा उद्धार सब जातियों में जाना जाए।


उन्होंने जंगल में कितनी बार उसके विरुद्ध विद्रोह किया, और मरुभूमि में उसे दुःख पहुँचाया।


और अपने पूर्वजों के समान न बनें, क्योंकि उस पीढ़ी के लोग तो हठीले और विद्रोही थे, और उन्होंने न तो अपना मन स्थिर किया था, और न ही उनकी आत्मा परमेश्‍वर के प्रति सच्‍ची थी।


मैं चालीस वर्ष तक उस पीढ़ी के लोगों से क्रोधित रहा, और मैंने कहा, “ये तो ऐसे लोग हैं जिनके मन भटक जाते हैं; और ये मेरे मार्गों को नहीं जानते।”


यह सुनकर दसों शिष्य उन दोनों भाइयों से नाराज़ हो गए।


उसने उन सब को क्रोध से देखा और उनके मन की कठोरता पर दुःखी होकर उस मनुष्य से कहा,“अपना हाथ बढ़ा!” उसने बढ़ाया और उसका हाथ फिर से ठीक हो गया।


परंतु इसलिए कि मैं सच बोलता हूँ, तुम मेरा विश्‍वास नहीं करते।


जब उन्होंने परमेश्‍वर को पहचानना न चाहा, तब परमेश्‍वर ने उन्हें उनके भ्रष्‍ट मन के वश में छोड़ दिया कि वे अनुचित कार्य करें।


यदि मेरे झूठ से परमेश्‍वर का सत्य उसकी महिमा के लिए और भी अधिकता से प्रकट होता है, तो फिर मैं पापी के समान दोषी क्यों ठहराया जाता हूँ?


परमेश्‍वर के पवित्र आत्मा को शोकित न करो, जिसके द्वारा तुम पर छुटकारे के दिन के लिए मुहर लगाई गई है।


हे भाइयो, सावधान रहो, कहीं ऐसा न हो कि तुममें से किसी का मन बुरा और अविश्‍वासी हो और वह तुम्हें जीवित परमेश्‍वर से दूर कर दे।