एसाव ने उस आशीर्वाद के कारण याकूब से बैर रखा जो उसके पिता ने याकूब को दिया था। एसाव ने अपने मन में कहा, “मेरे पिता की मृत्यु के बाद जब विलाप के दिन समाप्त हो जाएँगे, तब मैं अपने भाई याकूब को मार डालूँगा।”
इफिसियों 4:31 - नवीन हिंदी बाइबल सारी बुराई के साथ सब प्रकार की कड़वाहट, और रोष, और क्रोध, और कलह, और निंदा तुमसे दूर किए जाएँ। पवित्र बाइबल समूची कड़वाहट, झुँझलाहट, क्रोध, चीख-चिल्लाहट और निन्दा को तुम अपने भीतर से हर तरह की बुराई के साथ निकाल बाहर फेंको। Hindi Holy Bible सब प्रकार की कड़वाहट और प्रकोप और क्रोध, और कलह, और निन्दा सब बैरभाव समेत तुम से दूर की जाए। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) आप लोग सब प्रकार की कटुता, उत्तेजना, क्रोध, लड़ाई-झगड़ा, परनिन्दा और हर तरह की बुराई अपने बीच में से दूर करें। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) सब प्रकार की कड़वाहट, और प्रकोप और क्रोध, और कलह, और निन्दा, सब बैरभाव समेत तुम से दूर की जाए। सरल हिन्दी बाइबल सब प्रकार की कड़वाहट, रोष, क्रोध, झगड़ा, निंदा, आक्रोश तथा बैरभाव को स्वयं से अलग कर दो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 सब प्रकार की कड़वाहट और प्रकोप और क्रोध, और कलह, और निन्दा सब बैर-भाव समेत तुम से दूर की जाए। |
एसाव ने उस आशीर्वाद के कारण याकूब से बैर रखा जो उसके पिता ने याकूब को दिया था। एसाव ने अपने मन में कहा, “मेरे पिता की मृत्यु के बाद जब विलाप के दिन समाप्त हो जाएँगे, तब मैं अपने भाई याकूब को मार डालूँगा।”
जब रूबेन ने यह सुना तो उसने यह कहते हुए कि हम उसकी हत्या न करें, उसे उनके हाथ से बचा लिया।
जब उसके भाइयों ने देखा कि उनका पिता सब भाइयों से अधिक उससे प्रेम करता है तो वे उससे बैर रखने लगे और उससे ठीक से बात भी नहीं करते थे।
तब कैन ने अपने भाई हाबिल से बात की; और ऐसा हुआ कि जब वे मैदान में थे तो कैन ने अपने भाई हाबिल के विरुद्ध उठकर उसे मार डाला।
जो छिपकर अपने पड़ोसी की चुगली करे, उसे मैं नाश करूँगा; जिसकी आँखें चढ़ी हों और जिसका मन घमंडी हो, उसे मैं न सहूँगा।
निंदा करनेवाला मनुष्य पृथ्वी पर स्थिर न रह पाए; उपद्रवी मनुष्य को गिराने के लिए बुराई उसका पीछा करे।
वह अपनी जीभ से निंदा नहीं करता और न अपने पड़ोसी की बुराई करता है, और न ही अपने मित्र को बदनाम करता है।
उन्होंने अपनी जीभ को तलवार के समान तेज़ किया है। उन्होंने अपने कड़वे वचन का तीर चढ़ाया है,
शीघ्र क्रोध करनेवाला मनुष्य मूर्खतापूर्ण कार्य करता है, और जो बुरी युक्तियाँ रचता है उससे लोग बैर रखते हैं।
कानाफूसी करनेवाले की बातें स्वादिष्ट भोजन के समान होती हैं, और वे मन में समा जाती हैं।
राजा का क्रोध सिंह की दहाड़ के समान होता है, परंतु उसकी कृपा घास पर की ओस के समान होती है।
जैसे लकड़ी न होने से आग बुझ जाती है, वैसे ही जहाँ कानाफूसी करनेवाला नहीं होता, वहाँ झगड़ा शांत हो जाता है।
जब बुद्धिमान व्यक्ति का किसी मूर्ख से विवाद होता है तो मूर्ख या तो क्रोधित होता है या ठट्ठा करता है, और वहाँ शांति नहीं रहती।
तब सारा नगर भड़क गया और लोग दौड़कर इकट्ठे हुए, और पौलुस को पकड़कर मंदिर-परिसर से बाहर घसीट लाए, और तुरंत द्वार बंद कर दिए गए।
हे भाइयो, अपनी समझ में बच्चे न रहो; बुराई में तो शिशु बने रहो परंतु समझ में परिपक्व हो जाओ।
इसलिए हम न तो पुराने ख़मीर से और न ही बुराई और दुष्टता के ख़मीर से, बल्कि शुद्धता और सच्चाई की अख़मीरी रोटी से पर्व मनाएँ।
मुझे डर है, कहीं ऐसा न हो कि जब मैं तुम्हारे पास आऊँ तो तुम्हें वैसा पाऊँ जैसा मैं नहीं चाहता, और तुम भी मुझे वैसा पाओ जैसा तुम नहीं चाहते; ऐसा न हो कि तुममें झगड़े, ईर्ष्या, क्रोध, स्वार्थ, निंदा, चुगली, अहंकार और उपद्रव हों।
कि तुम पिछले आचरण के पुराने मनुष्यत्व को उतार डालो जो भरमानेवाली अभिलाषाओं के अनुसार भ्रष्ट होता जाता है,
इसलिए झूठ को छोड़कर प्रत्येक अपने पड़ोसी से सच बोले क्योंकि हम आपस में एक ही देह के अंग हैं।
परंतु अब तुम इन सब बातों को अर्थात् क्रोध, रोष, बुराई, निंदा और गालियाँ जो तुम्हारे मुँह से निकलती हैं, छोड़ दो।
इसी प्रकार उनकी पत्नियाँ भी सम्माननीय हों; दोष लगानेवाली नहीं बल्कि संयमी और सब बातों में विश्वासयोग्य हों।
साथ ही साथ, वे घर-घर फिरकर आलसी होना भी सीखती हैं, और न केवल आलसी होना सीखती हैं बल्कि बकबक करती और दूसरों के कामों में हस्तक्षेप भी करती हैं, तथा ऐसी बातें बोलती हैं जो बोलनी नहीं चाहिए।
मूर्खता और अज्ञानता के विवादों से दूर रह, क्योंकि तू जानता है कि इनसे झगड़े उत्पन्न होते हैं।
परमेश्वर के भंडारी के रूप में अध्यक्ष के लिए आवश्यक है कि वह निर्दोष हो; वह न तो अहंकारी, न क्रोधी, न पियक्कड़, न मारपीट करनेवाला और न ही धन का लोभी हो,
इसी प्रकार वृद्ध स्त्रियों का आचरण भी पवित्र हो। वे न तो दोष लगानेवाली और न ही पियक्कड़ हों, बल्कि अच्छी बातें सिखानेवाली हों,
हे मेरे प्रिय भाइयो, तुम यह जान लो कि प्रत्येक मनुष्य सुनने में तत्पर, बोलने में धीरजवंत और क्रोध करने में धीमा हो;
परंतु यदि तुम्हारे मन में कटु ईर्ष्या और स्वार्थ भरा है, तो घमंड न करो और न ही सत्य के विरोध में झूठ बोलो।
हे भाइयो, एक दूसरे के विरोध में न बोलो; जो अपने भाई के विरोध में बोलता है या अपने भाई पर दोष लगाता है वह व्यवस्था के विरोध में बोलता है, और व्यवस्था पर दोष लगाता है; और यदि तू व्यवस्था पर दोष लगाता है, तो तू व्यवस्था का पालन करनेवाला नहीं बल्कि उसका न्यायी ठहरा।
इसलिए हर प्रकार की बुराई, और हर प्रकार के छल और कपट और ईर्ष्या, और हर प्रकार की निंदा को छोड़कर,
कैन के समान न हों जो उस दुष्ट से था और जिसने अपने भाई का वध किया। उसने किस लिए उसका वध किया? इसलिए कि उसके कार्य बुरे, और उसके भाई के कार्य धार्मिकता के थे।
प्रत्येक जो अपने भाई से घृणा करता है, वह हत्यारा है और तुम जानते हो कि किसी भी हत्यारे में अनंत जीवन वास नहीं करता।
तब मैंने स्वर्ग से एक ऊँची आवाज़ को यह कहते हुए सुना : हमारे परमेश्वर का उद्धार, सामर्थ्य और राज्य तथा उसके मसीह का अधिकार अब प्रकट हुआ है, क्योंकि हमारे भाइयों पर दोष लगानेवाले को नीचे फेंक दिया गया है, अर्थात् उसे जो दिन और रात हमारे परमेश्वर के सामने उन पर दोष लगाता रहता था।