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इफिसियों 4:31 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

31 आप लोग सब प्रकार की कटुता, उत्तेजना, क्रोध, लड़ाई-झगड़ा, परनिन्‍दा और हर तरह की बुराई अपने बीच में से दूर करें।

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पवित्र बाइबल

31 समूची कड़वाहट, झुँझलाहट, क्रोध, चीख-चिल्लाहट और निन्दा को तुम अपने भीतर से हर तरह की बुराई के साथ निकाल बाहर फेंको।

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Hindi Holy Bible

31 सब प्रकार की कड़वाहट और प्रकोप और क्रोध, और कलह, और निन्दा सब बैरभाव समेत तुम से दूर की जाए।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

31 सब प्रकार की कड़वाहट, और प्रकोप और क्रोध, और कलह, और निन्दा, सब बैरभाव समेत तुम से दूर की जाए।

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नवीन हिंदी बाइबल

31 सारी बुराई के साथ सब प्रकार की कड़वाहट, और रोष, और क्रोध, और कलह, और निंदा तुमसे दूर किए जाएँ।

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सरल हिन्दी बाइबल

31 सब प्रकार की कड़वाहट, रोष, क्रोध, झगड़ा, निंदा, आक्रोश तथा बैरभाव को स्वयं से अलग कर दो.

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इफिसियों 4:31
62 क्रॉस रेफरेंस  

उस आशीर्वाद के कारण जिसे उसके पिता ने याकूब को दिया था, एसाव याकूब से घृणा करने लगा। एसाव ने अपने मन में कहा, ‘पिता के मृत्‍यु-शोक दिवस निकट हैं। उसके बाद मैं अपने भाई की हत्‍या करूँगा।’


जब रूबेन ने यह सुना तब उसने यूसुफ को उनके हाथ से मुक्‍त करने के अभिप्राय से कहा, ‘उसके प्राण मत लो।’


जब यूसुफ के भाइयों ने देखा कि उनके पिता सब भाइयों की अपेक्षा यूसुफ से अधिक प्रेम करते हैं, तब वे उससे घृणा करने लगे! वे उससे शान्‍ति-पूर्वक बातें भी नहीं करते थे।


काइन ने अपने भाई हाबिल से कहा, ‘आओ, हम खेत को चलें।’ जब वे खेत में थे तब काइन अपने भाई हाबिल के विरुद्ध उठा और उसने हाबिल की हत्‍या कर दी।


अबशालोम ने भी अम्‍नोन से भला-बुरा कुछ नहीं कहा। पर वह अम्‍नोन से घृणा करने लगा; क्‍योंकि अम्‍नोन ने उसकी बहिन तामार से बलात्‍कार किया था।


परन्‍तु मेरे सेवक ने महाराज से, मेरे स्‍वामी से, मेरी चुगली की। महाराज, मेरे स्‍वामी, आप परमेश्‍वर के दूत के सदृश हैं। जो कार्य आपको अपनी दृष्‍टि में भला लगे, वही मेरे साथ कीजिए।


इस्राएल प्रदेश के निवासियों ने यहूदा प्रदेश के निवासियों को उत्तर दिया, ‘महाराज के राज्‍य में हमारे दस भाग हैं। इसके अतिरिक्‍त हम दस कुल तुमसे बड़े हैं। फिर तुमने हमारा तिरस्‍कार क्‍यों किया? अपने राजा को वापस लाने के लिए क्‍या सर्वप्रथम हमने बात नहीं की थी?’ परन्‍तु यहूदा प्रदेश के निवासियों का तर्क इस्राएल प्रदेश के निवासियों के तर्क से अधिक प्रभावपूर्ण था।


जो व्यक्‍ति गुप्‍त रूप से अपने पड़ोसी की निन्‍दा करता है, उसको मैं नष्‍ट करूंगा; जिसकी आखें घमण्‍ड से चढ़ी हैं और जिसके हृदय में अहंकार है, उसको मैं सहन नहीं करूंगा।


बकवादी मनुष्‍य भूमि पर पैर न जमा सके, बुराई तेज गति से हिंसक व्यक्‍ति का पीछा करे!


जो अपने मुंह से पर-निन्‍दा नहीं करता, जो अपने साथी के साथ बुराई नहीं करता, जो अपने पड़ोसी के विषय में अपवाद नहीं फैलाता है;


क्रोध से दूर रहो, और रोष को त्‍याग दो। स्‍वयं को क्षुब्‍ध न करो; क्षोभ केवल बुराई की ओर ले जाता है।


तू बैठकर अपने भाई-बहिन के विरुद्ध बोलता है; तू अपने सगे भाई-बहिन की निन्‍दा करता है।


उन्‍होंने अपनी जीभ को तलवार के समान चोखा किया है, उन्‍होंने कटु वचन-रूपी बाण संधान किया है,


घृणा लड़ाई-झगड़ों को जन्‍म देती है; पर प्रेम सब अपराधों को क्षमा कर देता है।


जो मनुष्‍य घृणा को मन में छिपाकर रखता है, उसके ओंठों से झूठ निकलता है; निन्‍दा करनेवाला मनुष्‍य वास्‍तव में मूर्ख होता है।


जो मनुष्‍य तुरन्‍त क्रोध करता है, वह मूर्खता का कार्य करता है; किन्‍तु जिसमें विवेक है, वह धीरज रखता है।


कान भरनेवाले की बातें स्‍वादिष्‍ट भोजन की तरह लगती हैं; वे पेट में हजम हो जाती हैं।


राजा का क्रोध सिंह की दहाड़ के समान भयानक होता है; पर उसकी कृपा घास पर पड़ी ओस की बून्‍द के सदृश जीवनदायक होती है।


जैसे मौसमी हवा अपने साथ वर्षा लाती है; वैसे ही चुगलखोर जीभ क्रुद्ध दृष्‍टि उत्‍पन्न करती है।


जैसे लकड़ी न होने से आग बुझ जाती है, वैसे ही कानाफूसी करनेवाले के न होने से झगड़ा शान्‍त हो जाता है।


जो मनुष्‍य क्रुद्ध स्‍वभाव का है, वह लड़ाई-झगड़ा उत्‍पन्न करता है, जो क्रोध के वश में है, वह अपराध-पर-अपराध करता है।


यदि बुद्धिमान मनुष्‍य मूर्ख से वाद-विवाद करता है, तो मूर्ख क्रोध से भड़क उठता है, वह ज्ञान की बातों को हंसी में उड़ाता है, और सारा वातावरण अशान्‍त हो जाता है।


झूठ बोलने वाले गवाह और भाई-बहिनों में झगड़ा करवानेवाला मनुष्‍य।


तुरन्‍त क्रुद्ध मत हो, क्‍योंकि क्रोध का वास-स्‍थान मूर्ख का हृदय है।


वे सब के सब हठी और मेरे प्रति विद्रोही हो गए हैं; यहां-वहां मेरी निन्‍दा करते-फिरते हैं। वे वास्‍तव में ठोस पीतल और सख्‍त लोहा बन गए हैं। वे सब भ्रष्‍टाचार करते हैं।


प्रत्‍येक मनुष्‍य अपने पड़ोसी से सावधान रहे, और न अपने भाई पर भरोसा करे। क्‍योंकि भाई, भाई को धोखा देता है, पड़ोसी, पड़ोसी की निन्‍दा करता है।


सारे शहर में खलबली मच गयी और लोग चारों ओर से दौड़ते हुए एकत्र हो गये। वे पौलुस को पकड़ कर मन्‍दिर के बाहर खींच लाये और मन्‍दिर के द्वार तुरन्‍त बन्‍द कर दिये गये।


उनका मुँह अभिशाप और कटुता से भरा है।


भाइयो और बहिनो! सोच-विचार में बच्‍चे मत बनिए। हाँ, बुराई के संबंध में शिशु बने रहिए; किन्‍तु सोच-विचार में पूर्ण सयाने बनिए।


इसलिए हमें न तो पुराने ख़मीर से और न बुराई और दुष्‍टता के ख़मीर से, बल्‍कि शुद्धता और सच्‍चाई की बेख़मीर रोटी से पर्व मनाना चाहिए।


मुझे आशंका है-कहीं ऐसा न हो कि आने पर मैं आप लोगों को जैसा पाना चाहता, वैसा नहीं पाऊं और आप मुझे जैसा नहीं चाहते, वैसा ही पाएँ। कहीं ऐसा न हो कि मैं आपके यहाँ फूट, ईष्‍र्या, बैर, स्‍वार्थपरता, परनिन्‍दा, चुगलख़ोरी, अहंकार और उपद्रव पाऊं।


मूर्ति-पूजा, जादू-टोना, बैर, फूट, ईष्‍र्या, क्रोध, स्‍वार्थपरता, मनमुटाव, दलबन्‍दी,


तो आप लोगों को अपना पहला आचरण और पुराना स्‍वभाव त्‍याग देना चाहिए, क्‍योंकि वह बहकाने वाली दुर्वासनाओं के कारण बिगड़ता जा रहा है।


इसलिए आप लोग झूठ बोलना छोड़ दें और अपने-अपने पड़ोसी से सत्‍य बोलें, क्‍योंकि हम एक दूसरे के अंग हैं।


यदि आप क्रुद्ध हो जायें, तो इस कारण पाप न करें-सूरज के डूबने तक अपना क्रोध कायम नहीं रहने दें।


पतियो! आप अपनी-अपनी पत्‍नी से प्रेम रखें और उनके साथ कठोर व्‍यवहार नहीं करें।


अब तो आप लोगों को क्रोध, उत्तेजना, द्वेष, परनिन्‍दा और अश्‍लील बातचीत सर्वथा छोड़ देनी चाहिए।


इसी प्रकार धर्मसेविकाएँ परनिन्‍दक नहीं, बल्‍कि गम्‍भीर, संयमी और सब बातों में विश्‍वसनीय हों।


वह मद्यसेवी या क्रोधी नहीं, बल्‍कि सहनशील हो। वह झगड़ालू या लोभी न हो।


इसके अतिरिक्‍त वे आलसी रहना सीख जाती हैं। घर-घर घूमना उनकी आदत हो जाती है और वे आलसी ही नहीं रहतीं, बल्‍कि बकबक करतीं, दूसरों के काम में दखल देतीं और अशोभनीय बातों की चर्चा करती हैं।


निरर्थक तथा ऊटपटांग विवादों से अलग रहो। तुम जानते हो कि इन से झगड़ा पैदा होता है


प्रेम और दया का अभाव होगा। वे चुगलखोर, असंयमी, क्रुर, हर प्रकार की भलाई के बैरी,


परमेश्‍वर का भंडारी होने के नाते धर्माध्‍यक्ष को चाहिए कि वह अनिन्‍दनीय हो। वह स्‍वेच्‍छाचारी, क्रोधी, मद्यसेवी, झगड़ालू या लोभी न हो।


इसी प्रकार वृद्धाओं का आचरण प्रभु-भक्‍तों के अनुरूप हो। वे किसी की झूठी निन्‍दा न करें और न मदिरा की व्‍यसनी हों। वे अपने सदाचरण द्वारा


मेरे प्रिय भाइयो और बहिनो! आप यह अच्‍छी तरह समझ लें। प्रत्‍येक व्यक्‍ति सुनने के लिए तत्‍पर रहे, किन्‍तु बोलने और क्रोध करने में देर करे;


यदि आपका हृदय कटु ईष्‍र्या और स्‍वार्थ से भरा हुआ है, तो डींग मार कर सत्‍य के विपरीत झूठा दावा मत करें।


भाइयो और बहिनो! आप एक दूसरे की निन्‍दा नहीं करें। जो अपने भाई अथवा बहिन की निन्‍दा करता या अपने भाई अथवा बहिन का न्‍याय करता है, वह व्‍यवस्‍था की निन्‍दा और व्‍यवस्‍था का न्‍याय करता है। यदि आप व्‍यवस्‍था का न्‍याय करते हैं, तो आप व्‍यवस्‍था के पालक नहीं, बल्‍कि न्‍यायकर्ता बन बैठते हैं।


आप लोग हर प्रकार की बुराई, छल-कपट, पाखण्‍ड, ईष्‍र्या और परनिन्‍दा को सर्वथा छोड़ दें।


हम काइन की तरह नहीं बनें। वह दुष्‍ट की सन्‍तान था और उसने अपने भाई की हत्‍या की। उसने उसकी हत्‍या क्‍यों कर दी? क्‍योंकि उसके अपने कर्म बुरे थे और उसके भाई के कर्म धार्मिक।


जो कोई अपने भाई अथवा बहिन से बैर करता है, वह हत्‍यारा है और तुम जानते हो कि किसी भी हत्‍यारे में शाश्‍वत जीवन नहीं होता।


मैंने स्‍वर्ग में किसी को ऊंचे स्‍वर से यह कहते सुना, “अब हमारे परमेश्‍वर का उद्धार, सामर्थ्य तथा राजत्‍व और उसके मसीह का अधिकार प्रकट हुआ है; क्‍योंकि हमारे भाई-बहिनों पर अभियोग लगाने वाला गिरा दिया गया है, जो दिन-रात हमारे परमेश्‍वर के सामने उन पर अभियोग लगाया करता था।


हमारे पर का पालन करें:

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