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1 यूहन्ना 1:8 - नवीन हिंदी बाइबल

यदि हम कहें कि हममें पाप नहीं, तो हम अपने आपको धोखा देते हैं और हममें सत्य नहीं।

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पवित्र बाइबल

यदि हम कहते हैं कि हममें कोई पाप नहीं है तो हम स्वयं अपने आपको छल रहे हैं और हममें सच्चाई नहीं है।

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Hindi Holy Bible

यदि हम कहें, कि हम में कुछ भी पाप नहीं, तो अपने आप को धोखा देते हैं: और हम में सत्य नहीं।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

यदि हम कहते हैं कि हम निष्‍पाप हैं, तो हम अपने आप को धोखा देते हैं और हम में सत्‍य नहीं है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

यदि हम कहें कि हम में कुछ भी पाप नहीं, तो अपने आप को धोखा देते हैं, और हम में सत्य नहीं।

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सरल हिन्दी बाइबल

यदि हम पापहीन होने का दावा करते हैं, तो हमने स्वयं को धोखे में रखा है और सच हममें है ही नहीं.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

यदि हम कहें, कि हम में कुछ भी पाप नहीं, तो अपने आपको धोखा देते हैं और हम में सत्य नहीं।

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1 यूहन्ना 1:8
33 क्रॉस रेफरेंस  

अपने दास को दोषी न ठहरा, क्योंकि तेरी दृष्‍टि में कोई भी मनुष्य धर्मी नहीं है।


कौन कह सकता है, “मैंने अपना हृदय पवित्र किया है, मैं अपने पाप से शुद्ध हो गया हूँ”?


निस्संदेह पृथ्वी पर कोई ऐसा धर्मी मनुष्य नहीं है जो निरंतर भलाई ही करता है और कभी पाप नहीं करता।


यदि कोढ़ किसी की त्वचा से फूट निकले और उस व्यक्‍ति के जिसे कोढ़ का रोग है, सिर से लेकर पैर तक सारी त्वचा में फैल जाए अर्थात् वहाँ तक जहाँ याजक उसे देख सकता है,


तुम अपने पिता शैतान की ओर से हो और अपने पिता की लालसाओं को पूरा करना चाहते हो। वह आरंभ से ही हत्यारा है और सत्य पर कभी स्थिर नहीं रहा, क्योंकि उसमें सत्य नहीं है। जब वह झूठ बोलता है तो अपने स्वभाव से बोलता है, क्योंकि वह झूठा है और झूठ का पिता है।


जैसा लिखा है : कोई धर्मी नहीं, एक भी नहीं।


इसलिए कि सब ने पाप किया है, वे परमेश्‍वर की महिमा से रहित हैं,


कोई अपने आपको धोखा न दे। यदि तुममें से कोई इस संसार में अपने आपको बुद्धिमान समझता है तो वह मूर्ख बने कि बुद्धिमान बन जाए;


क्योंकि यदि कोई व्यक्‍ति कुछ न होने पर भी अपने को कुछ समझता है तो वह अपने आपको धोखा देता है।


और उन मनुष्यों में निरंतर झगड़े उत्पन्‍न‍ होते हैं, जिनकी बुद्धि भ्रष्‍ट हो गई है और जो सत्य से वंचित रह गए हैं और सोचते हैं कि भक्‍ति कमाई का साधन है।


परंतु दुष्‍ट और बहकानेवाले लोग धोखा देते और धोखा खाते हुए और अधिक बिगड़ते चले जाएँगे।


वचन का पालन करनेवाले बनो और केवल सुननेवाले ही नहीं जो स्वयं को धोखा देते हैं।


यदि कोई अपने आपको भक्‍त समझे और अपनी जीभ पर लगाम न लगाए बल्कि अपने हृदय को धोखा दे, तो उसकी भक्‍ति व्यर्थ है।


क्योंकि हम सब बहुत सी बातों में चूक जाते हैं। यदि कोई अपनी बातों में नहीं चूकता तो वह सिद्ध मनुष्य है, और अपनी सारी देह पर भी नियंत्रण रख सकता है।


उन्हें बुराई का प्रतिफल बुरा ही मिलेगा। दिन के उजियाले में भोग-विलास करना उन्हें अच्छा लगता है। वे कलंक और धब्बे हैं, जो तुम्हारे साथ भोज में सहभागी होते समय अपने किए छलावे पर आनंद मनाते हैं।


यदि हम कहें कि हमने पाप नहीं किया, तो उसे झूठा ठहराते हैं और उसका वचन हममें नहीं।


यदि हम कहें कि हमारी उसके साथ सहभागिता है फिर भी अंधकार में चलें, तो हम झूठ बोलते हैं और सत्य पर नहीं चलते।


जो कहता है, “मैं उसे जान गया हूँ,” परंतु उसकी आज्ञाओं का पालन नहीं करता, वह झूठा है, और उसमें सत्य नहीं।


यदि कोई कहे, “मैं परमेश्‍वर से प्रेम रखता हूँ” और अपने भाई से घृणा करे तो वह झूठा है। क्योंकि जो अपने उस भाई से प्रेम नहीं रखता जिसे उसने देखा है, तो वह उस परमेश्‍वर से प्रेम नहीं रख सकता जिसे उसने नहीं देखा।


क्योंकि वह सत्य हममें बना रहता है और सदा हमारे साथ रहेगा।


क्योंकि जब भाइयों ने आकर तेरे सत्य में होने की साक्षी दी, जैसे तू सत्य पर चलता है, तो मैं बड़ा आनंदित हुआ।