उसने राजा नबूकदनेज्ज़र के विरुद्ध विद्रोह कर दिया, जिसने उसे सच्चा रहने के लिए परमेश्वर की शपथ दिलाई थी. वह हठी हो गया और उसका हृदय कठोर हो गया फलस्वरूप वह याहवेह इस्राएल के परमेश्वर की ओर न हुआ.
जकर्याह 7:12 - सरल हिन्दी बाइबल उन्होंने अपना हृदय पत्थर के समान कठोर बना लिया और कानून की बातों या सर्वशक्तिमान याहवेह के उन वचनों को नहीं सुना जिसे उन्होंने अपनी आत्मा के द्वारा पहले के भविष्यवक्ताओं के ज़रिये भेजा था. इसलिये सर्वशक्तिमान याहवेह बहुत क्रोधित हुए. पवित्र बाइबल वे बङे हठी थे। उन्होंने परमेश्वर की व्यवस्था का पालन करना अस्वीकार कर दिया। अपनी आत्मशक्ति से सर्वशक्तिमान यहावा ने नबियों द्धारा अपने लोगों को सन्देश भेजे। किन्तु लोगों ने उसे नहीं सुना, अत: सर्वशक्तिमान यहोवा बहुत क्रारोधित हुआ। Hindi Holy Bible वरन उन्होंने अपने हृदय को इसलिये बज्र सा बना लिया, कि वे उस व्यवस्था और उस वचनों को न मान सकें जिन्हें सेनाओं के यहोवा ने अपने आत्मा के द्वारा अगले भविष्यद्वक्ताओं से कहला भेजा था। इस कारण सेनाओं के यहोवा की ओर से उन पर बड़ा क्रोध भड़का। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उन्होंने अपने हृदय को पत्थर बना लिया ताकि वे स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु की व्यवस्था को न मानें, और न उसके सन्देश को सुनें, जो उसने अपने आत्मा के द्वारा प्राचीन काल के नबियों के माध्यम से दिए थे। अत: स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु का भयंकर क्रोध उन पर भड़क उठा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वरन् उन्होंने अपने हृदय को इसलिये पत्थर–सा बना लिया, कि वे उस व्यवस्था और उन वचनों को न मान सकें जिन्हें सेनाओं के यहोवा ने अपने आत्मा के द्वारा पूर्वकाल के भविष्यद्वक्ताओं से कहला भेजा था। इस कारण सेनाओं के यहोवा की ओर से उन पर बड़ा क्रोध भड़का। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वरन् उन्होंने अपने हृदय को इसलिए पत्थर सा बना लिया, कि वे उस व्यवस्था और उन वचनों को न मान सके जिन्हें सेनाओं के यहोवा ने अपने आत्मा के द्वारा पूर्वकाल के भविष्यद्वक्ताओं से कहला भेजा था। इस कारण सेनाओं के यहोवा की ओर से उन पर बड़ा क्रोध भड़का। |
उसने राजा नबूकदनेज्ज़र के विरुद्ध विद्रोह कर दिया, जिसने उसे सच्चा रहने के लिए परमेश्वर की शपथ दिलाई थी. वह हठी हो गया और उसका हृदय कठोर हो गया फलस्वरूप वह याहवेह इस्राएल के परमेश्वर की ओर न हुआ.
मगर वे हमेशा अपने ही परमेश्वर के संदेशवाहकों का मज़ाक उड़ाते रहे, उनके संदेश का तिरस्कार करते रहे और परमेश्वर के भविष्यवक्ताओं को मज़ाक का पात्र बना दिया. यह तब तक होता रहा जब तक याहवेह का क्रोध उनकी प्रजा पर टूट न पड़ा, जब तक परिस्थिति काबू से बाहर न हो गई.
वह तो मन से बुद्धिमान तथा बल के शूर हैं. कौन उनकी हानि किए बिना उनकी उपेक्षा कर सका है?
इसलिये कि मुझे मालूम है कि तुम हठीले हो; तुम्हारी गर्दन लोहे की बनी हुई है, तथा तुम्हारा सिर कांस्य का बना है.
इन लोगों के हृदय कठोर; कान बहरे और आंख से अंधे हैं. कहीं ऐसा न हो कि वे अपनी आंखों से देखकर, अपने कानों से सुनकर, और मन फिराकर मेरे पास आएं, और चंगे हो जाएं.”
मैं तुम्हारे लिए तलवार लाऊंगा, तुम सभी वध होने के लिए झुक जाओगे; क्योंकि तुमने मेरे बुलाने पर उत्तर न दिया, जब मैंने कहा तुमने न सुना. तुमने वही किया, जो मेरी दृष्टि में गलत है तथा वही करना चाहा जो मुझे नहीं भाता.”
“यहूदिया का पाप लौह लेखनी से लिख दिया गया, हीरक-नोक से उनके हृदय-पटल पर तथा उनकी वेदियों के सींगों पर भी.
न तो उन्होंने मेरे आदेशों का पालन किया और न उन पर ध्यान ही दिया; बल्कि उन्होंने हठ में अपनी-अपनी गर्दनें कठोर कर लीं, कि वे इन्हें न तो सुनें अथवा अपना आचरण सुधार लें.
क्या यहूदिया के राजा हिज़किय्याह एवं सारे यहूदिया की जनता ने उसे प्राण-दंड दिया? क्या हिज़किय्याह ने याहवेह से डर और श्रद्धा के साथ याचना नहीं की? क्या याहवेह ने उनका विनाश करने का वह विचार त्याग नहीं दिया, जिसकी चेतावनी याहवेह पहले से दे चुके थे? किंतु अब हम स्वयं अपने ही विरुद्ध घोर संकट कर रहे हैं!”
यही मैंने आज तुम्हें बता दिया है, किंतु तुमने याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के आदेश का पालन नहीं किया है, उसी को, जिसे तुम्हें बता देने के लिए मुझे याहवेह ने भेजा है.
याहवेह, क्या आपके नेत्र सत्य की अपेक्षा नहीं करते? आपने उन्हें दंड अवश्य दिया, किंतु उन्हें वेदना नहीं हुई; आपने उन्हें कुचल भी दिया, किंतु फिर भी उन्होंने अपने आचरण में सुधार करना अस्वीकार कर दिया. उन्होंने अपने मुखमंडल वज्र सदृश कठोर बना लिए हैं और उन्होंने प्रायश्चित करना अस्वीकार कर दिया है.
“ ‘इसलिये प्रभु याहवेह का संदेश यह है: तुम देख लेना कि मेरा कोप और मेरा आक्रोश इस स्थान पर उंडेला जाएगा, चाहे मनुष्य हो अथवा पशु, मैदान के वृक्ष हों अथवा भूमि के फल, यह प्रज्वलित रहेगा तथा यह बूझ न सकेगा.
मैं उनके मन को एक कर दूंगा और उनमें एक नई आत्मा डालूंगा; मैं उनसे उनके पत्थर रूपी हृदय को निकाल दूंगा और उन्हें एक मांस का हृदय दूंगा.
मैं इसलिये ऐसा करूंगा ताकि मैं उन इस्राएली लोगों के हृदय को फिर से अपने तरफ कर सकूं, जो अपनी मूर्तियों के लिये मुझे छोड़ दिये हैं.’
जिन लोगों के पास मैं तुम्हें भेज रहा हूं, वे ढीठ और हठी हैं. तुम उनसे कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है.’
मैं तुम्हें एक नया हृदय दूंगा और तुममें एक नई आत्मा डालूंगा; मैं तुमसे तुम्हारे पत्थर के हृदय को हटा दूंगा और तुम्हें मांस का एक हृदय दूंगा.
क्या ये याहवेह के वचन नहीं हैं, जिसकी घोषणा उन्होंने पहले के भविष्यवक्ताओं के ज़रिये की थी, जब येरूशलेम और उसके आस-पास के नगर शांति और समृद्धि में थे, और नेगेव और पश्चिम के नीचे के देश बस गये थे?’ ”
क्योंकि इन लोगों का मन-मस्तिष्क मंद पड़ चुका है. वे अपने कानों से ऊंचा ही सुना करते हैं. उन्होंने अपनी आंखें मूंद रखी हैं कि कहीं वे अपनी आंखों से देखने न लगें, कानों से सुनने न लगें तथा अपने हृदय से समझने न लगें और मेरी ओर फिर जाएं कि मैं उन्हें स्वस्थ कर दूं.’
क्योंकि, “वे देखते तो हैं किंतु उन्हें कुछ दिखता नहीं, वे सुनते तो हैं किंतु कुछ समझ नहीं पाते ऐसा न हो वे मेरे पास लौट आते और क्षमा प्राप्त कर लेते!”
मार्ग के किनारे की भूमि वे लोग हैं, जो वचन सुनते तो हैं किंतु शैतान आता है और उनके मन से वचन उठा ले जाता है कि वे विश्वास करके उद्धार प्राप्त न कर सकें
क्योंकि इन लोगों का हृदय जड़ हो चुका है. अपने कानों से वे कदाचित ही कुछ सुन पाते हैं और आंखें तो उन्होंने मूंद ही रखी हैं, कि कहीं वे आंखों से देख न लें और कानों से सुन न लें और अपने हृदय से समझकर लौट आएं और मैं, परमेश्वर, उन्हें स्वस्थ और पूर्ण बना दूं.’
क्योंकि कोई भी भविष्यवाणी मनुष्य की इच्छा के आदेश से मुंह से नहीं निकलती, परंतु भविष्यवक्ता पवित्र आत्मा से उत्तेजित किए जाकर परमेश्वर की ओर से घोषणा किया करते थे.