उसने उससे कहा, “जब वह पुरुष इधर मुँह फेरकर तुझ से मिलने को अपने रथ पर से उतरा, तब से वह पूरा हाल मुझे मालूम था; क्या यह समय चाँदी या वस्त्र या जैतून या दाख की बारियाँ, भेड़–बकरियाँ, गाय–बैल और दास–दासी लेने का है?
सभोपदेशक 3:1 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हर एक बात का एक अवसर और प्रत्येक काम का, जो आकाश के नीचे होता है, एक समय है। पवित्र बाइबल हर बात का एक उचित समय होता है। और इस धरती पर हर बात एक उचित समय पर ही घटित होगी। Hindi Holy Bible हर एक बात का एक अवसर और प्रत्येक काम का, जो आकाश के नीचे होता है, एक समय है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) हर एक बात का उपयुक्त अवसर, और आकाश के नीचे पृथ्वी पर किए जानेवाले काम का निर्धारित समय होता है: नवीन हिंदी बाइबल प्रत्येक बात का एक नियुक्त समय है। आकाश के नीचे प्रत्येक कार्य का एक समय है : सरल हिन्दी बाइबल हर एक काम के लिए एक तय समय है, और धरती पर हर एक काम करने का एक समय होता है: इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हर एक बात का एक अवसर और प्रत्येक काम का, जो आकाश के नीचे होता है, एक समय है। |
उसने उससे कहा, “जब वह पुरुष इधर मुँह फेरकर तुझ से मिलने को अपने रथ पर से उतरा, तब से वह पूरा हाल मुझे मालूम था; क्या यह समय चाँदी या वस्त्र या जैतून या दाख की बारियाँ, भेड़–बकरियाँ, गाय–बैल और दास–दासी लेने का है?
तब संकट में पड़कर वह अपने परमेश्वर यहोवा को मानने लगा, और अपने पूर्वजों के परमेश्वर के सामने बहुत दीन हुआ, और उससे प्रार्थना की।
मैं ने अपना मन लगाया कि जो कुछ सूर्य के नीचे किया जाता है, उसका भेद बुद्धि से सोच सोचकर मालूम करूँ; यह बड़े दु:ख का काम है जो परमेश्वर ने मनुष्यों के लिये ठहराया है कि वे उस में लगें।
इसलिये मैं ने अपने जीवन से घृणा की, क्योंकि जो काम संसार में किया जाता है मुझे बुरा मालूम हुआ; क्योंकि सब कुछ व्यर्थ और वायु को पकड़ना है।
मैं ने मन में सोचा कि किस प्रकार से मेरी बुद्धि बनी रहे और मैं अपने प्राण को दाखमधु पीने से किस प्रकार बहलाऊँ और कैसे मूर्खता को थामे रहूँ, जब तक मालूम न करूँ कि वह अच्छा काम कौन सा है जिसे मनुष्य अपने जीवन भर करता रहे।
मैं ने मन में कहा, “परमेश्वर धर्मी और दुष्ट दोनों का न्याय करेगा,” क्योंकि उसके यहाँ एक एक विषय और एक एक काम का समय है।
सुख के दिन सुख मान, और दु:ख के दिन सोच; क्योंकि परमेश्वर ने दोनों को एक ही संग रखा है, जिससे मनुष्य अपने बाद होनेवाली किसी बात को न समझ सके।
वहाँ वे पुकार के कहते हैं, ‘मिस्र के राजा फ़िरौन का सत्यानाश हुआ; क्योंकि उसने अपना बहुमूल्य अवसर खो दिया।’
और भोर को कहते हो, ‘आज आँधी आएगी, क्योंकि आकाश लाल और धूमिल है।’ तुम आकाश के लक्षण देखकर उसका भेद बता सकते हो, पर समयों के चिह्नों का भेद क्यों नहीं बता सकते?