सभोपदेशक 2:3 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)3 मैं ने मन में सोचा कि किस प्रकार से मेरी बुद्धि बनी रहे और मैं अपने प्राण को दाखमधु पीने से किस प्रकार बहलाऊँ और कैसे मूर्खता को थामे रहूँ, जब तक मालूम न करूँ कि वह अच्छा काम कौन सा है जिसे मनुष्य अपने जीवन भर करता रहे। अध्याय देखेंपवित्र बाइबल3 सो मैंने निश्चय किया कि मैं अपनी देह को दाखमधु से भर लूँ यद्यपि मेरा मस्तिष्क मुझे अभी ज्ञान की राह दिखा रहा था। मैंने यह मूर्खता पूर्ण आचरण किया, क्योंकि मैं आनन्द का कोई मार्ग ढूँढना चाहता था। मैं चाहता था कि लोगों के लिये अपने जीवन के थोड़े से दिनों में क्या करना उत्तम है, इसे खोज लूँ। अध्याय देखेंHindi Holy Bible3 मैं ने मन में सोचा कि किस प्रकार से मेरी बुद्धि बनी रहे और मैं अपने प्राण को दाखमधु पीने से क्योंकर बहलाऊं और क्योंकर मूर्खता को थामे रहूं, जब तक मालूम न करूं कि वह अच्छा काम कौन सा है जिसे मनुष्य जीवन भर करता रहे। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)3 मैंने मन लगाकर खोज-बीन की कि मदिरा से किस प्रकार अपने शरीर को सुखी करूं (मेरा मन अब तक बुद्धि के मार्ग पर मेरा पथ-प्रदर्शन कर रहा है), और मूढ़ता को मैं कैसे वश में करूं। मैंने यह भेद प्राप्त करने का प्रयत्न किया कि मनुष्यों की भलाई किस प्रकार का काम करने मैं है, ताकि वे जीवन के अल्पकाल में इस पृथ्वी पर उस काम को कर सकें। अध्याय देखेंनवीन हिंदी बाइबल3 मैंने अपने मन में सोचा कि मैं अपनी देह को दाखमधु से कैसे बहलाऊँ और कैसे मेरी बुद्धि बनी रहे; और कैसे मैं मूर्खता को थामे रहूँ, जब तक यह पता न लगा लूँ कि वह अच्छा काम कौन सा है जिसे मनुष्य आकाश के नीचे अपने छोटे से जीवन में कर सकता है। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल3 जब मेरा मन यह सोच रहा था कि किस प्रकार मेरी बुद्धि बनी रहे, मैंने अपने पूरे मन से इसके बारे में खोज कर डाली कि किस प्रकार दाखमधु से शरीर को बहलाया जा सकता है और किस प्रकार मूर्खता को काबू में किया जा सकता है, कि मैं यह समझ सकूं कि पृथ्वी पर मनुष्यों के लिए उनके छोटे से जीवन में क्या करना अच्छा है. अध्याय देखें |