रोमियों 14:19 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसलिये हम उन बातों में लगे रहें जिनसे मेलमिलाप और एक दूसरे का सुधार हो। पवित्र बाइबल इसलिए, उन बातों में लगें जो शांति को बढ़ाती हैं और जिनसे एक दूसरे को आत्मिक बढ़ोतरी में सहायता मिलती है। Hindi Holy Bible इसलिये हम उन बातों का प्रयत्न करें जिनसे मेल मिलाप और एक दूसरे का सुधार हो। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) हम ऐसी बातों में लगे रहें, जिन से शान्ति को बढ़ावा मिलता है और जिनके द्वारा हम एक-दूसरे का निर्माण कर सकें। नवीन हिंदी बाइबल इसलिए हम उन बातों में लगे रहें जिनसे मेल-मिलाप और एक दूसरे की उन्नति हो। सरल हिन्दी बाइबल हम अपने सभी प्रयास पारस्परिक और एक दूसरे की उन्नति की दिशा में ही लक्षित करें. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसलिए हम उन बातों का प्रयत्न करें जिनसे मेल मिलाप और एक दूसरे का सुधार हो। |
नमक अच्छा है, पर यदि नमक का स्वाद जाता रहे, तो उसे किस से नमकीन करोगे? अपने में नमक रखो, और आपस में मेल मिलाप से रहो। ”
सब वस्तुएँ मेरे लिये उचित तो हैं, परन्तु सब लाभ की नहीं : सब वस्तुएँ मेरे लिये उचित तो हैं, परन्तु सब वस्तुओं से उन्नति नहीं।
जैसा मैं भी सब बातों में सब को प्रसन्न रखता हूँ, और अपना नहीं परन्तु बहुतों का लाभ ढूँढ़ता हूँ कि वे उद्धार पाएँ।
इसलिये हे भाइयो, क्या करना चाहिए? जब तुम इकट्ठे होते हो, तो हर एक के हृदय में भजन या उपदेश या अन्य भाषा या प्रकाश या अन्य भाषा का अर्थ बताना रहता है। सब कुछ आत्मिक उन्नति के लिये होना चाहिए।
परन्तु जो भविष्यद्वाणी करता है, वह मनुष्यों से उन्नति और उपदेश और शान्ति की बातें कहता है।
जो अन्य भाषा में बातें करता है, वह अपनी ही उन्नति करता है; परन्तु जो भविष्यद्वाणी करता है, वह कलीसिया की उन्नति करता है।
मैं चाहता हूँ कि तुम सब अन्य भाषाओं में बातें करो परन्तु इससे अधिक यह चाहता हूँ कि भविष्यद्वाणी करो : क्योंकि यदि अन्य भाषाएँ बोलनेवाला कलीसिया की उन्नति के लिये अनुवाद न करे तो भविष्यद्वाणी करनेवाला उससे बढ़कर है।
परन्तु जो पुरुष विश्वास नहीं रखता, यदि वह अलग हो तो अलग होने दो, ऐसी दशा में कोई भाई या बहिन बन्धन में नहीं। परमेश्वर ने हमें मेलमिलाप के लिये बुलाया है।
अब मूर्तियों के सामने बलि की हुई वस्तुओं के विषय में – हम जानते हैं कि हम सब को ज्ञान है। ज्ञान घमण्ड उत्पन्न करता है, परन्तु प्रेम से उन्नति होती है।
तुम अभी तक समझ रहे होगे कि हम तुम्हारे सामने प्रत्युत्तर दे रहे हैं। हम तो परमेश्वर को उपस्थित जानकर मसीह में बोलते हैं, और हे प्रियो, सब बातें तुम्हारी उन्नति ही के लिये कहते हैं।
अत: हे भाइयो, आनन्दित रहो; सिद्ध बनते जाओ; ढाढ़स रखो; एक ही मन रखो; मेल से रहो। और प्रेम और शान्ति का दाता परमेश्वर तुम्हारे साथ होगा।
कोई गन्दी बात तुम्हारे मुँह से न निकले, पर आवश्यकता के अनुसार वही निकले जो उन्नति के लिये उत्तम हो, ताकि उससे सुननेवालों पर अनुग्रह हो।
और उन कहानियों और अनन्त वंशावलियों पर मन न लगाएँ, जिनसे विवाद होते हैं, और परमेश्वर के उस प्रबन्ध के अनुसार नहीं, जो विश्वास पर आधारित है। वैसे ही फिर भी कहता हूँ।
जवानी की अभिलाषाओं से भाग, और जो शुद्ध मन से प्रभु का नाम लेते हैं उनके साथ धर्म, और विश्वास, और प्रेम, और मेलमिलाप का पीछा कर।