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नीतिवचन 15:13 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

मन आनन्दित होने से मुख पर भी प्रसन्नता छा जाती है, परन्तु मन के दु:ख से आत्मा निराश होती है।

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पवित्र बाइबल

मन की प्रसन्नता मुख को चमकाती, किन्तु मन का दर्द आत्मा को कुचल देता है।

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Hindi Holy Bible

मन आनन्दित होने से मुख पर भी प्रसन्नता छा जाती है, परन्तु मन के दु:ख से आत्मा निराश होती है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

यदि हृदय प्रसन्न है तो चेहरे पर रौनक रहती है; किन्‍तु यदि हृदय दु:खित है तो अन्‍तर-आत्‍मा भी उदास रहती है।

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नवीन हिंदी बाइबल

जब मन आनंदित होता है तो मुख पर प्रसन्‍न‍ता छा जाती है, परंतु जब मन दुःखी होता है तो आत्मा भी निराश हो जाती है।

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सरल हिन्दी बाइबल

प्रसन्‍न हृदय मुखमंडल को भी आकर्षक बना देता है, किंतु दुःखित हृदय आत्मा तक को निराश कर देता है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

मन आनन्दित होने से मुख पर भी प्रसन्नता छा जाती है, परन्तु मन के दुःख से आत्मा निराश होती है।

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नीतिवचन 15:13
10 क्रॉस रेफरेंस  

तब राजा ने मुझ से पूछा, “तू तो रोगी नहीं है, फिर तेरा मुँह क्यों उतरा है? यह तो मन ही की उदासी होगी।” तब मैं अत्यन्त डर गया।


उदास मन दब जाता है, परन्तु भली बात से वह आनन्दित होता है।


शान्त मन, तन का जीवन है, परन्तु मन के जलने से हड्डियाँ भी जल जाती हैं।


दुखियारे के सब दिन दु:ख भरे रहते हैं, परन्तु जिसका मन प्रसन्न रहता है, वह मानो नित्य भोज में जाता है।


मन का आनन्द अच्छी औषधि है, परन्तु मन के टूटने से हड्डियाँ सूख जाती हैं।


रोग में मनुष्य अपनी आत्मा से सम्भलता है; परन्तु जब आत्मा हार जाती है तब इसे कौन सह सकता है?


“तुम्हारा मन व्याकुल न हो; परमेश्‍वर पर विश्‍वास रखो और मुझ पर भी विश्‍वास रखो।


क्योंकि हम अपने विवेक की इस गवाही पर घमण्ड करते हैं, कि जगत में और विशेष करके तुम्हारे बीच, हमारा चरित्र परमेश्‍वर के योग्य ऐसी पवित्रता और सच्‍चाई सहित था, जो शारीरिक ज्ञान से नहीं परन्तु परमेश्‍वर के अनुग्रह के साथ था।


इसलिये इससे भला यह है कि उसका अपराध क्षमा करो और शान्ति दो, न हो कि ऐसा मनुष्य बहुत उदासी में डूब जाए।


क्योंकि परमेश्‍वर–भक्‍ति का शोक ऐसा पश्‍चाताप उत्पन्न करता है जिसका परिणाम उद्धार है और फिर उससे पछताना नहीं पड़ता। परन्तु सांसारिक शोक मृत्यु उत्पन्न करता है।