मैं ने अपने परमेश्वर यहोवा के नाम का एक भवन बनवाने की ठान रखी है अर्थात् उस बात के अनुसार जो यहोवा ने मेरे पिता दाऊद से कही थी, ‘तेरा पुत्र जिसे मैं तेरे स्थान में गद्दी पर बैठाऊँगा, वही मेरे नाम का भवन बनवाएगा।’
दानिय्येल 1:8 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु दानिय्येल ने अपने मन में ठान लिया कि वह राजा का भोजन खाकर, और उसके पीने का दाखमधु पीकर अपवित्र न होए; इसलिये उस ने खोजों के प्रधान से विनती की कि उसे अपवित्र न होना पड़े। पवित्र बाइबल दानिय्येल राजा के उत्तम भोजन और दाखमधु को ग्रहण करना नहीं चाहता था। दानिय्येल नहीं चाहता था कि वह उस भोजन और उस दाखमधु से अपने आपको अशुद्ध कर ले। सो उसने इस प्रकार अपने आपको अशुद्ध होने से बचाने के लिये अशपनज से विनती की। Hindi Holy Bible परन्तु दानिय्येल ने अपने मन में ठान लिया कि वह राजा का भोजन खाकर, और उसके पीने का दाखमधु पीकर अपवित्र न होए; इसलिये उसने खोजों के प्रधान से बिनती की कि उसे अपवित्र न होना पड़े। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) किन्तु दानिएल ने अपने हृदय में यह निश्चय किया कि वह राजा का न तो भोजन खाएगा और न शराब पीएगा जो राजा पीता है; और यों अपने को अशुद्ध नहीं करेगा। इसलिए उसने मुख्य खोजा अशपनज से निवेदन किया, “आप मुझे महाराज के आदेश से मुक्त रखें जिससे मैं अशुद्ध न होऊं।” सरल हिन्दी बाइबल पर दानिएल ने यह निश्चय कर लिया कि वह शाही भोजन और दाखमधु सेवन करने के द्वारा स्वयं को अशुद्ध नहीं करेगा और इस प्रकार से अपने आपको अशुद्ध न करने के लिये उसने प्रधान अधिकारी से अनुमति मांगी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु दानिय्येल ने अपने मन में ठान लिया कि वह राजा का भोजन खाकर और उसका दाखमधु पीकर स्वयं को अपवित्र न होने देगा; इसलिए उसने खोजों के प्रधान से विनती की, कि उसे अपवित्र न होने दे। |
मैं ने अपने परमेश्वर यहोवा के नाम का एक भवन बनवाने की ठान रखी है अर्थात् उस बात के अनुसार जो यहोवा ने मेरे पिता दाऊद से कही थी, ‘तेरा पुत्र जिसे मैं तेरे स्थान में गद्दी पर बैठाऊँगा, वही मेरे नाम का भवन बनवाएगा।’
मेरा मन किसी बुरी बात की ओर फिरने न दे; मैं अनर्थकारी पुरुषों के संग, दुष्ट कामों में न लगूँ, और मैं उनके स्वादिष्ट भोजनवस्तुओं में से कुछ न खाऊँ!
राजा ने आज्ञा दी कि उसके भोजन और पीने के दाखमधु में से उन्हें प्रतिदिन खाने–पीने को दिया जाए। इस प्रकार तीन वर्ष तक उनका पालन पोषण होता रहे; तब उसके बाद वे राजा के सामने हाज़िर किए जाएँ।
वे दाखमधु पी पीकर सोने, चाँदी, पीतल, लोहे, काठ और पत्थर के देवताओं की स्तुति कर ही रहे थे,
वह वहाँ पहुँचकर और परमेश्वर के अनुग्रह को देखकर आनन्दित हुआ, और सब को उपदेश दिया कि तन मन लगाकर प्रभु से लिपटे रहो।
परन्तु उन्हें लिख भेजें कि वे मूरतों की अशुद्धताओं और व्यभिचार और गला घोंटे हुओं के मांस से और लहू से दूर रहें।
परन्तु जो मन में दृढ़ रहता है, और उसको आवश्यकता न हो, वरन् अपनी इच्छा पर अधिकार रखता हो, और अपने मन में यह बात ठान ली हो कि वह अपनी कुँवारी लड़की को अविवाहित रखेगा, वह अच्छा करता है।
हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करे; न कुढ़ कुढ़ के और न दबाव से, क्योंकि परमेश्वर हर्ष से देनेवाले से प्रेम रखता है।
जो उनके बलिदानों की चर्बी खाते, और उनके तपावनों का दाखमधु पीते थे? वे ही उठकर तुम्हारी सहायता करें, और तुम्हारी आड़ हों!