मैं तुम्हें स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु परमेश्वर की शपथ खिलाता हूँ कि तुम मेरे पुत्र के लिए कनानी जाति की कन्याओं में से, जिनके देश में मैं निवास करता हूँ, वधू नहीं लाओगे।
सभोपदेशक 9:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) सब की नियति एक ही है: धार्मिक और अधार्मिक, भला और बुरा, शुद्ध और अशुद्ध, बलि चढ़ानेवाला− बलि न चढ़ानेवाला। जो नियति अच्छे मनुष्य की है वही पापी मनुष्य की है। जो अपनी शपथ को पूरा करता है, उसकी नियति वही है, जो अपनी शपथ का उल्लंघन करता है। पवित्र बाइबल किन्तु, एक बात ऐसी है जो हम सब के साथ घटती है—हम सभी मरते हैं! मृत्यु अच्छे लोगों को भी आती है और बुरे लोगों को भी। पवित्र लोगों को भी मृत्यु आती है और जो पवित्र नहीं हैं, वे भी मरते हैं। लोग जो बलियाँ चढ़ाते हैं, वे भी मरते हैं, और वे भी जो बलियाँ नहीं चढ़ाते हैं, धर्मी जन भी वैसे ही मरता है, जैसे एक पापी। वह व्यक्ति जो परमेश्वर को विशेष वचन देता है, वह भी वैसे ही मरता है जैसे वह व्यक्ति जो उन वचनों को देने से घबराता है। Hindi Holy Bible सब बातें सभों को एक समान होती है, धर्मी हो या दुष्ट, भले, शुद्ध या अशुद्ध, यज्ञ करने और न करने वाले, सभों की दशा एक ही सी होती है। जैसी भले मनुष्य की दशा, वैसी ही पापी की दशा; जैसी शपथ खाने वाले की दशा, वैसी ही उसकी जो शपथ खाने से डरता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) सब बातें सभों के लिये एक समान होती हैं, धर्मी हो या दुष्ट, भले, शुद्ध या अशुद्ध, यज्ञ करने और न करनेवाले, सभों की दशा एक ही सी होती है। जैसी भले मनुष्य की दशा, वैसी ही पापी की दशा; जैसी शपथ खानेवाले की दशा, वैसी ही उसकी जो शपथ खाने से डरता है। नवीन हिंदी बाइबल सब बातें सब के लिए समान होती हैं : धर्मी हो या दुष्ट, भला हो या बुरा, शुद्ध हो या अशुद्ध, बलिदान चढ़ानेवाला हो या बलिदान न चढ़ानेवाला सब का एक ही परिणाम होता है। जैसी दशा भले मनुष्य की होती है, वैसी ही पापी मनुष्य की; जैसी दशा शपथ खानेवाले की वैसी ही शपथ से डरनेवाले की। सरल हिन्दी बाइबल यह सभी के लिए बराबर है. धर्मी और दुष्ट, भले और बुरे, शुद्ध और अशुद्ध, जो बलि चढ़ाता है और जो बलि नहीं चढ़ाता, सभी का अंत एक समान है. जिस तरह एक भला व्यक्ति है, उसी तरह एक पापी भी है; और जिस तरह एक शपथ खानेवाला है, उसी तरह वह व्यक्ति है जिसके सामने शपथ खाना भय की बात है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 सब बातें सभी के लिए एक समान होती हैं, धर्मी हो या दुष्ट, भले, शुद्ध या अशुद्ध, यज्ञ करने और न करनेवाले, सभी की दशा एक ही सी होती है। जैसी भले मनुष्य की दशा, वैसी ही पापी की दशा; जैसी शपथ खानेवाले की दशा, वैसी ही उसकी जो शपथ खाने से डरता है। |
मैं तुम्हें स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु परमेश्वर की शपथ खिलाता हूँ कि तुम मेरे पुत्र के लिए कनानी जाति की कन्याओं में से, जिनके देश में मैं निवास करता हूँ, वधू नहीं लाओगे।
सब धान-पसेरी! इसलिए मैं यह कहता हूं : परमेश्वर सिद्ध और असिद्ध दोनों को नष्ट कर देता है।
जब मैं ने दुर्जनों का फलना-फूलना देखा, तब मैं घमण्डी लोगों के प्रति ईष्र्यालु हो गया।
जिस मनुष्य से परमेश्वर प्रसन्न होता है वह उसी को बुद्धि, ज्ञान और आनन्द प्रदान करता है। पापी मनुष्य से परमेश्वर कठोर परिश्रम कराता है। पापी मनुष्य परमेश्वर के प्रिय व्यक्ति के लिए धन एकत्र करता और उसको संचित करता है। अत: यह भी व्यर्थ है, यह मानो हवा को पकड़ना है।
मनुष्य और पशु एक ही गति को प्राप्त होते हैं। जैसे पशु मरता है वैसे ही मनुष्य भी। उन सब में एक ही से प्राण हैं। मनुष्य पशु से श्रेष्ठ नहीं है। अत: सब व्यर्थ है।
चाहे मनुष्य दो हजार वर्ष जीए, किन्तु यदि वह जीवन का आनन्दपूर्वक भोग नहीं करता तो ऐसी दीर्घायु से क्या लाभ? सब मनुष्य जीवन के अन्त में एक ही स्थान को जाते हैं।
अच्छा यह है कि तुम एक को पकड़े रहो, और दूसरे को भी अपने हाथों से न निकलने दो। जो मनुष्य परमेश्वर की भक्ति करता है, वह इन सब कठिनाइयों से पार हो जाएगा।
भोज के उत्सव में सम्मिलित होने की अपेक्षा मृत्यु-शोक से पीड़ित परिवार में जाना अच्छा है, क्योंकि मृत्यु ही सब मनुष्यों का अन्त है। अत: जीवित व्यक्ति गम्भीरतापूर्वक अपने अन्त पर विचार करेगा।
मैंने पुन: अनुभव किया कि सूर्य के नीचे इस धरती पर तेज दौड़ने वाला धावक नहीं जीतता, और न बलवान योद्धा लड़ाई जीतता है। बुद्धिमान मनुष्य को भोजन नहीं मिलता, और न समझदारों को धन-सम्पत्ति। विद्वानों पर कोई कृपा नहीं करता। ये सब समय और संयोग के वश में हैं।
जो बुराइयाँ सूर्य के नीचे इस धरती पर विद्यमान हैं उनमें से एक यह नियति है : सब मनुष्य एक ही गति को प्राप्त होते हैं। मनुष्यों के हृदय बुराई से भरे हैं। जब तक वे जीवित रहते हैं, उनमें पागलपन समाया रहता है। उसके बाद वे मृतकों में मिल जाते हैं।
तथा उन सब स्त्री-पुरुषों, बच्चों, राज कन्याओं को एकत्र कर ले गये जिनको अंगरक्षकों के नायक नबूजरदान ने गदल्याह बेन-अहीकाम को देखभाल के लिए सौंपा था। वे नबी यिर्मयाह और बारूक बेन-नेरियाह को भी अपने साथ ले गए।
अब हम अभिमानी लोगों को धन्य कहेंगे। दुष्कर्मी न केवल जीवन में सफल होते हैं, वरन् जब वे परमेश्वर को परखते हैं तब भी वे बच जाते हैं।” ?’
तुम धार्मिक और अधार्मिक में पुन: भेद पहचानोगे; तुम जानोगे कि कौन व्यक्ति मुझ-परमेश्वर की सेवा करता है, और कौन व्यक्ति मेरी सेवा नहीं करता।’
स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है, ‘तब मैं अदालत में तुम्हारे सम्मुख उपस्थित होऊंगा। मैं इन सब लोगों के विरुद्ध तुरन्त साक्षी दूंगा: झाड़-फूंक करनेवाले ओझा, व्यभिचारी, झूठी शपथ खानेवाले, मजदूर की मजदूरी दबानेवाले, विधवाओं और अनाथों पर अत्याचार करनेवाले, प्रवासी के अधिकारों को छीननेवाले और मुझसे न डरनेवाले।
सैनिक मधु के छत्तों के पास आए। यद्यपि मधु-मक्खियाँ उड़ गई थीं तो भी किसी ने शपथ के भय के कारण अपने मुँह में मधु नहीं डाला।