वह फूल के समान खिलता है, और फिर मुरझा जाता है; वह छाया के समान ढलता है, और स्थिर नहीं रहता है।
सभोपदेशक 8:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) निस्सन्देह दुर्जन का अन्त में भला नहीं होगा, और न वह छाया के सदृश अपनी उम्र लम्बी कर सकेगा, क्योंकि वह परमेश्वर से नहीं डरता है। पवित्र बाइबल बुरे लोग परमेश्वर का सम्मान नहीं करते। सो ऐसे लोग वास्तव में अच्छी वस्तुओं को प्राप्त नहीं करते। वे बुरे लोग अधिक समय तक जीवित नहीं रहेंगे। उनके जीवन डूबते सूरज में लम्बी से लम्बी होती जाती छायाओं के सामान बड़े नहीं होंगे। Hindi Holy Bible परन्तु दुष्ट का भला नहीं होने का, और न उसकी जीवनरूपी छाया लम्बी होने पाएगी, क्योंकि वह परमेश्वर का भय नहीं मानता॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु दुष्ट का भला नहीं होने का, और न उसकी जीवनरूपी छाया लम्बी होने पाएगी, क्योंकि वह परमेश्वर का भय नहीं मानता। नवीन हिंदी बाइबल परंतु दुष्ट का भला नहीं होगा और न उसके दिन छाया के समान बढ़ सकेंगे, क्योंकि वह परमेश्वर का भय नहीं मानता। सरल हिन्दी बाइबल मगर दुष्ट के साथ अच्छा न होगा और न ही वह परछाई के समान अपने सारे जीवन को बड़ा कर सकेगा, क्योंकि उसमें परमेश्वर के लिए श्रद्धा और भय की भावना नहीं है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु दुष्ट का भला नहीं होने का, और न उसकी जीवनरूपी छाया लम्बी होने पाएगी, क्योंकि वह परमेश्वर का भय नहीं मानता। |
वह फूल के समान खिलता है, और फिर मुरझा जाता है; वह छाया के समान ढलता है, और स्थिर नहीं रहता है।
सुनो, उनकी साक्षी यह है कि दुर्जन विपत्ति के दिनों में भी बच जाता है, प्रकोप-दिवस पर भी वह सुरक्षित रहता है।
तूने मेरे जीवन-काल को बित्ता भर बनाया है। मेरी आयु तेरे सम्मुख कुछ भी नहीं है। वस्तुत: प्रत्येक मनुष्य की स्थिति श्वास मात्र है। सेलाह
परमेश्वर, तू उन्हें विनाश के गर्त्त में डालेगा; रक्त-पिपासु और कपटी मनुष्य आधी आयु भी व्यतीत न कर पाएंगे। पर मैं तुझ पर ही भरोसा करूंगा।
मैं यह जानता हूं कि जो कुछ परमेश्वर करता है, वह सदा बना रहेगा; उसमें न कुछ जोड़ा जा सकता है, और न उससे कुछ घटाया जा सकता है। परमेश्वर ने यह इसलिए किया है ताकि मनुष्य उससे डरे।
जब व्यक्ति अधिकाधिक स्वप्न देखने लगता है, तब उसकी व्यर्थ बातें भी बढ़ जाती हैं। किन्तु तुम परमेश्वर का भय मानना।
मनुष्य अपना क्षणिक जीवन परछाँई के समान व्यतीत करता है; अत: कौन जानता है कि उसके लिए ऐसे जीवन में उत्तम क्या है? मनुष्य को कौन बता सकता है कि उसकी मृत्यु के पश्चात् सूर्य के नीचे धरती पर क्या होगा?
मैंने अपने निस्सार जीवन में यह देखा है: धार्मिक मनुष्य अपनी धार्मिकता में मरता है, किन्तु दुर्जन व्यक्ति दुष्कर्म करते हुए दीर्घायु प्राप्त करता है।
अच्छा यह है कि तुम एक को पकड़े रहो, और दूसरे को भी अपने हाथों से न निकलने दो। जो मनुष्य परमेश्वर की भक्ति करता है, वह इन सब कठिनाइयों से पार हो जाएगा।
ऐसा कौन मनुष्य है जिसका वश प्राण पर चले, और वह प्राण के निकलते समय उसको रोक ले? मृत्यु के दिन पर मरनेवाले का अधिकार नहीं होता। युद्ध से छुटकारा नहीं मिलता, और न दुर्जन व्यक्ति अपनी दुर्जनता के कारण मृत्यु से बच सकता है।
दुर्जन को धिक्कार है; क्योंकि उसका बुरा होगा। जैसा उसने किया है, वैसा ही उसके साथ किया जायेगा।
इस कारण तुम्हारा यह अनिष्ट होगा: जैसे एक ऊंची दीवार का कुछ भाग टूट कर आगे निकल आता है, और गिरनेवाला होता है; अचानक, क्षण-भर में टूटकर गिर पड़ता है, ऐसी ही दशा तुम्हारी होगी।
वहाँ न शिशु होगा, जो कुछ दिन जीवित रहकर असमय में मर जाएगा; और न ऐसे वृद्ध होंगे, जो पूर्ण आयु न भोगेंगे। प्रत्येक बालक शतायु होगा; जो व्यक्ति सौ वर्ष की उम्र के पहले मरेगा, वह शापित समझा जाएगा।
आज भी उन्होंने अपने दुष्कर्मों से पश्चात्ताप कर अपने हृदय को विनम्र नहीं किया। वे मेरी भक्ति नहीं करते। जो धर्म-नियम और संविधियां मैंने तुम्हारे सामने और तुम्हारे पूर्वजों के सम्मुख रखी थीं, उन के अनुरूप वे आचरण नहीं करते।
तुम धार्मिक और अधार्मिक में पुन: भेद पहचानोगे; तुम जानोगे कि कौन व्यक्ति मुझ-परमेश्वर की सेवा करता है, और कौन व्यक्ति मेरी सेवा नहीं करता।’
बाहर निकल आएँगे। सत्कर्म करने वालों का जीवन के लिए पुनरुत्थान होगा और कुकर्म करने वालों का दण्ड के लिए।
तुम नहीं जानते कि कल तुम्हारा क्या हाल होगा। तुम्हारा जीवन एक कुहरा मात्र है-वह एक क्षण दिखाई दे कर लुप्त हो जाता है।
वे लोभ के कारण अपनी मनगढ़न्त बातों द्वारा आप से अनुचित लाभ उठायेंगे। उनकी दण्डाज्ञा का निर्णय बहुत पहले हो चुका है और वह उनका पीछा कर रहा है। उनका विनाश सोया हुआ नहीं है!