जो मनुष्य अपने परिवार को दु:ख देता है उसकी धन-सम्पत्ति नष्ट हो जाती है, और वह मूर्ख मनुष्य बुद्धिमान का गुलाम बन जाता है।
सभोपदेशक 5:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यह दु:खद बुराई है, जैसा वह आया था ठीक वैसा ही यहाँ से लौट जायेगा। उसे अपने परिश्रम से क्या लाभ हुआ? पवित्र बाइबल यह बड़े दुःख की बात है। यह संसार उसे उसी प्रकार छोड़ना होता है जिस प्रकार वह आया था। इसलिये “हवा को पकड़ने की कोशिश” करने से किसी व्यक्ति के हाथ क्या लगता है? Hindi Holy Bible यह भी एक बड़ी बला है कि जैसा वह आया, ठीक वैसा ही वह जाएगा; उसे उस व्यर्थ परिश्रम से और क्या लाभ है? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यह भी एक बड़ी बला है कि जैसा वह आया, ठीक वैसा ही वह जाएगा; उसे उस व्यर्थ परिश्रम से और क्या लाभ है? नवीन हिंदी बाइबल यह भी एक दुखदायक बुराई है : जैसा वह आया था, ठीक वैसा ही जाएगा, तो उसके इस व्यर्थ परिश्रम से उसे क्या लाभ? सरल हिन्दी बाइबल यह भी एक बड़ी बुरी बात है: ठीक जैसे एक व्यक्ति का जन्म होता है, वैसे ही उसकी मृत्यु भी हो जाएगी. तो उसके लिए इसका क्या फायदा, जो हवा को पकड़ने के लिए मेहनत करता है? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यह भी एक बड़ी बला है कि जैसा वह आया, ठीक वैसा ही वह जाएगा; उसे उस व्यर्थ परिश्रम से और क्या लाभ है? |
जो मनुष्य अपने परिवार को दु:ख देता है उसकी धन-सम्पत्ति नष्ट हो जाती है, और वह मूर्ख मनुष्य बुद्धिमान का गुलाम बन जाता है।
तब मैंने अपने कामों पर विचार किया, मैंने उस परिश्रम पर भी सोचा जो मैंने उन कामों पर किया था। मुझे अनुभव हुआ कि यह सब निस्सार है− यह मानो हवा को पकड़ना है। इस सूर्य के नीचे धरती पर मनुष्य के काम और परिश्रम से कुछ लाभ नहीं।
मैंने सूर्य के नीचे धरती पर एक दु:खद बुराई देखी : धन का स्वामी अपने अनिष्ट के लिए धन संग्रह करता है।
मानो गर्भवती स्त्री के समान हमें भी प्रसव- पीड़ा हुई; पर हमने केवल वायु प्रसव की! हमने देश में मुक्ति का कोई कार्य नहीं किया; संसार को बसाने के लिए किसी का जन्म नहीं हुआ।
पुरोहित अब मुझसे नहीं पूछते हैं, “प्रभु कहां है?” व्यवस्था के आचार्य मुझे नहीं जानते हैं। राज्य के उच्चाधिकारी मेरे प्रति अपराध करते हैं। नबी बअल देवता के नाम से नबूवत करते हैं, और निरर्थक मूर्तियों का अनुसरण करते हैं।
उन्होंने हवा को बोया है, वे आंधी को काटेंगे। गेहूं के डंठलों में बालें नहीं फूटेंगी; बालें फूटेंगी भी तो उनमें दाने नहीं आएंगे; दाने आएंगे भी तो विदेशी उन्हें खा जाएंगे।
मनुष्य को इससे क्या लाभ यदि वह सारा संसार तो प्राप्त कर ले, लेकिन अपना प्राण ही गँवा दे?
नश्वर भोजन के लिए नहीं, बल्कि उस भोजन के लिए परिश्रम करो, जो शाश्वत जीवन तक बना रहता है और जिसे मानव-पुत्र तुम्हें देगा; क्योंकि पिता परमेश्वर ने मानव-पुत्र पर अपनी स्वीकृति की मोहर लगाई है।”
निस्सार देवी-देवताओं की मूर्तियों का अनुसरण मत करना। वे किसी को लाभ नहीं पहुँचा सकतीं और न बचा सकती हैं; क्योंकि वे निस्सार मूर्तियाँ हैं!