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सभोपदेशक 5:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

13 मैंने सूर्य के नीचे धरती पर एक दु:खद बुराई देखी : धन का स्‍वामी अपने अनिष्‍ट के लिए धन संग्रह करता है।

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पवित्र बाइबल

13 बहुत बड़े दुःख की बात है एक जिसे मैंने इस जीवन में घटते देखा है। देखो एक व्यक्ति भविष्य के लिये धन बचा कर रखता है।

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Hindi Holy Bible

13 मैं ने धरती पर एक बड़ी बुरी बला देखी है; अर्थात वह धन जिसे उसके मालिक ने अपनी ही हानि के लिये रखा हो,

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

13 मैं ने धरती पर एक बड़ी बुरी बला देखी है, अर्थात् वह धन जिसे उसके मालिक ने अपनी ही हानि के लिये रखा हो,

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नवीन हिंदी बाइबल

13 मैंने संसार में एक दुखदायक बुराई देखी है : धन का स्वामी उसका संचय अपनी ही हानि के लिए करता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

13 एक और बड़ी बुरी बात है जो मैंने सूरज के नीचे देखी: कि धनी ने अपनी धन-संपत्ति अपने आपको ही कष्ट देने के लिए ही कमाई थी.

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सभोपदेशक 5:13
29 क्रॉस रेफरेंस  

तत्‍पश्‍चात् वह समस्‍त संपत्ति तथा अपने भतीजे लोट को उसकी सम्‍पत्ति-सहित तथा स्‍त्री-पुरुषों को छुड़ाकर वापस ले आए।


लोट घर से निकलकर अपने भावी दामादों के पास गया, जो उसकी पुत्रियों से विवाह करने वाले थे। उसने उनसे कहा, ‘उठो, और इस स्‍थान से निकल चलो; क्‍योंकि प्रभु इस नगर को नष्‍ट करने वाला है।’ परन्‍तु उसके दामादों ने समझा कि वह उनसे मजाक कर रहा है।


लोट की पत्‍नी उसके पीछे थी। उसने मुड़कर पीछे देखा, और वह नमक का खम्‍भा बन गई!


‘उसके लालच की कोई सीमा न थी, इसलिए वह अपनी कोई प्रिय वस्‍तु नष्‍ट होने से बचा न सकेगा।


हिंसक लोभियों का आचरण ऐसा ही होता है, पर उनका लोभ ही उनकी मृत्‍यु का कारण बनता है।


अज्ञानी मार्ग से भटक जाते हैं, और उनका भटकना मृत्‍यु का कारण बनता है; मूर्खों का आत्‍म-सन्‍तोष उनके विनाश का कारण होता है।


मृत्‍यु के दिन धन किसी काम नहीं आता, किन्‍तु मनुष्‍य की धार्मिकता उसको मृत्‍यु से बचाती है!


पूंजीपति बनने के लिए अपना पसीना मत बहाना; इस लोभ से बचने में ही बुद्धिमानी है।


क्‍योंकि नकदी रुपया-पैसा सदा टिकता नहीं, और न मनुष्‍य का गौरव पीढ़ी से पीढ़ी तक बना रहता है।


यद्यपि मनुष्‍य अकेला है, उसका पुत्र नहीं, भाई नहीं, तथापि वह निरन्‍तर कमाता ही जाता है, उसके परिश्रम का कोई अन्‍त नहीं। उसकी आंखें धन-सम्‍पत्ति से तृप्‍त नहीं होतीं। वह अपने आपसे कभी पूछता नहीं, “मैं यह सब परिश्रम किसके लिए कर रहा हूं, और क्‍यों स्‍वयं को सुख-चैन से वंचित कर रहा हूं?” यह भी व्‍यर्थ है, और एक दु:खद कार्य-व्‍यापार है।


यदि उसका धन सट्टेबाजी में उड़ जाता है, और यदि उसके घर में पुत्र जन्‍म लेता है तो उसके हाथ में कुछ नहीं बचता।


जब मैंने सूर्य के नीचे धरती पर होनेवाली बातों पर गम्‍भीरतापूर्वक अपना मन लगाया, तब मैंने यह देखा: जब एक मनुष्‍य दूसरे मनुष्‍य पर प्रभुत्‍व जमाता है तब वह स्‍वयं का अनिष्‍ट करता है।


उस दिन मनुष्‍य सोने-चांदी की मूर्तियों को, जो उन्‍होंने पूजा करने के लिए बनाई थीं, छछून्‍दरों और चमगादड़ों के सामने फेंक देंगे;


प्रभु के प्रकोप-दिवस पर न उनका सोना, और न चांदी उन्‍हें प्रभु के प्रकोप से मुक्‍त कर सकेगी। प्रभु की ईष्‍र्या-अग्‍नि से सम्‍पूर्ण पृथ्‍वी भस्‍म हो जाएगी। वह पृथ्‍वी के समस्‍त निवासियों को अचानक पूर्णत: नष्‍ट कर देगा।


“एक धनवान मनुष्‍य था। वह राजसी बैंगनी वस्‍त्र और मलमल पहनता था, और प्रतिदिन दावत उड़ाया करता था।


जक्‍कई सबके सामने खड़ा हुआ और उसने प्रभु से कहा, “प्रभु! देखिए, मैं अपनी आधी सम्‍पत्ति गरीबों को दिए देता हूँ और यदि मैंने किसी से अन्‍यायपूर्वक कुछ लिया है, तो उसे चौगुना लौटाए देता हूँ।”


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