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सभोपदेशक 3:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

वस्‍तुत: यह परमेश्‍वर का वरदान है कि प्रत्‍येक मनुष्‍य भरपेट खाए-पीए और आनन्‍दपूर्वक परिश्रम करे।

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पवित्र बाइबल

परमेश्वर चाहता है कि हर व्यक्ति खाये पीये और अपने कर्म का आनन्द लेता रहे। ये बातें परमेश्वर की ओर से प्राप्त उपहार हैं।

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Hindi Holy Bible

और यह भी परमेश्वर का दान है कि मनुष्य खाए-पीए और अपने सब परिश्रम में सुखी रहे।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

और यह भी परमेश्‍वर का दान है कि मनुष्य खाए–पीए और अपने सब परिश्रम में सुखी रहे।

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नवीन हिंदी बाइबल

और यह भी परमेश्‍वर का दान है कि मनुष्य खाए-पीए और अपने सब परिश्रम में सुखी रहे।

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सरल हिन्दी बाइबल

हर एक व्यक्ति खाते-पीते अपनी मेहनत के कामों में संतुष्ट रहे—यह मनुष्य के लिए परमेश्वर द्वारा दिया गया वरदान है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

और यह भी परमेश्वर का दान है कि मनुष्य खाए-पीए और अपने सब परिश्रम में सुखी रहे।

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सभोपदेशक 3:13
14 क्रॉस रेफरेंस  

तू अपने हाथ के परिश्रम का फल खाएगा; तू सुखी होगा, तेरा भला होगा।


वह कौन मनुष्‍य है जो जीवन की कामना करता है; जो दीर्घ आयु का इच्‍छुक है कि भलाई को देख सके?


मनुष्‍य के लिए इससे अधिक अच्‍छी बात और कोई नहीं कि वह खाए-पीए और आनन्‍द के साथ परिश्रम करे। किन्‍तु मैंने देखा है कि यह भी परमेश्‍वर के हाथ से प्राप्‍त होता है।


मैंने मन लगाकर खोज-बीन की कि मदिरा से किस प्रकार अपने शरीर को सुखी करूं (मेरा मन अब तक बुद्धि के मार्ग पर मेरा पथ-प्रदर्शन कर रहा है), और मूढ़ता को मैं कैसे वश में करूं। मैंने यह भेद प्राप्‍त करने का प्रयत्‍न किया कि मनुष्‍यों की भलाई किस प्रकार का काम करने मैं है, ताकि वे जीवन के अल्‍पकाल में इस पृथ्‍वी पर उस काम को कर सकें।


वह बुराई यह है: परमेश्‍वर मनुष्‍य को धन-सम्‍पत्ति और प्रतिष्‍ठा प्रदान करता है, और मनुष्‍य को अपनी इच्‍छा के अनुसार सब कुछ प्राप्‍त हो जाता है। उसे किसी वस्‍तु का अभाव नहीं रहता। परन्‍तु उस मनुष्‍य को परमेश्‍वर धन-सम्‍पत्ति भोगने का सामर्थ्य नहीं देता; बल्‍कि अनजान व्यक्‍ति उसकी धन-सम्‍पत्ति भोगता है। अत: धन-सम्‍पत्ति निस्‍सार है, यह भयानक दु:ख की बात है।


इसलिए मैं लोगों को सलाह देता हूं: आनन्‍द मनाओ। सूर्य के नीचे धरती पर मनुष्‍य के लिए खाने-पीने और आनन्‍द मनाने के अतिरिक्‍त और कुछ भी अच्‍छा नहीं है। जो आयु परमेश्‍वर ने उसे इस धरती पर प्रदान की है, उसके परिश्रम में यही आनन्‍द विद्यमान रहेगा।


अपने घर जाओ, आनन्‍द से रोटी खाओ, और हृदय की उमंग से अंगूर-रस पीओ, क्‍योंकि जो तुम करते हो, उसको परमेश्‍वर पहले से अपनी स्‍वीकृति दे चुका है।


तुम वहीं अपने प्रभु परमेश्‍वर के सम्‍मुख भोजन करना। तुम अपने समस्‍त परिवार के साथ अपने उद्यम के लिए आनन्‍द मनाना, जिस पर तुम्‍हारे प्रभु परमेश्‍वर ने आशिष दी है।


उसके बाद अपनी समस्‍त अच्‍छी वस्‍तुओं के लिए जो तेरे प्रभु परमेश्‍वर ने तुझे दी हैं, अपने परिवार, लेवीय जन और तेरे मध्‍य रहने वाले प्रवासी के साथ तू आनन्‍द मनाना।