मैंने केवल एक वरदान प्रभु से मांगा है; मैं जीवन पर्यन्त प्रभु के घर में निवास करूँ, और प्रभु के सौन्दर्य को निहार सकूँ; उसके भवन में दर्शन करूँ। मैं इसी वरदान की खोज करूँगा।
श्रेष्ठगीत 5:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसके ओंठ मानो सोसन पुष्प हैं जिनसे तरल गन्धरस टपकता है। उसके गाल बलसान की क्यारियां हैं जो सुगन्ध बिखेरती हैं। पवित्र बाइबल गाल उसके मसालों की क्यारी जैसे लगते हैं, जैसे कोई फूलों की क्यारी जिससे सुगंध फैल रही हो। उसके होंठ कुमुद से हैं जिनसे रसगंध टपका करता है। Hindi Holy Bible उसके गाल फूलों की फुलवारी और बलसान की उभरी हुई क्यारियां हैं। उसके होंठ सोसन फूल हैं जिन से पिघला हुआ गन्धरस टपकता है॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसके गाल फूलों की फुलवारी और बलसान की उभरी हुई क्यारियाँ हैं। उसके होंठ सोसन फूल हैं जिन से पिघला हुआ गन्धरस टपकता है। सरल हिन्दी बाइबल उसके गाल बलसान की क्यारियों के समान हैं, मानो वे सुगंध मिश्रण के ढेर हों. उसके ओंठ सोसन के फूल हैं, जिनमें से गन्धरस का रस टपकता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसके गाल फूलों की फुलवारी और बलसान की उभरी हुई क्यारियाँ हैं। उसके होंठ सोसन फूल हैं जिनसे पिघला हुआ गन्धरस टपकता है। |
मैंने केवल एक वरदान प्रभु से मांगा है; मैं जीवन पर्यन्त प्रभु के घर में निवास करूँ, और प्रभु के सौन्दर्य को निहार सकूँ; उसके भवन में दर्शन करूँ। मैं इसी वरदान की खोज करूँगा।
आप पुरुषों में सर्वसुन्दर हैं। आपके ओंठों से माधुर्य टपकता है। अत: परमेश्वर ने युग-युगांत आपको आशिष दी है।
धन्य हैं वे, जो पर्व के उल्लास को जानते हैं; जो, हे प्रभु, तेरे मुख की ज्योति में चलते हैं;
गहने से जड़े तेरे गाल कितने सुन्दर लग रहे हैं। तेरी गरदन में मूंगे के हार लटक रहे हैं।
‘गन्धरस और लोबान से सुगन्धित, गन्धी के सब प्रकार के मसालों का लेप लगाये, धुएं के खम्भे-सा यह कौन निर्जन प्रदेश से आ रहा है?
ओ मेरी वधू, तेरे ओंठों से मधु टपकता है, तेरी जीभ के नीचे शहद और दूध की मिठास है। तेरे वस्त्रों की सुगन्ध मानो लबानोन की सुगन्ध है।
मैं अपने प्रियतम के लिए द्वार खोलने के लिए उठी। मेरे हाथों से गन्धरस टपक रहा था, किल्ली के मूंठों पर मेरी अंगुलियों से तरल गन्धरस टपक रहा था।
‘मेरा प्रियतम अपने उद्यानों में अपनी भेड़-बकरियाँ चराने के लिए सोसन पुष्प चुनने के लिए अपने उद्यान में गया है, वह बलसान की क्यारियों में गया है।
स्वामी-प्रभु ने मुझे शििक्षत जन की वाणी दी है ताकि मैं थके-मांदे लोगों को शांति के वचन बोलकर संभाल सकूं। वह प्रतिदिन सबेरे मुझे जगाता है; मेरे कान खोलता है, जिससे मैं शिष्य की तरह ध्यान दे सकूं।
मैंने कोड़ा मारनेवालों के सामने अपनी पीठ कर दी; दाढ़ी नोचनेवालों की ओर अपने गाल कर दिए। मैंने अपमान सहा, उनके थूक से अपना मुख नहीं हटाया।
सब लोगों ने उनकी प्रशंसा की। वे उनके मुख से निकले अनुग्रहपूर्ण शब्द सुन कर अचम्भे में पड़ गए, और पूछने लगे, “क्या यह यूसुफ के पुत्र नहीं हैं?”
नगर को सूर्य अथवा चन्द्रमा के प्रकाश की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि परमेश्वर की महिमा उसकी ज्योति और मेमना उसका प्रदीप है।