तू ऐसा कार्य करने से सदा दूर रहे कि दूराचारियों के साथ धार्मिक भी मारे जाएँ। धार्मिकों की दशा दुराचारियों के सदृश हो, यह कार्य तुझसे कभी न हो। क्या सारी पृथ्वी का न्यायाधीश उचित न्याय न करेगा?’
व्यवस्थाविवरण 1:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तुम मुंह देख कर न्याय मत करना। बड़े और छोटे मनुष्य का मुकदमा समान भाव से सुनना। तुम किसी भी व्यक्ति से मत डरना; क्योंकि न्याय परमेश्वर का है। यदि तुम्हें कोई मुकदमा कठिन प्रतीत हो, तो तुम उसको मेरे पास लाना। मैं उसको सुनूंगा।” पवित्र बाइबल जब तुम फैसला करो तब यह न सोचो कि कोई व्यक्ति दूसरे की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण है। तुम्हें हर एक व्यक्ति का फैसला एक समान समझकर करना चाहिए। किसी से डरो नहीं क्योंकि तुम्हारा फैसला परमेश्वर से आया है। किन्तु यदि कोई मुकदमा इतना जटिल हो कि तुम फैसला ही न कर सको तो उसे मेरे पास लाओ और इसका फैसला मैं करूँगा।’ Hindi Holy Bible न्याय करते समय किसी का पक्ष न करना; जैसे बड़े की वैसे ही छोटे मनुष्य की भी सुनना; किसी का मुँह देखकर न डरना, क्योंकि न्याय परमेश्वर का काम है; और जो मुकद्दमा तुम्हारे लिये कठिन हो, वह मेरे पास ले आना, और मैं उसे सुनूंगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) न्याय करते समय किसी का पक्ष न करना; जैसे बड़े की वैसे ही छोटे मनुष्य की भी सुनना; किसी का मुँह देखकर न डरना, क्योंकि न्याय परमेश्वर का काम है; और जो मुक़द्दमा तुम्हारे लिये कठिन हो, वह मेरे पास ले आना, और मैं उसे सुनूँगा।’ सरल हिन्दी बाइबल न्याय में पक्षपात कभी न हो. सामान्य और विशेष का विवाद तुम एक ही नज़रिए से करोगे. तुम्हें किसी भी मनुष्य का भय न हो, क्योंकि न्याय परमेश्वर का है. वे विवाद, जो कठिन महसूस हों, तुम मेरे सामने लाओगे, ताकि मैं खुद उन्हें सुनूं.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 न्याय करते समय किसी का पक्ष न करना; जैसे बड़े की वैसे ही छोटे मनुष्य की भी सुनना; किसी का मुँह देखकर न डरना, क्योंकि न्याय परमेश्वर का काम है; और जो मुकद्दमा तुम्हारे लिये कठिन हो, वह मेरे पास ले आना, और मैं उसे सुनूँगा।’ (याकू. 2:9) |
तू ऐसा कार्य करने से सदा दूर रहे कि दूराचारियों के साथ धार्मिक भी मारे जाएँ। धार्मिकों की दशा दुराचारियों के सदृश हो, यह कार्य तुझसे कभी न हो। क्या सारी पृथ्वी का न्यायाधीश उचित न्याय न करेगा?’
हम सबको एक न एक दिन मरना ही है। हम भूमि पर उण्डेले गए जल के समान हैं जिसको फिर एकत्र नहीं किया जा सकता है; और न परमेश्वर शव को खड़ा करता है। अब महाराज ऐसी योजना बनाएँ कि निर्वासित व्यक्ति उनसे दूर न रहे, वह देश-निकाला हुआ न रहे।
उसने प्रशासकों से कहा, ‘न्याय करने के पूर्व यह सोचो कि तुम न्याय किसके लिए करते हो; क्योंकि तुम मनुष्य के लिए नहीं, बल्कि प्रभु के लिए न्याय करोगे। न्याय करते समय प्रभु तुम्हारे साथ होगा।
‘कब तक तुम अन्यायपूर्ण निर्णय करते रहोगे, कब तक तुम दुर्जनों का पक्ष लेते रहोगे? सेलाह
तुम और तुम्हारे साथ के ये लोग थक जाएंगे; क्योंकि यह कार्य तुम्हारे लिए अत्यन्त भारी है। तुम अकेले इसे नहीं कर सकते हो।
वे हर समय लोगों का न्याय करें। प्रत्येक बड़ा मुकद्दमा तुम्हारे पास लाया जाए, किन्तु सब छोटे मुकद्दमों का न्याय वे स्वयं करें। इस प्रकार वे तुम्हारे साथ दायित्व संभालेंगे, और तुम्हारा भार हल्का होगा।
वे हर समय लोगों का न्याय करते थे। वे कठिन मुकद्दमा मूसा के पास लाते, किन्तु छोटे मुकद्दमे का न्याय स्वयं करते थे।
पक्षपात करना अच्छा नहीं; परन्तु रोटी के एक टुकड़े के लिए भी मनुष्य अनुचित कार्य कर डालता है।
जो आदमी से डरता है, वह मानो अपने लिए जाल फैलाता है; किन्तु प्रभु से डरनेवाला मनुष्य सुरक्षित रहता है।
‘ओ यिर्मयाह, उठ; कमर कस कर तैयार हो। उनसे सब बातें कह, जो मैंने तुझ से कही हैं। उनसे मत घबराना, अन्यथा मैं तुझे उनके सामने घबरा दूंगा।
‘तुम न्याय करते समय अन्याय मत करना। तुम न तो दरिद्र व्यक्ति का पक्ष लेना और न बड़े मनुष्य के सम्मुख झुकना, वरन् धार्मिकता से अपने देश-भाई अथवा बहिन का न्याय करना।
अत: मैंने भी सब लोगों के सम्मुख तुम्हें भी निकृष्ट और अधम बनाया; क्योंकि तुमने मेरी व्यवस्था के अनुसार आचरण नहीं किया, तुम मेरी व्यवस्था के प्रति निष्पक्ष नहीं हो।’
उन्होंने येशु के पास हेरोदेस-दल के सदस्यों के साथ अपने शिष्यों को यह प्रश्न पूछने भेजा, “गुरुवर! हम यह जानते हैं कि आप सच्चे हैं और सच्चाई से परमेश्वर के मार्ग की शिक्षा देते हैं। आप किसी की परवाह नहीं करते, क्योंकि आप मुँह-देखी बात नहीं कहते।
वे आ कर उनसे बोले, “गुरुवर! हम यह जानते हैं कि आप सच्चे हैं और आप किसी की परवाह नहीं करते। आप मुँह-देखी बात नहीं कहते, बल्कि सच्चाई से परमेश्वर के मार्ग की शिक्षा देते हैं। बताइए, व्यवस्था की दृष्टि में रोमन सम्राट को कर देना उचित है या नहीं?
गुप्तचरों ने येशु से पूछा, “गुरुवर! हम यह जानते हैं कि आप सत्य बोलते और सत्य ही सिखलाते हैं। आप मुँह-देखी नहीं कहते, बल्कि सच्चाई से परमेश्वर के मार्ग की शिक्षा देते हैं।
आप जो स्वामी हैं, दासों के साथ ऐसा ही व्यवहार करें। आप धमकियाँ देना छोड़ दें; क्योंकि आप जानते हैं कि स्वर्ग में उनका और आपका एक ही स्वामी है, और वह किसी के साथ पक्षपात नहीं करता।
क्योंकि तुम्हारा प्रभु परमेश्वर समस्त देवताओं का परमेश्वर है। वह समस्त स्वामियों का स्वामी है। वह महान, बलवान और आतंकमय परमेश्वर है। वह किसी का पक्षपात नहीं करता, और न किसी से घूस ही लेता है।
तू न्याय को भ्रष्ट मत करना। तू पक्षपात नहीं करना। तू घूस मत लेना; क्योंकि घूस बुद्धिमान व्यक्ति की आंख को बन्द कर देती है। वह धार्मिकों के न्याय-पक्ष को उलट देती है।
‘तू प्रवासी अथवा पितृहीन व्यक्ति के मुकदमों में न्याय को भ्रष्ट मत करना। ऋण के बदले में विधवा के वस्त्र गिरवी में मत रखना।
‘यदि दो मनुष्यों के मध्य झगड़ा हो, तो वे न्यायालय में जाएंगे, क्योंकि न्यायाधीश ही उनका न्याय करेंगे। वे निर्दोष व्यक्ति को निर्दोष, और दोषी व्यक्ति को दोषी घोषित करेंगे।
परमेश्वर ने हमें योग्य समझ कर शुभ समाचार सौंपा है। इसलिए हम मनुष्यों को नहीं, बल्कि हमारा हृदय परखनेवाले परमेश्वर को प्रसन्न करने के लिए उपदेश देते हैं।
किन्तु यदि आप पक्षपात करते हैं, तो पाप करते हैं और व्यवस्था के अनुसार दोषी ठहरते हैं।
यदि आप उसे “पिता” कह कर पुकारते हैं, जो पक्षपात किये बिना प्रत्येक मनुष्य का उसके कर्मों के अनुसार न्याय करता है, तो जब तक आप यहाँ परदेश में रहते हैं, तब तक उस पर श्रद्धा रखते हुए जीवन बितायें।
परन्तु प्रभु ने शमूएल से कहा, ‘तू उसके बाहरी रूप-रंग और ऊंचे कद पर ध्यान मत दे। मैंने उसे अस्वीकार किया है। जिस दृष्टि से मनुष्य देखता है, उस दृष्टि से मैं नहीं देखता। मनुष्य व्यक्ति के बाहरी रूप-रंग को देखता है, पर मैं उसके हृदय को देखता हूँ।’
यदि एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के प्रति अपराध करता है, तो परमेश्वर उसके लिए हस्तक्षेप करता है। परन्तु यदि व्यक्ति स्वयं प्रभु के प्रति पाप करेगा तो कौन उसकी क्षमा के लिए प्रार्थना कर सकता है?’ पुत्रों ने अपने पिता की बातों पर कान नहीं दिया; क्योंकि यह प्रभु की इच्छा थी कि वे मर जाएँ।