इफिसियों 6:9 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)9 आप जो स्वामी हैं, दासों के साथ ऐसा ही व्यवहार करें। आप धमकियाँ देना छोड़ दें; क्योंकि आप जानते हैं कि स्वर्ग में उनका और आपका एक ही स्वामी है, और वह किसी के साथ पक्षपात नहीं करता। अध्याय देखेंपवित्र बाइबल9 हे स्वामियों, तुम भी अपने सेवकों के साथ वैसा ही व्यवहार करो और उन्हें डराना-धमकाना छोड़ दो। याद रखो, उनका और तुम्हारा स्वामी स्वर्ग में है और वह कोई पक्षपात नहीं करता। अध्याय देखेंHindi Holy Bible9 और हे स्वामियों, तुम भी धमकियां छोड़कर उन के साथ वैसा ही व्यवहार करो, क्योंकि जानते हो, कि उन का और तुम्हारा दोनों का स्वामी स्वर्ग में है, और वह किसी का पक्ष नहीं करता॥ अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)9 हे स्वामियो, तुम भी धमकियाँ देना छोड़कर उनके साथ वैसा ही व्यवहार करो; क्योंकि तुम जानते हो कि उन का और तुम्हारा दोनों का स्वामी स्वर्ग में है, और वह किसी का पक्ष नहीं करता। अध्याय देखेंनवीन हिंदी बाइबल9 हे स्वामियो, तुम भी उन्हें धमकाना छोड़कर उनके साथ ऐसा ही व्यवहार करो; क्योंकि तुम जानते हो कि उनका और तुम्हारा स्वामी स्वर्ग में है और वह पक्षपात नहीं करता। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल9 जो स्वामी हैं, वे भी दासों के साथ ऐसा ही व्यवहार करें और उन्हें डराना-धमकाना छोड़ दें, यह ध्यान रखते हुए कि तुम्हारे व दासों दोनों ही के स्वामी स्वर्ग में हैं, जिनके स्वभाव में किसी भी प्रकार का भेद-भाव नहीं है. अध्याय देखें |
स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है, ‘तब मैं अदालत में तुम्हारे सम्मुख उपस्थित होऊंगा। मैं इन सब लोगों के विरुद्ध तुरन्त साक्षी दूंगा: झाड़-फूंक करनेवाले ओझा, व्यभिचारी, झूठी शपथ खानेवाले, मजदूर की मजदूरी दबानेवाले, विधवाओं और अनाथों पर अत्याचार करनेवाले, प्रवासी के अधिकारों को छीननेवाले और मुझसे न डरनेवाले।
अब यदि तुम नरसिंगे, बांसुरी, वीणा, सारंगी, सितार, शहनाई और अन्य सब प्रकार के वाद्यों का स्वर सुनकर मेरे द्वारा स्थापित मूर्ति के सम्मुख गिरकर उसका सम्मान करने को तैयार हो, तो ठीक है; तुम्हारा अनिष्ट न होगा। पर यदि तुम मूर्ति के प्रति सम्मान प्रकट नहीं करोगे, तो तुम अविलम्ब धधकती हुई अग्नि की भट्ठी में फेंक दिए जाओगे। तब मैं देखूंगा कि कौन-सा ईश्वर तुम्हें मेरे हाथ से बचाएगा?’
हम तो उन धनी यहूदी-भाइयों के ही रक्त-मांस हैं और हमारे बाल-बच्चे उनके ही बाल-बच्चों के समान हैं। फिर भी हम विवश किए जा रहे हैं कि अपने बाल-बच्चों को उनके पास गुलाम बनाकर रखें। सच पूछो तो हमारी अनेक कन्याएँ उनकी गुलाम बन भी चुकी हैं। हम यह शोषण रोकने में असमर्थ हैं; क्योंकि हमारे खेत और अंगूर-उद्यान उनके हाथों में जा चुके हैं।’