सुलेमान फरात नदी से पलिश्ती देश तक तथा मिस्र देश की सीमा तक आने वाले समस्त राज्यों पर शासन करता था। ये राज्य उसको कर देते थे। ये उसके जीवन-भर उसके अधीन बने रहे।
विलापगीत 1:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जो नगरी लोगों से भरी-पूरी थी, अब वह उजाड़ पड़ी है; वह विधवा के सदृश अकेली हो गई। जो कभी राष्ट्रों में महान थी, जो कभी नगरों में रानी थी, अब वह दासी बन गई, वह दूसरे राज्यों को कर चुकाती है। पवित्र बाइबल एक समय वह था जब यरूशलेम में लोगों की भीड़ थी। किन्तु आज वही नगरी उजाड़ पड़ी हुई हैं! एक समय वह था जब देशों के मध्य यरूशलेम महान नगरी थी! किन्तु आज वही ऐसी हो गयी है जैसी कोई विधवा होती है! वह समय था जब नगरियों के बीच वह एक राजकुमारी सी दिखती थी। किन्तु आज वही नगरी दासी बना दी गयी है। Hindi Holy Bible जो नगरी लोगों से भरपूर थी वह अब कैसी अकेली बैठी हुई है! वह क्यों एक विधवा के समान बन गई? वह जो जातियों की दृष्टि में महान और प्रान्तों में रानी थी, अब क्यों कर देने वाली हो गई है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जो नगरी लोगों से भरपूर थी वह अब कैसी अकेली बैठी हुई है! वह क्यों एक विधवा के समान बन गई? वह जो जातियों की दृष्टि में महान् और प्रान्तों में रानी थी, अब क्यों कर देनेवाली हो गई है। सरल हिन्दी बाइबल कैसी अकेली रह गई है, यह नगरी जिसमें कभी मनुष्यों का बाहुल्य हुआ करता था! कैसा विधवा के सदृश स्वरूप हो गया है इसका, जो राष्ट्रों में सर्वोत्कृष्ट हुआ करती थी! जो कभी प्रदेशों के मध्य राजकुमारी थी आज बंदी बन चुकी है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जो नगरी लोगों से भरपूर थी वह अब कैसी अकेली बैठी हुई है! वह क्यों एक विधवा के समान बन गई? वह जो जातियों की दृष्टि में महान और प्रान्तों में रानी थी, अब क्यों कर देनेवाली हो गई है। |
सुलेमान फरात नदी से पलिश्ती देश तक तथा मिस्र देश की सीमा तक आने वाले समस्त राज्यों पर शासन करता था। ये राज्य उसको कर देते थे। ये उसके जीवन-भर उसके अधीन बने रहे।
जब वह यरूशलेम में राज्य कर रहा था, तब फरओ नको ने हमात क्षेत्र के रिब्लाह नगर में उसको बुलाया और वहां उसे बन्दी बना लिया। फरओ नको ने उसके देश पर जुर्माना किया कि वह नको को तीन हजार पांच सौ किलो चांदी और पैंतीस किलो सोना दे।
यहोयाकीम ने फरओ को सोना-चांदी दिया। उसने, फरओ के आदेश के अनुसार, जुर्माना भरने के लिए जनता पर कर लगाया। वह फरओ नको को देने के लिए प्रत्येक व्यक्ति से उसकी आमदनी के अनुसार कर के रूप में सोना-चांदी लेता था।
राजा सुलेमान फरात नदी से लेकर पलिश्तियों के देश तक के राजाओं पर राज्य करता था। उसके राज्य की सीमा मिस्र देश की सीमा तक फैली हुई थी।
यरूशलेम में शक्तिशाली राजा भी हुए हैं, जिन्होंने फरात नदी के समस्त पश्चिमी प्रदेश पर राज्य भी किया है। उनको उपहार, कर और चुंगी दी जाती थी।
कुछ ऐसे भी लोग थे जिन्होंने यह कहा, ‘महाराज को अपने खेतों और अंगूर-उद्यानों का कर देने के लिए हमने महाजन यहूदी-भाइयों से कर्ज लिया है।
उसकी सर्वोत्तम उपज उन विदेशी राजाओं को प्राप्त हो रही है, जिनको तूने हमारे पाप के दण्डस्वरूप हम पर नियुक्त किया है। वे अपनी इच्छा के अनुसार हमारे शरीर और पशुओं पर अधिकार जताते हैं। प्रभु, हम बड़े संकट में हैं!
जहां विभिन्न कुल, प्रभु के कुल, इस्राएल की साक्षी के अनुसार, प्रभु के नाम की सराहना के लिए जाते हैं।
‘ओ भोर के चमकते तारे, ओ उषा-पुत्र, आकाश से तू कैसे नीचे गिर गया! अरे, तूने तो राष्ट्रों को धूल-धूसरित किया था। अब तू कैसे स्वयं भूमि की धूल चाट रहा है!
अरे कोलाहल भरे नगर, जयजयकार करनेवाले नगर, आनन्द-उत्सव मनानेवाले नगर, तेरे मृतजन तलवार से नहीं मारे गए, और न युद्ध में मारे गए।
तेरे प्रवेश-द्वार विलाप करेंगे; वे शोक मनाएंगे; तू लुटी हुई, विधवा-स्त्री-सी भूमि पर बैठेगी।
तब तू अपने हृदय में यह कहेगी, “इन्हें किसने मेरे लिए उत्पन्न किया है? मैं तो निस्सन्तान और बांझ थी, मैं निर्वासिता और परित्यक्ता थी। किसने इन को पाला है। मैं अकेली थी, ये सब कहाँ से आ गए?” ’
ओ बन्दी यरूशलेम, उठ, और अपने शरीर से धूल झाड़! ओ सियोन के बन्दी नगर-निवासियो, अपनी गरदन का जूआ उतारकर फेंक दो।
पहाड़ों पर उसके पैर कितने सुन्दर दिखाई देते हैं, जो शुभ-सन्देश सुनाने के लिए आता है, जो शांति का सन्देश सुनाता है, जो कुशल-मंगल का समाचार लाता है, जो उद्धार की सूचना देता है, जो सियोन से यह कहता है : ‘तेरा परमेश्वर राजा है!’
मत डर; क्योंकि अब तू लज्जित न होगी। मत घबरा; क्योंकि अब तू अपमानित न होगी। जो अपमान तूने जवानी में सहा था, उसे तू भूल जाएगी। अपने विधवापन का कलंक तुझे याद न रहेगा।
प्रभु यों कहता है : ‘याकूब के स्वागत में उल्लासपूर्वक उच्च स्वर में गाओ। पहाड़ों के शिखरों से ऊंचे स्वर में जय-जयकार करो; प्रभु के इस कार्य के लिए यह घोषित करो; प्रभु की स्तुति करो, और यह कहो, “प्रभु ने इस्राएल के बचे हुए लोगों का, अपने निज लोगों का उद्धार किया।” ’
गदल्याह बेन-अहीकाम ने शपथ खाकर आश्वासन दिया, ‘कसदी जाति के अधीन रहने से आप लोग मत डरिए। आप निश्चिंत होकर देश में रहिए और बेबीलोन के राजा की सेवा कीजिए। तब आपका भला होगा।
नबी यिर्मयाह के पास आए, और उन से यह निवेदन किया, ‘कृपया, हमारा निवेदन स्वीकार कीजिए, और हम-सब बचे हुए लोगों के लिए अपने प्रभु परमेश्वर से प्रार्थना कीजिए (आप स्वयं अपनी आंखों से देख रहे हैं, कि पहले हम संख्या में कितने अधिक थे, और अब कितने थोड़े रह गए हैं।),
‘स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु, इस्राएल का परमेश्वर यों कहता है: जो विपत्तियां मैं यरूशलेम नगर तथा यहूदा प्रदेश के सब नगरों के रहनेवालों पर ढाह चुका हूं, वे तुमने देखी हैं। आज वे स्थान उजाड़ पड़े हैं, और वहां कोई नहीं रहता है।
अत: मैंने उन पर क्रोध और प्रकोप उण्डेल दिया। मैंने यहूदा प्रदेश के नगरों और यरूशलेम के गली-कूचों को अपनी क्रोधाग्नि से भस्म कर दिया। वे उजाड़ और निर्जन हो गए, और आज तक वैसे ही उजाड़ और निर्जन पड़े हैं।
पृथ्वी को तहस-नहस करने वाला हथौड़ा, अब स्वयं कैसे टूट गया! वह टुकड़े-टुकड़े हो गया। विश्व के राष्ट्रों में बेबीलोन कैसा आतंक का कारण बन गया!
प्रभु कहता है, ‘मैं यरूशलेम को खण्डहरों का ढेर और गीदड़ों की मांद बना दूंगा। मैं यहूदा प्रदेश के नगरों को उजाड़ दूंगा, वे निर्जन हो जाएंगे।’
‘मैंने सहायता के लिए अपने प्रेमियों को पुकारा; किन्तु उन्होंने मुझे धोखा दिया। मेरे पुरोहित और धर्मवृद्ध नगर में भूख से मर गए, जब वे प्राण बचाने के लिए भोजन की तलाश में भटक रहे थे।
प्रभु ने सियोन की पुत्री को अपने प्रकोप के मेघों से ढक दिया! उसने इस्राएल के वैभव को आकाश से पृथ्वी पर फेंक दिया! उसने अपने प्रकोप-दिवस पर अपने चरणों की चौकी को स्मरण न रखा।
सियोन की पुत्री के धर्मवृद्ध निराशा में डूबे भूमि पर बैठे हैं। उन्होंने पश्चात्ताप प्रकट करने के लिए अपने-अपने सिर पर राख डाली है, और टाट का वस्त्र पहिना है। यरूशलेम की कन्याएँ भूमि की ओर सिर झुकाकर विलाप कर रही हैं।
सोने का रंग कैसे फीका पड़ गया! शुद्ध सोना कैसे खोटा हो गया! यरूशलेम में पवित्र पत्थर रूपी पुरुष गली- कूचों के छोरों पर मृत पड़े हैं।
स्वतंत्र राष्ट्र का प्रतीक मुकुट हमारे सिर से नीचे गिर गया। धिक्कार है हमें! क्योंकि हमने पाप किया है।
समुद्र-तटीय देशों के सामंत अपने सिंहासन से नीचे उतरेंगे। वे अपनी राजकीय पोशाक और कसीदा कढ़े वस्त्र उतार देंगे। वे डरते और थरथराते हुए शोकवस्त्र पहिनेंगे, और भूमि पर बैठेंगे। वे हर पल कांपते रहेंगे, और तेरे पतन पर आश्चर्य-चकित होंगे।
‘ओ मानव, सोर नगर ने यरूशलेम नगर का मजाक उड़ाया है। उसने यह कहा है, “राष्ट्र-द्वार टूट गया! वह मेरे लिए खुल गया है। यरूशलेम नगर उजड़ गया। उसके विनाश से अब मैं फूलूंगा-फलूंगा।”
‘मैं, स्वामी-प्रभु यों कहता हूँ: यही स्थिति यरूशलेम नगर की है। मैंने उसको राष्ट्रों के मध्य स्थित किया था। उसके चारों ओर अन्य देश बसे हुए थे।
मैं तुम्हारे नगर उजाड़ दूंगा, तुम्हारे पवित्र-स्थानों को निर्जन बना दूंगा। मैं तुम्हारी बलि की सुखद सुगन्ध नहीं सूंघूंगा।
मैं तुम्हें अनेक राष्ट्रों में तितर-बितर करूंगा और तुम्हारे विरुद्ध स्वयं मैं म्यान से तलवार निकालूंगा। तुम्हारा देश निर्जन हो जाएगा। तुम्हारे नगर उजाड़ हो जाएंगे।
यह वैभवपूर्ण नगरी है। इसे अपनी सुरक्षा पर विश्वास था। यह अपने हृदय में सोचती थी: ‘बस मैं ही हूं, मेरे समान कोई अन्य नगरी नहीं है।’ इसका कैसा विनाश हुआ! यह जंगली पशुओं की मांद बन गई। यहां से गुजरनेवाले थू-थू करते हैं, वे हाथों से उपेक्षा जताते हैं।
उसने जितनी डींग मारी और जितना भोगविलास किया है, उसे उतनी यन्त्रणा और उतना शोक दो। वह अपने मन में यह कहती है, ‘मैं रानी की तरह सिंहासन पर विराजमान हूँ। मैं विधवा नहीं हूँ और कभी शोक नहीं मनाऊंगी।’