लैव्यव्यवस्था 26:31 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)31 मैं तुम्हारे नगर उजाड़ दूंगा, तुम्हारे पवित्र-स्थानों को निर्जन बना दूंगा। मैं तुम्हारी बलि की सुखद सुगन्ध नहीं सूंघूंगा। अध्याय देखेंपवित्र बाइबल31 मैं तुम्हारे नगरों को नष्ट करूँगा। मैं ऊँचे पवित्र स्थानों को खाली कर दूँगा। मैं तुम्हारी भेंटों की मधुर सुगन्ध को नहीं लूँगा। अध्याय देखेंHindi Holy Bible31 और मैं तुम्हारे नगरों को उजाड़ दूंगा, और तुम्हारे पवित्र स्थानों को उजाड़ दूंगा, और तुम्हारा सुखदायक सुगन्ध ग्रहण न करूंगा। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)31 और मैं तुम्हारे नगरों को उजाड़ दूँगा, और तुम्हारे पवित्रस्थानों को उजाड़ दूँगा, और तुम्हारा सुखदायक सुगन्ध ग्रहण न करूँगा। अध्याय देखेंनवीन हिंदी बाइबल31 मैं तुम्हारे नगरों को उजाड़ दूँगा, और तुम्हारे पवित्रस्थानों को खंडहर बना दूँगा, तथा तुम्हारी सुखदायक सुगंध-बलि ग्रहण न करूँगा। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल31 मैं तुम्हारे नगरों को भी उजाड़ दूंगा और तुम्हारे पवित्र स्थानों को सूना कर दूंगा, मैं तुम्हारी सुखद-सुगंध को स्वीकार नहीं करूंगा. अध्याय देखें |
तूने हृदय से पश्चात्ताप किया। तूने मेरे सम्मुख, अपने प्रभु के सम्मुख, स्वयं को विनम्र बनाया। तूने यह सुना कि मैंने इस स्थान के विरुद्ध, इसके निवासियों के विरुद्ध यह कहा है, कि मैं उनको घृणा और उपहास का पात्र बना दूंगा। तब तूने पश्चात्ताप प्रकट करने के लिए अपने वस्त्र फाड़े, और मेरे सम्मुख रोया। सुन, मैं-प्रभु, यह कहता हूँ : मैंने तेरी प्रार्थना सुनी।
‘जो आराधक बलि चढ़ाने के लिए बैल का वध करता है, वह मानो मनुष्य की हत्या करता है; जो आराधक मेमने की बलि करता है वह मानो कुत्ते की गरदन तोड़ता है; जो आराधक अन्न-बलि चढ़ाता है, वह मानो सूअर का रक्त अर्पित करता है; जो आराधक ‘स्मृति-बलि’ में लोबान जलाता है वह मानो मूर्ति की पूजा करता है। ऐसे आराधक आराधना की अपनी ही पद्धति चुनते हैं, उनके प्राण ऐसी ही घृणित आराधना से प्रसन्न होते हैं।
जब वे तुझ से पूछेंगे, “आप क्यों दु:ख मना रहे हैं?” तब तू उनको बताना, “समाचार के कारण; क्योंकि ऐसी घटना घटनेवाली है जिसको देखकर सब लोगों का हृदय कांप उठेगा, उनके हाथ सुन्न पड़ जाएंगे। वे भय से मूच्छिर्त हो जाएंगे। वे अपने पैरों पर खड़े न हो सकेंगे। देखो, महाविनाश आ रहा है। यह विनाशकारी घटना अवश्य घटेगी,” स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।’
“ओ मानव, तू इस्राएल के वंशजों से यह कह, स्वामी-प्रभु यों कहता है: मेरा पवित्र स्थान तुम्हारे लिए अत्यन्त प्रिय है। वह तुम्हारी आंखों का तारा है। तुम्हारा प्राण-प्रिय है। तुम उसके बल पर गर्व करते हो। मैं अपने उस पवित्र स्थान को अशुद्ध कर दूंगा। जिन पुत्र-पुत्रियों को तुम वहां छोड़ आए हो, वे शत्रु की तलवार से मौत के घाट उतारे जाएंगे।
तुम्हारे जितने आबाद नगर हैं, वे सब उजड़ जाएंगे, तुम्हारे पहाड़ी शिखर के पूजागृह खण्डहर हो जाएंगे, और यों तुम्हारी वेदियां उजाड़ और ध्वस्त हो जाएंगी, तुम्हारी मूर्तियां तोड़ी जाएंगी, तुम्हारी सूर्य की प्रतिमाएं टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगी, और यों तुम्हारे हाथ की ये रचनाएं भूमि की सतह से मिट जाएंगी।