ऐसे ही जो शब्द मेरे मुंह से निकलता है, वह मेरे पास खाली नहीं लौटेगा; वरन् जिस उद्देश्य से मैंने उसको उच्चारा था, वह उसको पूरा करेगा; जिसके लिए मैंने उसको भेजा था, वह उसको सफल करेगा।’
रोमियों 9:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) फिर भी यह नहीं समझना चाहिए कि परमेश्वर का वचन रद्द हो गया है; क्योंकि इस्राएल के वंश में उत्पन्न सभी लोग सच्चे इस्राएली नहीं हैं पवित्र बाइबल ऐसा नहीं है कि परमेश्वर ने अपना वचन पूरा नहीं किया है क्योंकि जो इस्राएल के वंशज हैं, वे सभी इस्राएली नहीं है। Hindi Holy Bible परन्तु यह नहीं, कि परमेश्वर का वचन टल गया, इसलिये कि जो इस्त्राएल के वंश हैं, वे सब इस्त्राएली नहीं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु यह नहीं कि परमेश्वर का वचन टल गया, इसलिये कि जो इस्राएल के वंश हैं, वे सब इस्राएली नहीं; नवीन हिंदी बाइबल परंतु ऐसा नहीं कि परमेश्वर का वचन विफल हो गया है। जो इस्राएल के वंशज हैं, वे सब इस्राएली नहीं; सरल हिन्दी बाइबल क्या परमेश्वर की प्रतिज्ञा विफल हो गयी? नहीं! वास्तविक इस्राएली वे सभी नहीं, जो इस्राएल के वंशज हैं इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु यह नहीं, कि परमेश्वर का वचन टल गया, इसलिए कि जो इस्राएल के वंश हैं, वे सब इस्राएली नहीं; |
ऐसे ही जो शब्द मेरे मुंह से निकलता है, वह मेरे पास खाली नहीं लौटेगा; वरन् जिस उद्देश्य से मैंने उसको उच्चारा था, वह उसको पूरा करेगा; जिसके लिए मैंने उसको भेजा था, वह उसको सफल करेगा।’
परमेश्वर मनुष्य नहीं है कि वह झूठ बोले, और न वह मनुष्य का पुत्र है कि पश्चात्ताप करे! जो उसने कहा, क्या वह उसको न करे? जो वह बोले, क्या वह उसको पूर्ण न करे?
येशु ने नतनएल को अपने पास आते देखा, तो उसके विषय में कहा, “देखो, यह एक सच्चा इस्राएली है। इस में कोई कपट नहीं।”
जिन को परमेश्वर का सन्देश दिया गया था, यदि व्यवस्था ने उन को ईश्वर कहा − और धर्मग्रन्थ की बात टल नहीं सकती −
यदि यहूदियों में कुछ अविश्वासी निकले, तो क्या हुआ? क्या उनका अविश्वास परमेश्वर की विश्वसनीयता नष्ट कर देगा?
वे इस्राएली हैं। परमेश्वर ने उन्हें गोद लिया था। उन्हें परमेश्वर के सान्निध्य की महिमा प्राप्त हुई। परमेश्वर ने उनके साथ विधानों की स्थापना की तथा उन्हें मूसा की व्यवस्था प्रदान की है। उन्हें उपासना-विधि तथा प्रतिज्ञाएँ मिली हैं।
सच पूछिए तो “खतने वाले” हम हैं; हम परमेश्वर के आत्मा से प्रेरित हो कर उपासना करते हैं और बाह्य प्रथाओं पर नहीं, बल्कि येशु मसीह पर गर्व करते हैं-
यदि हम विश्वास न करें, तो भी वह विश्वसनीय बने रहते हैं; क्योंकि वह अपने स्वभाव के विरुद्ध नहीं जा सकते।”