वहां मैंने उनको अपनी संविधियां प्रदान कीं। मैं उनको अपने न्याय-सिद्धान्त बताए, जिनके अनुसार आचरण करने पर मनुष्य जीवित रहता है।
रोमियों 7:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) और मैं मर गया। इस प्रकार वह आज्ञा, जिसे जीवन की ओर ले जाना चाहिए था, मेरे लिए मृत्यु का कारण बनी; पवित्र बाइबल और मैं मर गया। वही व्यवस्था का आदेश जो जीवन देने के लिए था, मेरे लिए मृत्यु ले आया। Hindi Holy Bible और वही आज्ञा जो जीवन के लिये थी; मेरे लिये मृत्यु का कारण ठहरी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और वही आज्ञा जो जीवन के लिये थी, मेरे लिये मृत्यु का कारण ठहरी। नवीन हिंदी बाइबल और मैंने पाया कि जो आज्ञा जीवन के लिए थी, वह मृत्यु का कारण हुई; सरल हिन्दी बाइबल और मेरी मृत्यु हो गई, और वह आज्ञा जिससे मुझे जीवित होना था, मेरी मृत्यु का कारण बनी इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और वही आज्ञा जो जीवन के लिये थी, मेरे लिये मृत्यु का कारण ठहरी। (लैव्य. 18:5) |
वहां मैंने उनको अपनी संविधियां प्रदान कीं। मैं उनको अपने न्याय-सिद्धान्त बताए, जिनके अनुसार आचरण करने पर मनुष्य जीवित रहता है।
लेकिन इस्राएल के वंशजों ने निर्जन प्रदेश में मुझ से विद्रोह किया। उन्होंने मेरी संविधियों के अनुरूप आचरण नहीं किया, बल्कि मेरे न्याय-सिद्धान्तों को ताक पर रख दिया, जिनके अनुरूप आचरण करने से मनुष्य जीवित रहता है। उन्होंने मेरे विश्राम-दिवस की घोर उपेक्षा कर उसको अपवित्र कर दिया। ‘अत: मैंने सोचा कि मैं उनको निर्जन प्रदेश में दण्ड देने के लिए उन पर अपनी क्रोधाग्नि की वर्षा करूंगा और उनको पूर्णत: नष्ट कर दूंगा।
‘किन्तु इस्राएलियों की नई पीढ़ी ने भी मुझसे विद्रोह किया। उन्होंने मेरी संविधियों के अनुरूप आचरण नहीं किया। मेरे न्याय-सिद्धान्तों का पालन करने में तत्परता नहीं दिखाई, जिनका पालन करके मनुष्य जीवित रहता है। उन्होंने मेरे विश्राम-दिवस को अपवित्र किया। ‘अत: मैंने निश्चय किया कि मैं उनको दण्ड देने के लिए निर्जन प्रदेश में उन पर अपनी क्रोधाग्नि की वर्षा करूंगा, मैं उन पर घातक प्रहार करूंगा।
तुम मेरी संविधियों एवं न्याय-सिद्धान्तों का पालन करना; क्योंकि उनको मानने से मनुष्य जीवित रहेगा। मैं प्रभु हूँ।
मूसा व्यवस्था पर आधारित धार्मिकता के विषय में लिखते हैं, “जो मनुष्य इन बातों का पालन करेगा, उसे इनके द्वारा जीवन प्राप्त होगा।”
क्योंकि व्यवस्था का परिणाम परमेश्वर का प्रकोप है, जब कि व्यवस्था के अभाव में किसी आज्ञा का उल्लंघन नहीं होता।
एक समय था, जब व्यवस्था नहीं थी और मैं जीवित था। किन्तु आज्ञा के आने से पाप जीवित हुआ
यदि मृत्यु-जनक व्यवस्था का सेवाकार्य, जो पत्थरों पर अक्षर अंकित करने में संपन्न हुआ, इतना तेजस्वी था कि इस्राएली लोग मूसा के मुख के तेज के कारण-जो क्रमश: क्षीण हो रहा था-उनके मुख पर दृष्टि स्थिर नहीं कर सके,
और व्यवस्था का विश्वास से कोई सम्बन्ध नहीं है; क्योंकि उसमें लिखा है, “जो इन बातों का पालन करेगा, उसे इन्हीं के द्वारा जीवन प्राप्त होगा।”