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रोमियों 10:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

मूसा व्‍यवस्‍था पर आधारित धार्मिकता के विषय में लिखते हैं, “जो मनुष्‍य इन बातों का पालन करेगा, उसे इनके द्वारा जीवन प्राप्‍त होगा।”

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पवित्र बाइबल

धार्मिकता के बारे में जो व्यवस्था से प्राप्त होती है, मूसा ने लिखा है, “जो व्यवस्था के नियमों पर चलेगा, वह उनके कारण जीवित रहेगा।”

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Hindi Holy Bible

क्योंकि मूसा ने यह लिखा है, कि जो मनुष्य उस धामिर्कता पर जो व्यवस्था से है, चलता है, वह इसी कारण जीवित रहेगा।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

क्योंकि मूसा ने यह लिखा है कि जो मनुष्य उस धार्मिकता पर जो व्यवस्था से है, चलता है, वह उसी से जीवित रहेगा।

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नवीन हिंदी बाइबल

मूसा उस धार्मिकता के विषय में जो व्यवस्था से है, लिखता है : जो उनका पालन करता है वह मनुष्य उनके द्वारा जीवित रहेगा।

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सरल हिन्दी बाइबल

मोशेह के अनुसार व्यवस्था पर आधारित धार्मिकता है, जो इनका अनुसरण करेगा, वह इनके कारण जीवित रहेगा.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

क्योंकि मूसा व्यवस्था से प्राप्त धार्मिकता के विषय में यह लिखता है: “जो व्यक्ति उनका पालन करता है, वह उनसे जीवित रहेगा।” (लैव्य. 18:5)

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रोमियों 10:5
11 क्रॉस रेफरेंस  

तूने उन्‍हें चेतावनी दी थी कि वे तेरी धर्म-व्‍यवस्‍था की ओर उन्‍मुख हों। पर उन्‍होंने तेरी प्रति धृष्‍ट व्‍यवहार किया, और तेरी आज्ञाओं का पालन नहीं किया। जिन न्‍याय-सिद्धान्‍तों का पालन करने से मनुष्‍य को जीवन प्राप्‍त होता है, उनका उल्‍लंघन कर उन्‍होंने पाप किया। उन न्‍याय-सिद्धान्‍तों के विरुद्ध हठवादी रुख अपनाया : उनको मानने से इन्‍कार कर दिया।


मेरी ओर कान दो, और मेरे पास आओ। मेरी बात सुनो, ताकि तुम्‍हारा प्राण जीवित रहे। तब मैं दाऊद के प्रति अपनी अटूट करुणा के कारण तुम्‍हारे साथ शाश्‍वत विधान स्‍थापित करूंगा।


वहां मैंने उनको अपनी संविधियां प्रदान कीं। मैं उनको अपने न्‍याय-सिद्धान्‍त बताए, जिनके अनुसार आचरण करने पर मनुष्‍य जीवित रहता है।


लेकिन इस्राएल के वंशजों ने निर्जन प्रदेश में मुझ से विद्रोह किया। उन्‍होंने मेरी संविधियों के अनुरूप आचरण नहीं किया, बल्‍कि मेरे न्‍याय-सिद्धान्‍तों को ताक पर रख दिया, जिनके अनुरूप आचरण करने से मनुष्‍य जीवित रहता है। उन्‍होंने मेरे विश्राम-दिवस की घोर उपेक्षा कर उसको अपवित्र कर दिया। ‘अत: मैंने सोचा कि मैं उनको निर्जन प्रदेश में दण्‍ड देने के लिए उन पर अपनी क्रोधाग्‍नि की वर्षा करूंगा और उनको पूर्णत: नष्‍ट कर दूंगा।


‘किन्‍तु इस्राएलियों की नई पीढ़ी ने भी मुझसे विद्रोह किया। उन्‍होंने मेरी संविधियों के अनुरूप आचरण नहीं किया। मेरे न्‍याय-सिद्धान्‍तों का पालन करने में तत्‍परता नहीं दिखाई, जिनका पालन करके मनुष्‍य जीवित रहता है। उन्‍होंने मेरे विश्राम-दिवस को अपवित्र किया। ‘अत: मैंने निश्‍चय किया कि मैं उनको दण्‍ड देने के लिए निर्जन प्रदेश में उन पर अपनी क्रोधाग्‍नि की वर्षा करूंगा, मैं उन पर घातक प्रहार करूंगा।


तुम मेरी संविधियों एवं न्‍याय-सिद्धान्‍तों का पालन करना; क्‍योंकि उनको मानने से मनुष्‍य जीवित रहेगा। मैं प्रभु हूँ।


और मैं मर गया। इस प्रकार वह आज्ञा, जिसे जीवन की ओर ले जाना चाहिए था, मेरे लिए मृत्‍यु का कारण बनी;


और व्‍यवस्‍था का विश्‍वास से कोई सम्‍बन्‍ध नहीं है; क्‍योंकि उसमें लिखा है, “जो इन बातों का पालन करेगा, उसे इन्‍हीं के द्वारा जीवन प्राप्‍त होगा।”


‘अब, ओ इस्राएल, जो संविधि और न्‍याय-सिद्धान्‍त पालन करने के लिए आज मैं तुम्‍हें सिखाऊंगा, उनको तुम सुनना, जिससे तुम जीवित रह सको और उस देश में प्रवेश कर उस पर अधिकार कर सको, जो तुम्‍हारे पूर्वजों का प्रभु परमेश्‍वर तुम्‍हें दे रहा है।


और उनके साथ पूर्ण रूप से एक हो जाऊं। मुझे अपनी धार्मिकता का नहीं, जो व्‍यवस्‍था के पालन से मिलती है, बल्‍कि उस धार्मिकता का भरोसा है, जो मसीह में विश्‍वास करने से मिलती है। उस धार्मिकता का उद्गम परमेश्‍वर है और उसका आधार विश्‍वास है।