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यूहन्ना 11:19 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

इसलिए भाई की मृत्‍यु पर संवेदना प्रकट करने के लिए यहूदा प्रदेश के बहुत-से लोग मार्था और मरियम से मिलने आए थे।

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पवित्र बाइबल

भाई की मृत्यु पर मारथा और मरियम को सांत्वना देने के लिये बहुत से यहूदी नेता आये थे।

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Hindi Holy Bible

और बहुत से यहूदी मारथा और मरियम के पास उन के भाई के विषय में शान्ति देने के लिये आए थे।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

बहुत से यहूदी मार्था और मरियम के पास उनके भाई की मृत्यु पर शान्ति देने के लिये आए थे।

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नवीन हिंदी बाइबल

बहुत से यहूदी मार्था और मरियम के पास आए थे ताकि उन्हें उनके भाई के विषय में सांत्वना दें।

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सरल हिन्दी बाइबल

अनेक यहूदी अगुएं मार्था और मरियम के पास उनके भाई की मृत्यु पर शांति देने आ गए थे.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

और बहुत से यहूदी मार्था और मरियम के पास उनके भाई के विषय में शान्ति देने के लिये आए थे।

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यूहन्ना 11:19
28 क्रॉस रेफरेंस  

उसके पुत्र-पुत्रियों ने उन्‍हें सान्‍त्‍वना देने का प्रयत्‍न किया। किन्‍तु उन्‍होंने सान्‍त्‍वना स्‍वीकार नहीं की। वह कहते रहे, ‘नहीं, मैं अपने पुत्र के पास शोक करता हुआ अधोलोक जाऊंगा।’ इस प्रकार यूसुफ के पिता ने उसके लिए विलाप किया।


दाऊद ने यह सोचा, ‘जैसे हानून के पिता ने मुझसे प्रेमपूर्ण व्‍यवहार किया था, वैसे ही मैं उसके साथ करूँगा।’ अत: दाऊद ने उसके पिता की मृत्‍यु के विषय में अपने दरबारियों के हाथ संवेदना-सन्‍देश भेजा। दाऊद के दरबारी अम्‍मोन देश में आए।


तब उनके साहसी पुरुष उठे। वे गए। उन्‍होंने शाऊल, तथा उसके पुत्रों के शव उठाए, और उनको याबेश नगर ले गए। तत्‍पश्‍चात् उन्‍होंने शाऊल और उसके पुत्रों की अस्‍थियां याबेश नगर में बांज वृक्ष के नीचे गाड़ दीं। उन्‍होंने सात दिन तक उपवास किया।


अय्‍यूब के तीन मित्र थे : तेमान नगर का रहनेवाला एलीपज, शूही वंश का बिलदद और नामाह नगर का निवासी सोपर। जब उन्‍होंने सुना कि अय्‍यूब पर विपत्तियाँ टूट पड़ी हैं, तब वे अपने-अपने घर से निकले। उन्‍होंने निश्‍चय किया कि वे अय्‍यूब के साथ शोक प्रकट करने और उसको शान्‍ति देने के लिए एक-साथ जाएँगे।


तब अय्‍यूब के सब भाई-बहिन और सब पूर्व-परिचित लोग उसके पास आए; और उन्‍होंने उसके घर में उसके साथ भोजन किया। जो विपत्ति प्रभु ने अय्‍यूब पर डाली थी, उसके लिए उन्‍होंने अय्‍यूब के प्रति सहानुभूति प्रदर्शित की, और उसको सांत्‍वना दी। भेंट के रूप में उन्‍होंने अय्‍यूब को एक-एक अशर्फी और सोने की एक-एक अंगूठी दी।


भोज के उत्‍सव में सम्‍मिलित होने की अपेक्षा मृत्‍यु-शोक से पीड़ित परिवार में जाना अच्‍छा है, क्‍योंकि मृत्‍यु ही सब मनुष्‍यों का अन्‍त है। अत: जीवित व्यक्‍ति गम्‍भीरतापूर्वक अपने अन्‍त पर विचार करेगा।


ये दो विपत्तियाँ तुझ पर टूटीं: तबाही और विनाश; अकाल और शत्रु का आक्रमण! कौन तेरे प्रति सहानुभूति प्रकट करेगा? कौन तुझे शान्‍ति देगा?


‘मैं इन बातों के कारण रोती हूं; मेरी आंखों से आंसू की धारा बहती है। वह मुझमें साहस फूंकता था, वह मुझसे दूर चला गया है। मेरे बच्‍चे बेघर हो गए हैं; क्‍योंकि शत्रु मुझ पर प्रबल हुआ है।’


वह रात में फूट-फूटकर रोती है। उसके गालों पर आंसू बहते हैं। उसके अनेक चाहनेवाले थे, पर अब उनमें से एक भी उसको सांत्‍वना नहीं देता, उसके मित्रों ने उसके साथ विश्‍वासघात किया। वे उसके शत्रु बन गए।


‘वे सुनते हैं कि मैं पीड़ा से कराहती हूं, पर कोई मुझे सांत्‍वना नहीं देता। मेरे सब शत्रुओं ने मेरे संकट के विषय में सुना; प्रभु, वे प्रसन्न हैं कि तूने मुझे संकट में डाला। जिस दिन की तूने घोषणा की है वह दिन अविलम्‍ब ला, ताकि मेरे शत्रु भी मुझ जैसे दु:ख भोगें।


उसकी अशुद्धता उसके कपड़ों पर लिपटी है। उसने अपने अंत का विचार भी न किया। अत: वह विस्‍मित ढंग से पतन के गड्ढे में गिर पड़ी! उसे सांत्‍वना देनेवाला भी कोई नहीं है। ‘हे प्रभु, मेरे कष्‍टों को देख; क्‍योंकि शत्रु मुझ पर प्रबल हो गया!’


ओ यरूशलेम की पुत्री! मैं तेरे विषय में क्‍या कहूं? मैं तेरी तुलना किससे करूं? ओ सियोन की कुंआरी कन्‍या, तुझे धैर्य बंधाने के लिए मैं तेरी समता किससे करूं? तेरा दु:ख सागर के सदृश अपार है; कौन तुझे तेरे दु:ख से उबार सकता है?


उसकी मरियम नामक एक बहिन थी। वह प्रभु येशु के चरणों में बैठ कर येशु की शिक्षा सुन रही थी।


जबकि केवल एक ही बात आवश्‍यक है। मरियम ने उस सर्वोत्तम भाग को चुना है। वह उससे नहीं छीना जाएगा।”


योहन की साक्षी यह है : जब यहूदी धर्म-गुरुओं ने यरूशलेम से पुरोहितों और लेवियों को योहन के पास यह पूछने भेजा कि आप कौन हैं,


लाजर नामक एक व्यक्‍ति बीमार पड़ गया। वह मरियम और उसकी बहिन मार्था के गाँव बेतनियाह का निवासी था।


जो लोग संवेदना प्रकट करने के लिए मरियम के साथ घर में थे, वे यह देख कर कि वह अचानक उठ कर बाहर चली गयी, उसके पीछे हो लिये; क्‍योंकि उन्‍होंने समझा कि वह कबर पर रोने जा रही है।


येशु, उसे और उसके साथ आए हुए लोगों को रोते देख कर, बहुत व्‍याकुल हो उठे और गहरी साँस ले कर


इस पर लोगों ने कहा, देखो! यह उसे कितना प्‍यार करते थे”;


जो लोग मरियम से मिलने आए थे और जिन्‍होंने येशु का यह कार्य देखा, उनमें से बहुतों ने येशु में विश्‍वास किया।


शिष्‍य बोले, “गुरुवर! कुछ ही दिन पहले वहाँ के लोग आप को पत्‍थरों से मार डालना चाहते थे और आप फिर वहीं जा रहे हैं?”


आनन्‍द मनाने वालों के साथ आनन्‍द मनायें, रोने वालों के साथ रोयें।


वह सब कष्‍टों में हमें सान्‍त्‍वना देता रहता है, जिससे परमेश्‍वर की ओर से हमें जो सान्‍त्‍वना मिलती है, उसी के द्वारा हम दूसरों को भी, उनके हर प्रकार के कष्‍ट में सान्‍त्‍वना देने के लिए, समर्थ हो जायें;


आप इन बातों की चर्चा करते हुए एक दूसरे को सान्‍त्‍वना दिया करें।


इसलिए आप परस्‍पर प्रोत्‍साहन दीजिए और एक दूसरे का आध्‍यात्‍मिक निर्माण कीजिए, जैसा कि आप कर भी रहे हैं।


उन्‍होंने राख में से मृतकों की अस्‍थियाँ निकालीं, और उनको याबेश नगर में झाऊ वृक्ष के नीचे गाड़ दिया। उन्‍होंने शोक प्रकट करने के लिए सात दिन तक उपवास किया।