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1 इतिहास 10:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

12 तब उनके साहसी पुरुष उठे। वे गए। उन्‍होंने शाऊल, तथा उसके पुत्रों के शव उठाए, और उनको याबेश नगर ले गए। तत्‍पश्‍चात् उन्‍होंने शाऊल और उसके पुत्रों की अस्‍थियां याबेश नगर में बांज वृक्ष के नीचे गाड़ दीं। उन्‍होंने सात दिन तक उपवास किया।

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पवित्र बाइबल

12 याबेश के सभी वीर पुरुष शाऊल और उसके पुत्रों का शव लेने गए। वे उन्हें याबेश में शाउल और उसके पुत्रों का शव लेने गए। वे उन्हे याबेश में वापस ले आए। उन वीर पूरुषों ने शाउल और उसके पुत्रों की अस्थियों को, याबेश में एक विशाल पेड़ के नीचे दफनाया। तब उन्होंने अपना दुःख प्रकट किया और सात दिन तक उपवास रखा।

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Hindi Holy Bible

12 तब सब शूरवीर चले और शाऊल और उसके पुत्रों की लोथें उठा कर याबेश में ले आए, और उनकी हड्डियों को याबेश में एक बांज वृक्ष के तले गाड़ दिया और सात दिन तक अनशन किया।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

12 तब सब शूरवीर चले और शाऊल और उसके पुत्रों के शवों को उठाकर याबेश में ले आए, और उनकी हड्डियों को याबेश में एक बांज वृक्ष के नीचे गाड़ दिया और सात दिन तक उपवास किया।

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सरल हिन्दी बाइबल

12 सारे वीर योद्धा इकट्ठा हो गए और जाकर शाऊल के और उसके पुत्रों के शव उठाकर याबेश नगर को ले आए. उन्होंने इन शवों की अस्थियों को याबेश नगर के बांज पेड़ के नीचे गाड़ दिया और उनके लिए सात दिन तक उपवास रखा.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

12 तब सब शूरवीर चले और शाऊल और उसके पुत्रों के शवों को उठाकर याबेश में ले आए, और उनकी हड्डियों को याबेश में एक बांज वृक्ष के तले गाड़ दिया और सात दिन तक उपवास किया।

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1 इतिहास 10:12
10 क्रॉस रेफरेंस  

वे चलते-चलते शकेम नामक स्‍थान पर पहुँचे जहाँ ‘मोरे का पवित्र बांज वृक्ष’ है। उस समय कनानी जाति उस देश में रहती थी।


रिबका की धाय दबोरा की मृत्‍यु हो गई। उसे बेत-एल नगर के निचले भाग में एक सिन्‍दूर वृक्ष के नीचे गाड़ा गया। फलत: उस स्‍थान का नाम ‘अल्‍लोन् बकूत’ पड़ा।


जब वे यर्दन नदी के किनारे पर स्‍थित ‘आटद का खलियान’ नामक स्‍थान पर पहुँचे, तब उन्‍होंने अत्‍यन्‍त शोक मनाया। यूसुफ ने भी अपने पिता के लिए सात दिन तक शोक किया।


अभी दिन का समय था। लोग दाऊद को भोजन कराने के लिए आए। परन्‍तु दाऊद ने यह शपथ खाई, ‘यदि मैं सूर्यास्‍त के पहले भोजन अथवा अन्‍य वस्‍तु खाऊं तो परमेश्‍वर मेरे साथ अपनी इच्‍छा के अनुसार कठोर व्‍यवहार करे।’


जो व्‍यवहार पलिश्‍तियों ने शाऊल के साथ किया था, उसको याबेश-गिलआद नगर के निवासियों ने सुना।


इसलिए भाई की मृत्‍यु पर संवेदना प्रकट करने के लिए यहूदा प्रदेश के बहुत-से लोग मार्था और मरियम से मिलने आए थे।


अम्‍मोनी जाति के राजा नाहश ने याबेश-गिलआद नगर पर चढ़ाई कर दी। उसने नगर को घेर लिया। याबेश नगर के सब नागरिकों ने नाहश से कहा, ‘हमारे साथ सन्‍धि कीजिए। हम आपकी गुलामी करेंगे।’


शाऊल ने आगन्‍तुक दूतों से कहा, ‘तुम याबेश-गिलआद के नागरिकों से यह कहना: “कल, दोपहर तक तुम्‍हें मदद पहुँच जाएगी।” ’ दूत याबेश नगर में आए। उन्‍होंने लोगों को शाऊल का सन्‍देश बताया, तो वे आनन्‍दित हो गए।


तब सब योद्धा उठे। वे रात भर चलते हुए बेतशान पहुँचे। उन्‍होंने शहरपनाह से शाऊल और उसके तीनों पुत्रों की लाशें उतार लीं और याबेश नगर को लौट आए, और वहाँ लाशें जला दीं।


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