योहन साक्षी देने के लिए आए, कि वह ज्योति के विषय में साक्षी दें, जिससे सब लोग उनके द्वारा विश्वास करें।
यूहन्ना 1:19 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) योहन की साक्षी यह है : जब यहूदी धर्म-गुरुओं ने यरूशलेम से पुरोहितों और लेवियों को योहन के पास यह पूछने भेजा कि आप कौन हैं, पवित्र बाइबल जब यरूशलेम के यहूदियों ने उसके पास लेवियों और याजकों को यह पूछने के लिये भेजा, “तुम कौन हो?” Hindi Holy Bible यूहन्ना की गवाही यह है, कि जब यहूदियों ने यरूशलेम से याजकों और लेवीयों को उस से यह पूछने के लिये भेजा, कि तू कौन है? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यूहन्ना की गवाही यह है, कि जब यहूदियों ने यरूशलेम से याजकों और लेवियों को उससे यह पूछने के लिये भेजा, “तू कौन है?” नवीन हिंदी बाइबल यूहन्ना की साक्षी यह है : जब यहूदियों ने यरूशलेम से उसके पास याजकों और लेवियों को यह पूछने के लिए भेजा, “तू कौन है?” सरल हिन्दी बाइबल जब यहूदी अगुओं ने येरूशलेम से पुरोहितों और लेवियों को योहन से यह पूछने भेजा, “तुम कौन हो?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यूहन्ना की गवाही यह है, कि जब यहूदियों ने यरूशलेम से याजकों और लेवियों को उससे यह पूछने के लिये भेजा, “तू कौन है?” |
योहन साक्षी देने के लिए आए, कि वह ज्योति के विषय में साक्षी दें, जिससे सब लोग उनके द्वारा विश्वास करें।
यहूदी धर्मगुरुओं ने उन्हें घेर लिया और कहा, “आप हमें कब तक असमंजस में रखे रहेंगे? यदि आप मसीह हैं, तो हमें स्पष्ट शब्दों में बता दीजिए।”
इसलिए भाई की मृत्यु पर संवेदना प्रकट करने के लिए यहूदा प्रदेश के बहुत-से लोग मार्था और मरियम से मिलने आए थे।
यहूदी धर्मगुरुओं ने येशु से कहा, “आप हमें कौन-सा आश्चर्यपूर्ण चिह्न दिखा सकते हैं, जिससे हम यह जानें कि आप को ऐसा करने का अधिकार है?”
इस पर उन यहूदियों ने कहा, “इस मन्दिर के निर्माण में छियालीस वर्ष लगे, और आप इसे तीन दिन में खड़ा कर देंगे?”
इसलिए यहूदी धर्मगुरुओं ने स्वस्थ हुए व्यक्ति से कहा, “आज विश्राम का दिन है। बिस्तर उठाना तुम्हारे लिए उचित नहीं है।”
उस मनुष्य ने जा कर धर्मगुरुओं को बताया कि जिन्होंने मुझे स्वस्थ किया है, वह येशु हैं।
अब यहूदी धर्माधिकारी उन्हें मार डालने का और भी प्रयत्न करने लगे, क्योंकि वह न केवल विश्राम-दिवस का नियम तोड़ते थे, बल्कि परमेश्वर को अपना पिता कह कर अपने आपको परमेश्वर के बराबर भी बताते थे।
येशु ने कहा था, “स्वर्ग से उतरी हुई रोटी मैं हूँ।” इस पर यहूदी लोग यह कहते हुए भुनभुनाने लगे,
इस पर वे यहूदी लोग आपस में वाद-विवाद करने लगे, “यह हमें खाने के लिए अपनी देह कैसे दे सकता है?”
इसके पश्चात् येशु गलील प्रदेश में भ्रमण करने लगे। वह यहूदा प्रदेश में भ्रमण करना नहीं चाहते थे, क्योंकि यहूदी धर्मगुरु उन्हें मार डालने की ताक में थे।
यहूदी धर्मगुरु आश्चर्य में पड़ गये। उन्होंने कहा, “इसने कभी पढ़ा नहीं। तब इसे शास्त्र का ज्ञान कहाँ से प्राप्त हुआ?”
इस पर यहूदी धर्मगुरुओं ने कहा, “कहीं यह आत्महत्या तो नहीं करेगा? यह तो कहता है, ‘मैं जहाँ जा रहा हूँ, तुम वहाँ नहीं आ सकते।’ ”
यहुदी धर्मगुरुओं ने येशु से कहा, “क्या हमारा यह कहना ठीक नहीं कि तुम सामरी हो और तुम में भूत है?”
धर्मगुरुओं ने कहा, “अब हमें पक्का विश्वास हो गया है कि तुम में भूत है। अब्राहम और नबी मर गये, किन्तु तुम कहते हो, ‘यदि कोई मेरे वचन का पालन करेगा, तो वह कभी मृत्यु का स्वाद नहीं चखेगा।’
धर्मगुरुओं ने उन से कहा, “अभी तुम पचास वर्ष के भी नहीं, और तुम अब्राहम को देख चुके हो!”
अपना जीवन-कार्य पूरा करते समय योहन ने कहा, ‘तुम लोग मुझे जो समझते हो, मैं वह नहीं हूँ। किन्तु देखो, मेरे बाद वह आने वाले हैं, जिनके पैरों के जूते खोलने योग्य भी मैं नहीं हूँ।’
पौलुस ने कहा, “योहन पश्चात्ताप का बपतिस्मा देते थे। वह लोगों से कहते थे कि जो मेरे बाद आने वाले हैं उन पर, अर्थात् येशु पर विश्वास करना।”
‘कुष्ठ रोग लग जाने पर अत्यन्त सावधान रहना! जो निर्देश लेवीय पुरोहित तुझे देंगे, तू उनका पूर्णत: पालन करना और उनके अनुसार कार्य करना। जैसा मैंने लेवीय पुरोहितों को आदेश दिया था, वैसा ही तू उसका पालन करना, और उसके अनुसार कार्य करना।
वह संदेश जो हमने येशु से सुना और अब तुम को भी सुनाते हैं, यह है-परमेश्वर ज्योति है और उस में कोई भी अन्धकार नहीं!