याकूब पद्दन-अराम क्षेत्र से निकलकर कनान देश के शकेम नगर में सकुशल पहुँचा। उसने नगर के सम्मुख पड़ाव डाला।
यिर्मयाह 41:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) शकेम, शीलोह और सामरी नगरों से अस्सी यहूदी आए। उनकी दाढ़ी मुँड़ी हुई थी। वस्त्र फटे हुए थे। उनका सारा शरीर घावों से भरा था। उनके हाथों में अन्नबलि और लोबान था, और वे उनको प्रभु के भवन में चढ़ाने जा रहे थे। Hindi Holy Bible तब शकेम और शीलो और शोमरोन से अस्सी पुरुष डाढ़ी मुड़ाए, वस्त्र फाड़े, शरीर चीरे हुए और हाथ में अन्नबलि और लोबान लिए हुए, यहोवा के भवन में जाने को आते दिखाई दिए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब शकेम और शीलो और शोमरोन से अस्सी पुरुष दाढ़ी मुँड़ाए, वस्त्र फाड़े, शरीर चीरे हुए और हाथ में अन्नबलि और लोबान लिए हुए, यहोवा के भवन में जाने को आते दिखाई दिए। सरल हिन्दी बाइबल शेकेम से, शीलो से तथा शमरिया से अस्सी व्यक्ति वहां पहुंचे, उनकी दाढ़ी मूंड़ी हुई थी, वस्त्र फटे हुए तथा देह पर घाव लगे हुए थे, वे अपने साथ अन्नबलि एवं धूप लेकर आए थे, कि इन्हें याहवेह के भवन में ले जाएं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब शेकेम और शीलो और सामरिया से अस्सी पुरुष दाढ़ी मुँड़ाए, वस्त्र फाड़े, शरीर चीरे हुए और हाथ में अन्नबलि और लोबान लिए हुए, यहोवा के भवन में जाते दिखाई दिए। |
याकूब पद्दन-अराम क्षेत्र से निकलकर कनान देश के शकेम नगर में सकुशल पहुँचा। उसने नगर के सम्मुख पड़ाव डाला।
उस देश के शासक का नाम हमोर था और हमोर के पुत्र का नाम शकेम था। वह हिव्वी जाति का था। जब शकेम ने दीना को देखा तब उसे पकड़ लिया। वह उसके साथ सोया और उसका शीलभंग कर दिया।
अत: हानून ने दाऊद के दरबारियों को पकड़ा। प्रत्येक दरबारी की आधी दाढ़ी मूंड़ दी। उनके वस्त्र नितम्ब तक आधे काट दिए। तत्पश्चात् उन्हें भेज दिया।
सब इस्राएली कुल के लोग रहबआम को राजा बनाने के लिए शकेम नगर को गए। अत: रहबआम भी शकेम नगर गया।
यारोबआम ने एफ्रइम पहाड़ी पर शकेम नगर को पुन: निर्मित किया और वहाँ रहने लगा। तत्पश्चात् वह वहाँ से निकला। उसने पनूएल नगर का पुन: निर्माण किया।
उसने सत्तर किलो चांदी देकर शेमर से सामरी पहाड़ी को खरीदा और पहाड़ी पर किलाबन्दी की। वहाँ उसने एक नगर बसाया, और उस नगर का नाम सामरी पहाड़ी के मालिक शेमर के नाम पर ‘सामरी’ रखा।
यहूदा प्रदेश के राजा आसा के राज्यकाल के अड़तीसवें वर्ष में अहाब बेन-ओम्री ने इस्राएल प्रदेश पर राज्य करना आरम्भ किया। उसने सामरी नगर में इस्राएल प्रदेश की जनता पर बाईस वर्ष तक राज्य किया।
उसने प्रभु-भवन, राजमहल और यरूशलेम के मकानों में आग लगा दी। उसने यरूशलेम के सब बड़े मकान जला दिए।
अत: हानून ने दाऊद के दरबारियों को पकड़ा। उसने दरबारियों के बाल मूंड़ लिए। इनके वस्त्र कमर तक आधे काट दिए। तत्पश्चात् उन्हें विदा कर दिया।
दीबोन नगर के निवासी शोक मनाने के लिए पहाड़ी शिखर के मन्दिर पर गए। नबो और मेदबा नगरों के पतन के कारण मोआब राष्ट्र रो रहा है। शोक प्रकट करने के लिए सबके सिर मुंड़े हुए हैं, सबकी दाढ़ी मुंड़ी हुई है,
बड़े और छोटे − सब लोग इस देश में बेमौत मरेंगे, और उनकी लाश को गाड़नेवाला कोई नहीं मिलेगा। उनके लिए कोई मृत्यु-शोक भी नहीं मनाएगा। उनके लिए शोक प्रकट करने के लिए कोई अपने शरीर पर घाव नहीं करेगा, और न उनके लिए अपना सिर मूंड़ेगा।
पलिश्ती राष्ट्र का नगर-राज्य गाजा मानो गंजा हो गया। अश्कलोन बर्बाद हो गया। ओ अनाकीम के बचे हुए वंशजो, कब तक तुम पूजा के लिए अपने शरीर को घायल करते रहोगे?
‘प्रत्येक आदमी ने अपना सिर और अपनी दाढ़ी मूँड़ी है। उन्होंने शोक प्रकट करने के लिए अपने शरीर पर घाव किये हैं, और कमर में टाट का वस्त्र पहिना है।
‘जाओ, अब मेरे उस निवास-स्थान को जाओ, जो शीलोह नगर में था, जहां सर्वप्रथम मैंने अपना नाम प्रतिष्ठित किया था। अब उस को देखो। मैंने अपने निज लोग इस्राएलियों के दुष्कर्मों के कारण उसको तहस-नहस कर दिया है।
इसलिए, सुनो: जो भवन मेरे नाम से प्रसिद्ध है, और जिस पर तुम भरोसा करते हो, और जो मैंने तुम्हें और तुम्हारे पूर्वजों को दिया था, उसको मैं शीलोह के समान तहस-नहस कर दूंगा।
अपने वस्त्र नहीं, वरन् अपना हृदय विदीर्ण करो।’ ओ यहूदा देश, अपने प्रभु परमेश्वर की ओर लौट। वह कृपालु और दयालु है। वह विलम्ब क्रोधी और महा करुणा सागर है। वह दु:ख देकर पछताता है।
‘तुम अपने प्रभु परमेश्वर की संतान हो! इसलिए तुम मृत व्यक्ति के प्रति शोक प्रकट करने के लिए अपने शरीर पर घाव मत करना, और न भौहों के बाल मुंड़ाना।
इस्राएली समाज की समस्त मंडली शिलोह नगर में एकत्र हुई। उन्होंने वहाँ मिलन-शिविर की स्थापना की। समस्त देश पर उनका अधिकार हो चुका था। देश उनके सम्मुख प्रस्तुत था।
यूसुफ की अस्थियां इस्राएली लोग मिस्र देश से ले आए थे। उनको उन्होंने शकेम नगर के उस भूमि-भाग में गाड़ दिया जो याकूब ने शकेम के पिता हमोर के पुत्रों से चांदी के सौ सिक्कों में खरीदा था। इस भूमि-भाग पर यूसुफ के वंशजों का पैतृक-अधिकार था।
उन्होंने मीकाह की मूर्ति, जिसको उसने बनाया था, अपने उपयोग के लिए प्रतिष्ठित की। जिस दिन तक परमेश्वर का गृह शिलोह नगर में रहा, उतने दिन तक यह मूर्ति प्रतिष्ठित रही।
यरूब्बअल का पुत्र अबीमेलक अपने मामाओं के पास शकेम नगर को गया। वह अपने मामाओं तथा नाना के गोत्र के सब लोगों से बोला,
वह प्रतिवर्ष ऐसा ही करती थी; जब-जब वे प्रभु-गृह को जाते तब-तब पनिन्नाह हन्नाह को चिढ़ाती थी। हन्नाह रोती, और भोजन नहीं करती।