जब उसने देखा कि विश्रामस्थल अच्छा है, देश मनोहर है, तब उसने बोझ उठाने के लिए अपने कन्धे झुका दिए, और बेगार करने को गुलाम बन गया।
यिर्मयाह 40:9 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) गदल्याह बेन-अहीकाम ने शपथ खाकर आश्वासन दिया, ‘कसदी जाति के अधीन रहने से आप लोग मत डरिए। आप निश्चिंत होकर देश में रहिए और बेबीलोन के राजा की सेवा कीजिए। तब आपका भला होगा। पवित्र बाइबल शापान के पुत्र अहीकाम के पुत्र गदल्याह ने उन सैनिकों और उनके लोगों को अधिक सुरक्षित अनुभव कराने की शपथ खाई। गदल्याह ने जो कहा, वह यह है: “सैनिकों तुम लोग कसदी लोगों की सेवा करने से भयभीत न हो। इस प्रदेश में बस जाओ और बाबुल के राजा की सेवा करो। यदि तुम ऐसा करोगे तो तुम्हारा सब कुछ भला होगा। Hindi Holy Bible और गदल्याह जो अहीकाम का पुत्र और शापान का पोता था, उसने उन से और उनके जनों से शपथ खाकर कहा, कसदियों के आधीन रहने से मत डरो। इसी देश में रहते हुए बाबुल के राजा के आधीन रहो तब तुम्हारा भला होगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) गदल्याह जो अहीकाम का पुत्र और शापान का पोता था, उसने उनसे और उनके जनों से शपथ खाकर कहा, “कसदियों के आधीन रहने से मत डरो। इसी देश में रहते हुए बेबीलोन के राजा के आधीन रहो तब तुम्हारा भला होगा। सरल हिन्दी बाइबल यह सब देखते हुए शापान के पौत्र, अहीकाम के पुत्र, गेदालियाह ने उनके तथा सैनिकों के समक्ष यह कहते हुए शपथ ली: “कसदियों की सेवा करने का विचार तुम्हें भयभीत न करे, इसी देश में निवास करते हुए बाबेल के राजा की सेवा करते रहो, कि तुम्हारा हित हो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 गदल्याह जो अहीकाम का पुत्र और शापान का पोता था, उसने उनसे और उनके जनों से शपथ खाकर कहा, “कसदियों के अधीन रहने से मत डरो। इसी देश में रहते हुए बाबेल के राजा के अधीन रहो तब तुम्हारा भला होगा। |
जब उसने देखा कि विश्रामस्थल अच्छा है, देश मनोहर है, तब उसने बोझ उठाने के लिए अपने कन्धे झुका दिए, और बेगार करने को गुलाम बन गया।
गदल्याह ने सेनानायकों और उनके सैनिकों को शपथपूर्वक विश्वास दिलाया, ‘कसदी सेना-अधिकारियों से मत डरो। तुम यहां, अपने यहूदा प्रदेश में, निर्भयता से निवास करो। तुम बेबीलोन के राजा की सेवा करो। तब तुम्हारा भला होगा।’
“किन्तु जो जाति बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर की गुलामी के जूए को अपनी गर्दन पर रखेगी, और उसकी सेवा करेगी, उस को मैं उस के देश में रहने दूंगा, और वे अपनी भूमि को जोतेंगे, और वहीं बसे रहेंगे। मुझ-प्रभु की यह वाणी है।” ’
जो नगरी लोगों से भरी-पूरी थी, अब वह उजाड़ पड़ी है; वह विधवा के सदृश अकेली हो गई। जो कभी राष्ट्रों में महान थी, जो कभी नगरों में रानी थी, अब वह दासी बन गई, वह दूसरे राज्यों को कर चुकाती है।
भोजन-वस्तु प्राप्त करने के लिए हम अपने प्राण संकट में डालते हैं, क्योंकि निर्जन प्रदेश में लुटेरों की तलवार का डर है।